कुछ लोगों ने मेट्रो का सहारा लिया, इससे मेट्रो में अधिक यात्री दिखाई दिए। लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। उधर, कर्मचारियों ने शाम को मुख्यमंत्री आतिशी से मुलाकात कर अपनी समस्याएं बताई हैं। सरोजिनी नगर सखी बस डिपो में विरोध अब तक जारी है।
करीब 250 चालक और परिचालक धरने में शामिल
डिपो से चौथे दिन भी डिपो से किसी भी बस का संचालन नहीं हो सका। महिला संविदा कर्मी डिपो के गेट पर ही धरने पर बैठी रहीं। इसके अलावा पुरुष संविदा कर्मियों ने डिपो के बाहर फुटओवर ब्रिज के पास धरना जारी रखा। इनकी संख्या चौथे दिन बढ़ गई। करीब 250 चालक व परिचालक धरने में शामिल रहे।वहीं, धरने के चलते दक्षिणी दिल्ली में बस स्टैंड पर यात्री घंटों तक बसों का इंतजार करते रहे। रिंग रोड पर एम्स बस स्टैंड पर यात्री बस के इंतजार में खड़े रहे। यात्री आरपी सिंह ने बताया कि उन्हें आनंद विहार जाना था, लेकिन एक घंटे से कोई बस नहीं आई। इसी तरह मोहम्मद सिराज ने बताया कि उन्हें तारा अपार्टमेंट जाने के लिए बस पकड़नी थी, दो घंटे से कोई बस नहीं आई।
ऑटो चालक मांग रहे दोगुना किराया
महिला सेल देवी ने बताया कि बस न आने की वजह से ऑटो चालक आनंद विहार जाने का दोगुना किराया मांग रहे हैं। नंद नगरी डिपो के पास, हर्ष विहार बस स्टैंड, मयूर विहार फेज-तीन, लक्ष्मी नगर, निर्माण विहार, प्रीत विहार, गोकलपुरी, यमुना विहार, सीमापुरी, सीलमपुर व अन्य इलाकों में सवारियां बस के इंतजार में खड़ी नजर आयीं। हालांकि हड़ताल के बावजूद कुछ रूटों पर क्लस्टर बसें चल रही थीं, जिसकी वजह से उस रूट के यात्रियों को थोड़ी कम परेशानी हुई।
बसों की हड़ताल के कारण कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन पर यात्रियों की भीड़। ध्रुव कुमारनंद नगरी डिपो वाले बस स्टैंड पर मिलीं श्वेता कुमारी ने कहा कि वह प्रतिदिन बस में ही यात्रा कर काम पर जाती हैं। लेकिन पिछले दो-तीन दिनों से हड़ताल की वजह से काम पर और घर पहुंचने में देरी हो जाती है। गोकलपुरी बस स्टैंड पर रामकिशोर बस का इंतजार कर रहे थे। कुछ लोगों ने उन्हें बताया कि बसों की हड़ताल की वजह से देरी हो जाएगी, लेकिन उनका कहना था कि मजदूरी करके पैसा कमाते हैं।
दिल्ली के इन इलाकों में लोग रहे परेशान
बस में किराया कम लगता है, इसलिए उसका मासिक पास भी बनवा रखा है। बसों की हड़ताल होने से महीने के अंतिम दिनों में पास का पैसा भी बेकार हो जाएगा। नई दिल्ली व मध्य दिल्ली में आईटीओ, कनॉट प्लेस में आने-जाने वाले यात्रियों को परेशान होना पड़ा। कॉलेजों में जाने वाले कर्मचारी बसें न मिलने के चलते देरी से संस्थान पहुंचे। उधर, बाहरी दिल्ली के ज्यादातर रुट प्रभावित रहे। बसों के लिए यात्रियों को इंतजार करना पड़ा।
ग्रामीण इलाकों में रुट पर चलने के बजाय बड़ी संख्या में डीटीसी की बसें कई जगहों पर रोड किनारे खड़ी देखी गईं। कंझावला चौक पर सुबह कुछ चालक-परिचालकों ने बसों का परिचालन बंद कर दिया और बसें रोड के किनारे खड़ी कर दीं। इसके बाद यहां से गुजरने वाली ज्यादातर बसों को यहां रोका गया और यहीं सवारियों को उतार दिया गया। इस कारण बड़ी संख्या में यात्रियों को परेशान होना पड़ा। शिव विहार से द्वारका जाने वाले रणधीर सिंह को कराला चौक पर उतरना पड़ा।
मंत्री ने DTC कर्मचारियों से मिलकर काम करने का किया अनुरोध
सतीश कुमार का कहना है कि आजादपुर जाना था, लेकिन बीच रास्ते में ही उतार दिया। किराया भी वापस नहीं मिला। महिला यात्री सुदेश ने बताया कि वे नरेला से आईं रही हैं और सुल्तानपुरी जाना है, लेकिन बीच रास्ते उतार दिया। अब बेटे को बुलाया है, उनके साथ मोटरसाइकिल पर घर जाएंगी। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रदूषण के कारण चिकित्सा आपातकाल का हवाला देते हुए डीटीसी कर्मचारियों से मिलकर काम करने का अनुरोध किया है।
राय ने कहा, "मैं उन लोगों (डीटीसी कर्मचारियों) के संपर्क में हूं और मैं अनुरोध करना चाहता हूं कि वे जानें कि यह एक चिकित्सा आपातकाल है और हम सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है।" बता दें कि सरोजनी नगर सखी डिपो में चार दिन पहले महिला संविदा कर्मचारियों ने समान कार्य, समान वेतन की मांग को लेकर धरना दिया। बाद में इसमें पुरुष कर्मचारी शामिल हो गए। धीरे-धीरे दिल्ली के अन्य डिपो के कर्मचारियों ने डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के नेतृत्व में हड़ताल शुरू कर दी।
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