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DU: अंतिम स्पॉट राउंड पूरा, नहीं भरीं ग्रेजुएशन की सीटें; 68 कॉलेजों में 71 हजार छात्रों ने किया था आवेदन

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में 14 जून से स्नातक में प्रवेश के लिए शुरू हुई प्रक्रिया 30 सितंबर शनिवार को खत्म हो जाएगी। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी डीयू की पूरी सीटें नहीं भर सकी हैं हालांकि आधिकारिक रूप से कितनी सीटें खाली हैं इसकी जानकारी विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से जारी नहीं की गई है। 68 कालेजों में 71 हजार सीटों पर प्रवेश आमंत्रित किए थे।

By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavUpdated: Sat, 30 Sep 2023 08:01 AM (IST)
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DU: अंतिम स्पॉट राउंड पूरा, नहीं भरीं ग्रेजुएशन की सीटें।

उदय जगताप, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में 14 जून से स्नातक में प्रवेश के लिए शुरू हुई प्रक्रिया 30 सितंबर शनिवार को खत्म हो जाएगी। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी डीयू की पूरी सीटें नहीं भर सकी हैं। हालांकि, आधिकारिक रूप से कितनी सीटें खाली हैं, इसकी जानकारी विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से जारी नहीं की गई है।

अंतिम स्पाट राउंड जारी करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय ने खाली सीटों की सूची जारी की थी, इसमें काफी सीटें खाली हैं, जिनका भरना स्पाट राउंड में भी मुश्किल ही है। दिल्ली विश्वविद्यालय ने 68 कॉलेजों में 71 हजार सीटों पर प्रवेश आमंत्रित किए थे। इनमें विभिन्न कैटेगरी के लिए अतिरिक्त सीटें अलग से थीं।

सीयूईटी में आवेदन करने के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश की सर्वाधिक छात्रों ने इच्छा जताई थी। बीकॉम और बीकॉम आनर्स कार्सों में प्रवेश के लिए सीयूईटी में आवेदन करते वक्त सवा लाख से अधिक छात्रों ने इनको चुना था, लेकिन कुछ कालेजों में इन कार्सोँ में भी सीटें खाली रह गई हैं।

अंतिम स्पाट राउंड में उनके भरने की कम ही गुंजाइश है। विश्वविद्यालय में स्नातक में दाखिले के लिए छह राउंड पूरे हो चुके हैं। फिर भी पूरी 71 हजार सीटें नहीं भर पाई हैं। अंतिम विशेष राउंड के लिए जारी की गई खाली सीटों की सूची में करीब दो हजार से अधिक सीटें खाली हैं। स्वामी श्रद्धानंद कालेज में बीकाम की 58 सीटें सामान्य श्रेणी में ही खाली हैं। बीकॉम आनर्स में भी 14 सीटें खाली हैं।

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आखिर क्यों नहीं भर पाईं दिल्ली विश्वविद्यालय में सीटें

स्नातक में प्रवेश प्रक्रिया पूरी कराने के लिए डीयू प्रशासन की ओर से कोई कसर नहीं छोड़ी गई। उन्होंने छह राउंड तक सीटें भरने का प्रयास किया, लेकिन सीयूईटी की प्रक्रिया ही देरी से शुरू हुई। सीयूईटी के परिणाम जारी होने में भी काफी वक्त लग गया, जबकि इससे पहले ही विश्वविद्यालय पंजीकरण की शुरुआत कर चुकी थी।

ऐसे में कई छात्रों ने प्राइवेट संस्थानों में प्रवेश ले लिया। डीयू ने प्रवेश सामान्य सीट आवंटन प्रणाली (सीएसएएस) के तहत प्रवेश आयोजित किए। छात्रों को इसे समझने में परेशानी हुई। डीयू ने वेबिनार का आयोजन कर प्रक्रिया समझाई, लेकिन छात्र विषय और संयोजन को ठीक से नहीं समझ सके। उन्होंने चुनिंदा कॉलेज चुने और बाद में दूसरे कालेजों में उन्हें प्रवेश नहीं मिल सका। कई छात्र अपनी बारी का इंतजार करते रहे और प्राइवेट संस्थान या एसओएल में प्रवेश ले लिया। अब उन्हें प्रवेश के लिए सीटें दी जा रही हैं, लेकिन वे लेने के इच्छुक नहीं हैं।

डीयू के कुलपति ने जताई चिंता

कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने स्नातक में सभी प्रयासों के बावजूद सीटें खाली रहने पर चिंता व्यक्त की है। सूत्रों की मानें, तो पिछले दिनों उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी। उन्होंने एक कमेटी बनाकर विचार करने को कहा है, जिससे कि खाली रह रहीं सीटों की समस्या से निपटा जा सके, हालांकि कमेटी के गठन की कोई सूचना अभी तक सार्वजनिक नहीं हुई है।

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