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DSGMC Election 2021: दिल्ली की सिख सियासत में अहमियत साबित करने को घमासान

DSGMC Election 2021 चुनाव लड़ रही तीन प्रमुख पार्टियों शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) और जग आसरा गुरु ओट (जागो) जीत के दावे कर रही है। शिअद बादल के सामने सत्ता बचाने की चुनौती है।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Fri, 20 Aug 2021 04:59 PM (IST)
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तीनों पार्टियों के अध्यक्ष एक दूसरे पर तीखे हमले बोल रहे हैं।

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के चुनाव में दो दिन शेष रह गए हैं। शुक्रवार शाम को चुनाव प्रचार थम गया है। चुनाव लड़ रही तीन प्रमुख पार्टियों शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल), शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) और जग आसरा गुरु ओट (जागो) जीत के दावे कर रही है। शिअद बादल के सामने सत्ता बचाने की चुनौती है वहीं, शिअद सरना आठ वर्षों के बाद सत्ता में वापसी की कोशिश में लगी हुई है। शिअद बादल से अलग होकर चुनाव में उतरी जागो के लिए दिल्ली की सिख सियासत में अपनी अहमियत साबित करने का मौका है। तीनों पार्टियों के अध्यक्ष एक दूसरे पर तीखे हमले बोल रहे हैं

हरमीत सिंह कालका (शिरोमणि अकाली दल बादल के प्रदेश अध्यक्ष)

इस बार का चुनाव सकारात्मक काम बनाम नकारात्मक प्रचार के बीच है। शिअद बादल के उम्मीदवार सिर्फ सकारात्मक बातों को लेकर संगत के बीच गए हैं। दो वर्षों में अपने किए गए कार्यों को लोगों के सामने रखकर समर्थन मांगा गया है। पार्टी ने कहीं भी कोई नकारात्मक बात नहीं की। प्रचार के दौरान पार्टी के नेता किसी तरह की कोई नकारात्मक बयानबाज़ी नहीं की है। दूसरी ओर हमारे विरोधी केवल दुष्प्रचार का सहारा ले रहे है। इन लोगों ने चार सौ बिस्तरों वाले कोरोना केयर सेंटर का विरोध किया। उसके बाद 125 बिस्तरों वाले कोरोना अस्पताल का विरोध किया और कोरोना पीड़ितों की मदद के खिलाफ अदालत से स्टे लिया। विरोधी चाहे जितना दुष्प्रचार करते रहें संगत सब देख रही है। परमजीत सिंह सरना व मनजीत सिंह जीके का पूरा चुनाव प्रचार नकारात्मक रहा है। हमारे विरोधियों के पास संगत के सामने पेश करने के लिए कोई मुद्दा नहीं था। इन्होंने शिअद बादल के खिलाफ दुष्प्रचार कर संगत को गुमराह करने का असफल प्रयास किया है।

परमजीत सिंह सरना (शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के अध्यक्ष)

बादल परिवार और डीएसजीएमसी अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा अपने राजनीतिक लाभ के लिए गुरुद्वारों की बहुमूल्य संपत्ति का दुरुपयोग कर रहे हैं। इस पर तत्पर लगाम लगाने की जरूरत है। वर्ष 2013 में जब मैंने सत्ता छोड़ी थी तब 120 करोड़ रुपये की रिजर्व राशि कमेटी के खजाने में थी। पिछले आठ वर्षों में यह राशि बढ़कर ढाई सौ करोड़ रुपये के लगभग होनी चाहिए थी, लेकिन अनुभवहीन प्रबंधन की वजह से आज गुरु का गोलक खाली हो गया है। भ्रष्टाचार की वजह से कमेटी के खातों की आडिट रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जा रही है। भ्रष्टाचार के आरोप में कमेटी के अध्यक्ष फंसे हुए हैं उनके विदेश जाने पर रोक लगा दी गई है। कमेटी के इतिहास में पहली बार अध्यक्ष के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। सेवा के नाम पर सिर्फ दिखावा हो रहा है। कमेटी के कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। इसे लेकर अदालत ने भी नाराजगी जताई है।

मनजीत सिहं जीके (जग आसरा गुरु ओट के अध्यक्ष)

शिरोमणी अकाली दल की स्थापना गुरद्वारों के प्रबंध को संभालने तथा पंथक परंपराओं की रक्षा करने के लिए हुई थी। मौजूदा समय में अकाली दल इसमें सक्षम नहीं है। सिखों से संबंधित मुद्दों व कल्याण के कार्य की अनदेखी हो रही है, क्योंकि पार्टी की सियासी इकई धार्मिक प्रबंध पर हावी हो गई है। धर्म की बेहतरी के लिए काम करने का सिर्फ दिखावा किया जा रहा है। सिखों की ईसाई धर्म में धर्मांतरण की घटनाएं बढ़ रही है। यह चिंता की बात है। अकाली दल वोटों की राजनीति के लालच में धर्मांतरण पर चुप है। गुरुद्वारे में आए धन का उपयोग सिख समुदाय के कल्याण के लिए करने के बजाय इसका दुरुपयोग राजनीतिक लाभ के लिए किया जा रहा है। बाला साहिब अस्पताल को रुकवाने के लिए हमारी तरफ से कोई मुकदमा नहीं डाला गया है। सिरसा जानबूझकर परमजीत सिंह सरना के साथ जागो पार्टी का नाम ले रहे हैं। यह सिरसा और सरना की आपसी लड़ाई है। यदि सिरसा जरूरी मंजूरी दिखा दें तो मैं साथ खड़ा होकर अस्पताल का उद्घाटन करवाने को तैयार हूं। भ्रष्टाचार के मामले में लुक आउट नोटिस जारी होने के बावजूद बादल परिवार सिरसा को संरक्षण दे रहे हैं। इसके विपरीत मेरे ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगते ही मैंने पद छोड़ दिया था।

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