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Delhi Crime: आरोपी के नाम पर रजिस्टर कार में मिला था ड्रग्स, हाई कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते कही ये अहम बात

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक केस की सुनवाई करते हुए आरोपित तस्कर को जमानत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने इस दौरान कहा कि आरोपी के मोबाइल फोन की जांच में सामने आया था कि बरामद किए गए गांजे के साथ ही गांजा सप्लाई करने से जुड़े कई बिल की तस्वीर भी उसके मोबाइल में मिली थी। बता दें उसके पास से पुलिस ने 31 किलो गांजा बरामद किया था।

By Vineet Tripathi Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Sun, 16 Jun 2024 04:03 PM (IST)
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Delhi News: आरोपित के नाम पर पंजीकृत कार में मिला था ड्रग्स, जमानत याचिका खारिज। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने यह देखते एक आरोपित तस्कर को जमानत देने से इनकार कर दिय कि जिस वाहन से ड्रग्स बरामद हुआ था, वह आरोपित के नाम पर पंजीकृत थी। आगरा निवासी आरोपित के वाहन का पंजीकरण प्रमाण पत्र जांच एजेंसी ने अदालत के समक्ष पेश किया था।

आरोपित के मोबाइल में मिली थी गांजा सप्लाई करने से जुड़ी तस्वीरें

अदालत ने यह भी नोट किया कि आरोपित के मोबाइल फोन की जांच में सामने आया था कि बरामद किए गए गांजे के साथ ही गांजा सप्लाई करने से जुड़े कई बिल की तस्वीर भी मोबाइल में मौजूद थी। आरोपित को जमानत देने से इनकार करते हुए न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने पाया कि सह-आरोपित शकील द्वारा आरोपित अनुज को भेजा गया गांजा की तस्वीर भी मौजूद थी।

हालात को देखते आरोपित को जमानत देने का कोई आधार नहीं-कोर्ट

अदालत ने कहा कि फोरेंसिक रिपोर्ट से आरोपित के वाहन से मिले गांजा की पुष्टि हुई है और मामले में आरोपित के विरुद्ध आरोप भी तय किया जा चुका है। अदालत ने कहा कि उक्त तथ्यों व परिस्थितियों को देखते हुए आरोपित को जमानत देने का कोई आधार नहीं है और याचिका खारिज की जाती है।

आरोपी के पास से मिले थे 31 किलो गांजा

खुफिया सूचना पर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने बुद्ध बाजार रोड के पास आरोपित याचिकाकर्ता अनुज कुमार, फुरकान अहमद व शकील अहमद को 17 अक्टूबर 2021 को गिरफ्तार किया था और उसके पास से 31 किलो गांजा बरामद किया गया था। मामले में जमानत की मांग करते हुए आरोपित ने कहा कि उसे मामले में झूठा फंसाया गया है।

वहीं, याचिका का विरोध करते हुए अभियोजन पक्ष ने कहा कि आरोपित को मौके से गिरफ्तार किया गया है और वाहन उसके नाम पर पंजीकृत है। इतना ही नहीं याची व सह-आरोपितों के बीच वाट्सएप पर हुई बातचीत से भी स्पष्ट है कि वह ड्रग्स तस्करी में शामिल है।

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