Delhi: वेतन जारी करने की मांग को लेकर डीयू के शिक्षकों ने हाई कोर्ट में दायर की याचिका
याचिका में कहा गया है कि शिक्षकों के अलावा अन्य कर्मचारियों को मई जून जुलाई और अगस्त के महीनों का वेतन प्राप्त नहीं हुआ है।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Tue, 15 Sep 2020 04:58 PM (IST)
नई दिल्ली, प्रेट्र। दिल्ली विश्वविद्यालय से संबंद्ध 12 कॉलेजों में पिछले चार महीने से शिक्षकों एवं कर्मचारियों को वेतन न मिलने का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ शिक्षकों ने मंगलवार को हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है। याचिका पर सुनवाई 17 सितंबर को सुनवाई होने की संभावना है।
याचिका में कहा गया है कि शिक्षकों के अलावा अन्य कर्मचारियों को मई, जून, जुलाई और अगस्त के महीनों का वेतन प्राप्त नहीं हुआ है। अधिवक्ता अशोक अग्रवाल और कुमार उत्कर्ष के माध्यम से याचिका दायर करने वाले आठ शिक्षकों ने कहा कि वे दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (DUTA) के सदस्य हैं। याचिका में वेतन देने के लिए दिल्ली सरकार को आदेश देने की मांग की गई है।तीन दिन हड़ताल की घोषणा
वहीं, दिल्ली विश्वविद्यालय से संबंद्ध 12 कॉलेजों में चार महीने से शिक्षकों एवं कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने के मामले में डूटा (दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ) ने तीन दिन हड़ताल की घोषणा की है। डूटा ने विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों से 16, 17 एवं 18 सितंबर को हड़ताल में शामिल होने की अपील की है।
डूटा के उपाध्यक्ष आलोक रंजन पांडेय ने कहा कि सरकार ने कुछ कॉलेजों के लिए धनराशि जारी जरूर की है, लेकिन वह अपर्याप्त है। इसलिए शिक्षक संघ ने हड़ताल का फैसला किया है। हमारी बस यही मांग है कि दिल्ली सरकार शिक्षकों की पीड़ा समझे और अनुदान जारी करे। हालांकि, डूटा के भूतपूर्व कोषाध्यक्ष राजेश उपाध्याय ने सोमवार को एक ऑनलाइन प्रेसवार्ता में कहा कि शिक्षकों को वेतन नहीं मिलने का मामला डूटा ने प्रभावी ढंग से नहीं उठाया। डूटा को इस मामले को लेकर सड़कों पर उतरना चाहिए।
ऑनलाइन कक्षाओं से 50 फीसद छात्र नदारदकेशव महाविद्यालय द्वारा ऑनलाइन शिक्षा एवं दिल्ली विश्वविद्यालय के अंदर सामाजिक न्याय की लड़ाई विषय पर ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन किया। मुख्य वक्ता प्रो. हंसराज सुमन ने कहा कि लैपटॉप, स्मार्टफोन आदि के अभाव के चलते छात्र ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। फिलहाल तीसरे और पांचवें सेमेस्टर की कक्षाएं ऑनलाइन संचालित की जा रही हैं। इन कक्षाओं में छात्रों की उपस्थिति 40 से 50 फीसदी है जो छात्र कक्षा ले रहे हैं उनके पास अध्ययन सामग्री का अभाव है।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो
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