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DTC ड्राइवर नहीं कर पाएंगे कई शिफ्ट में काम, बायोमेट्रिक फेशियल सिस्टम खरीदेगी सरकार; हादसे पर लग सकेगी रोक

दिल्ली सरकार ने डीटीसी और क्लस्टर बस के ड्राइवरों को कई शिफ्टों में काम करने से रोकने के लिए एक बायोमेट्रिक फेशियल रिकग्निशन सिस्टम खरीदने का फैसला किया है। नई प्रणाली के तहत ड्राइवरों को एक दिन में केवल एक ही शिफ्ट में काम करने की अनुमति होगी और डिपो प्रबंधकों को यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा कि नियमों का पालन किया जाए।

By sanjeev Gupta Edited By: Sonu Suman Updated: Thu, 05 Sep 2024 09:27 PM (IST)
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दिल्ली सरकार बस डिपो के लिए बायोमेट्रिक फेशियल रिकग्निशन सिस्टम खरीद रही है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) और क्लस्टर बस के ड्राइवर अब कई शिफ्टों में काम नहीं कर पाएंगे। दिल्ली सरकार ड्राइवरों को कई शिफ्टों में काम करने से रोकने के निमित्त अपने बस डिपो के लिए बायोमेट्रिक फेशियल रिकग्निशन सिस्टम खरीद रही है। डीटीसी और कलस्टर बसों से जुड़ी कई दुर्घटनाओं के बाद परिवहन विभाग यह एहतियाती कदम उठा रहा है।

परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कई ऐसे मामले सामने आए हैं कि ड्राइवर एक दिन में कई शिफ्ट में एक से अधिक ऑपरेटर के साथ काम करते हैं। इससे थकावट होती है और ड्राइवर को झपकी आने के मामले सामने आए हैं। अधिकारी ने बताया कि अप्रैल में सीसीटीवी कैमरे की फुटेज सामने आई थी, जिसमें कथित तौर पर एक ड्राइवर को बस चलाते समय झपकी लेते हुए दिखाया गया था, जो दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी।

नई प्रणाली आने के बाद डिपो प्रबंधक पर होगी कार्रवाई

ऐसा ही एक मामला जुलाई में सामने आया था जिसमें पश्चिमी दिल्ली में शिवाजी पार्क मेट्रो स्टेशन के पास दिल्ली परिवहन निगम की एक बस एक खंभे से टकरा गई, जिससे एक महिला की मौत हो गई और 34 लोग घायल हो गए। अधिकारी ने बताया कि नई पहचान प्रणाली स्थापित होने के बाद डिपो प्रबंधकों को जिम्मेदार मानते हुए कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि पिछले माह परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा था कि हाल की घटनाओं ने यात्रियों की सुरक्षा की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे ड्राइवरों की जांच करने के लिए सख्त उपाय किए जाएं।

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