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दिल्ली मेट्रो के बाद DTC ने दिल्लीवासियों को दी गुड न्यूज, स्टॉप पर हर 10 से 12 मिनट में मिलेंगी बसें

दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक के बाद एक कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) बसों के फेरे बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है। इसके तहत सभी बसें सड़कों पर उतारी जाएंगी। वर्तमान में बस स्टॉप पर हर 15-30 मिनट के अंतराल में पहुंचने वाली बसों का समय 10 से 12 मिनट किया जाएगा।

By Jagran News Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Wed, 23 Oct 2024 02:04 PM (IST)
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बसों की परिचालन व्यवस्था सुधारने के लिए दिल्ली परिवहन निगम ने कदम बढ़ाया। फाइल फोटो- जागरण
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने भी कमर कस ली है। दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग के निर्देश पर डीटीसी बसों के फेरे बढ़ाने की योजना बना रही है। इसके तहत रणनीति यह है कि सभी बसें सड़कों पर उतारी जाएं।

वर्तमान में बस स्टॉप पर हर 15-30 मिनट के अंतराल में पहुंचने वाली बसों का समय 10 से 12 मिनट किया जाए। इस बात पर भी जोर दिया जा रहा है कि एक ही रूट की एक साथ स्टॉप पहुंचने वाली बसों की समस्या भी दूर की जाए।

जानकारों का कहना है 300 इलेक्ट्रिक बसों की हड़ताल के चलते इस योजना को जमीन पर उतार पाना एक बड़ी चुनौती है। इससे पहले दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (डीएमआरसी) ने दिल्ली मेट्रो के 40 अतिरिक्त फेरे लगाने का एलान किया है।

एक साथ पहुंचती हैं कई बसें

अभी अक्सर एक ही रूट पर एक साथ दो या तीन तक बसें पहुंचती हैं। हालांकि चालकों का कहना है कि रास्ते में जाम लगने के कारण यह समस्या आती है। अधिकारियों का यह भी यही कहना है कि कई बार बसें जाम में फंस जाती हैं। ऐसे में उसकी फ्रीक्वेंसी बाधित होती है। अधिकारी ने कहा कि बसें जाम में न फंसे इसको लेकर ट्रैफिक पुलिस के साथ बैठक की जाएगी।

दिल्ली में अभी चलती हैं कितनी बसें?

बता दें कि राजधानी में सार्वजनिक बसों की बात करें तो यहां 11 हजार बसों की जरूरत है, लेकिन 7582 बसें ही उपलब्ध हैं। इसमें 3,141 बसें डिम्ट्स और 4,441 बसें डीटीसी की हैं। दिल्ली सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक दिल्ली में कुल 10,480 बसें उपलब्ध हो। इसमें 80 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसें होंगी। दिल्ली की सड़कों पर डीटीसी की 1650 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं।

दिल्ली-एनसीआर में लागू हैं ग्रेप-2 के नियम

दरअसल, दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में पहुंचने के बाद मंगलवार से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप-2) के तहत कुछ पाबंदिया लगाई गई हैं। 

इसके साथ ही प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए लोगों से दफ्तर आने-जाने के लिए निजी वाहन की बजाय डीटीसी बस, दिल्ली मेट्रो जैसे सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। साथ ही इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर कोयले के व्यवसायिक और घरेलू उपयोग पर रोक लगाई गई है।

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