Move to Jagran APP

डीएसईयू में दो से तीन गुना बढ़ी फीस, हर साल 10 प्रतिशत की होगी बढ़ोतरी

दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय (डीएसईयू) की फीस में बढ़ोतरी की गई है। साथ ही यह फैसला लिया गया है कि हर वर्ष 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि फंड की कमी के चलते यह फैसला लिया गया है। हालांकि फैसला वर्तमान अध्ययनरत छात्रों पर लागू नहीं होगा। डीएसईयू में 14 डिप्लोमा कोर्स चलाए जाते हैं।

By uday jagtap Edited By: Abhishek Tiwari Published: Mon, 24 Jun 2024 07:31 AM (IST)Updated: Mon, 24 Jun 2024 07:31 AM (IST)
डीएसईयू ने कोर्सों की फीस में बढ़ोतरी की है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय (डीएसईयू) ने कोर्सों की फीस में दो से तीन गुना की बढ़ोतरी की है। इससे आर्थिक रूप से वंचित छात्र चिंतित हो गए हैं और उनकी पढ़ाई पर संकट खड़ा हो गया है।

दूसरी ओर, विश्वविद्यालय ने अकादमिक परिषद की बैठक में हर साल 10 प्रतिशत फीस बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव पास किया है। यह फैसला आने वाले वक्त में छात्रों के लिए और मुश्किल खड़ी करेगा। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि फंड की कमी के चलते यह फैसला लिया गया है। हालांकि, फैसला वर्तमान अध्ययनरत छात्रों पर लागू नहीं होगा।

अब कितनी लगेगी फीस?

डीएसईयू में 14 डिप्लोमा कोर्स चलाए जाते हैं। छात्रों का कहना है कि पिछले वर्ष तक 8,500 रुपये के करीब फीस लगती थी। नवीन सत्र से इसे बढ़ाकर प्रतिवर्ष 33 हजार कर दिया है। आर्यभट्ट इंस्टीट्यूट अशोक विहार के एक छात्र ने कहा, दूसरे डिप्लोमा की फीस 33 हजार तक की गई है जबकि आर्किटेक्चर की फीस को विशेषतौर पर बढ़ाकर 63 हजार कर दिया गया है।

इतनी फीस बढ़ोतरी पड़ोसी राज्यों में भी नहीं है। हरियाणा में तो पांच हजार तक ही फीस लगती है। मेधावी छात्रों को 50 हजार तक प्रदान किए जाते हैं। डिप्लोमा करने वे छात्र आते हैं, जिनको रोजगार की जल्द जरूरत होती है और वे मोटी फीस नहीं भर सकते।

ऐसे सैकड़ों छात्र डीएसईयू में पढ़ रहे हैं। वे तो अगले वर्ष प्रवेश ही नहीं लेंगे। जब इंस्टीट्यूट डीटीई के तहत आते थे तब इनकी फीस आठ हजार रुपये प्रतिवर्ष सभी डिप्लोमा कोर्स की थी। तब ऐसी बढ़ोतरी नहीं देखी जाती थी। डीएसईयू के तहत आने के बाद फीस में एकाएक बढ़ोतरी की जा रही है।

हर साल 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी

पूरे मामले पर डीएसईयू के कुलपति प्रो. अशोक नगावत ने ने कहा, सरकार से जो ग्रांट मिल रही है, उससे संस्थानों में ढांचागत विकास के कार्य नहीं हो पा रहे हैं। इसलिए अकादमिक परिषद में दो से तीन गुना फीस बढ़ोतरी पर मुहर लगाई गई है। हर साल 10 प्रतिशत बढ़ोतरी पर स्वीकृति मिली है।

कोशिश की जा रही है कि सीएसआर से फंड लिया जाए, जिससे जरूरतमंद छात्रों की स्कोलरशिप देकर सहायता की जा सके। इन रुपयों का उपयोग शिक्षकों की सैलरी या एलटीसी देने में नहीं किया जाएगा। अगर कोई रियायत मिलती है, तो अकादमिक परिषद में फीस को घटाया भी जा सकता है।

शुरू किए गए नए कोर्स

उन्होंने कहा, कुछ नए कोर्स शुरू किए गए हैं। इससे खर्च बढ़ा है और उसका प्रबंधन किया जा रहा है। प्रयोगशालाओं की सुविधा बढ़ाई जा रही है। उन्होंने कहा, तीन साल बाद फीस बढ़ाई गई है। दिल्ली की दूसरे संस्थानों जैसे आइपीयू, आइआइआइटी से डीएसईयू की फीस काफी कम है।

दूसरी ओर, नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट प्रतिशत 10 प्रतिशत फीस बढ़ोतरी किए जाने के फैसले की निंदा की है। दिल्ली सरकार शिक्षा को स्ववित्त पोषित कर उसका पूर्णत: निजीकरण कर शिक्षा से अपना पल्ला झाड़ना चाहती है।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.