दोपहर 2 बजे इंडिया गेट 'गायब', दिल्ली में 'बेहद खराब' श्रेणी में AQI; इन चीजों के इस्तेमाल पर है पाबंदी
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के साथ कई इलाकों में स्मॉग की चादर छाई हुई है। इस बीच मंगलवार दोपहर दो बजे कर्तव्य पथ पर स्मॉग और प्रदूषण के कारण इंडिया गेट ओझल हो गया। बीते सोमवार से राजधानी की हवा बेहद खराब श्रेणी में बनी हुई है। दोपहर दो बजे दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 207 दर्ज किया गया।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के साथ कई इलाकों में स्मॉग की चादर छाई हुई है। इस बीच, मंगलवार दोपहर दो बजे कर्तव्य पथ पर स्मॉग और प्रदूषण के कारण इंडिया गेट ओझल हो गया।
बीते सोमवार से राजधानी की हवा "बेहद खराब' श्रेणी में बनी हुई है। दोपहर दो बजे दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 207 दर्ज किया गया। वहीं, सुबह नौ बजे के करीब औसत एक्यूआई 317 रिकॉर्ड किया गया था।
दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप-2 लागू
हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में पहुंचने के बाद आज मंगलवार सुबह आठ बजे से दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप दो की पाबंदिया लगाई गई हैं। अगले कुछ दिनों तक प्रदूषण के स्तर में सुधार की कोई खास संभावना नहीं है।
इसके साथ ही राजधानी क्षेत्र में इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटर के कमर्शियल और इंडस्ट्रियल इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है। साथ ही खुले में लकड़ी और कूड़ा जलाने पर पाबंदी लगाई गई है।
इमरजेंसी सेवाएं जिन्हें प्रतिबंध से मिली है छूट
स्वास्थ्य सेवा, रेलवे, एस्केलेटर, ट्रेवलेटर, मेट्रो रेल, एयरपोर्ट, अंतरराज्यीय बस अड्डे, वाटर पंपिंग स्टेशन, सीवरेज शोधन संयंत्र, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी परियोजनाएं व दूर संचार सेवाएं।
बता दें कि 0 से 50 के बीच का AQI अच्छा माना जाता है, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब, 401 से 450 के बीच गंभीर और 450 से ऊपर गंभीर माना जाता है।
कहां कितना है AQI?
स्थान | AQI |
अशोक विहार |
212 |
बवाना इंडस्ट्रियल एरिया | 210 |
दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ टूल इंजीनियरिंग |
233 |
जीटीबी नगर | 227 |
आईटीआई जहांगीरपुरी | 293 |
आईटीआई शाहदरा | 273 |
लोनी | 250 |
रोहिणी | 228 |
प्रशांद विहार | 235 |
(एक्यूआई का यह आंकड़ा दोपहर 2 बजे का है।)
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आनंद विहार में सबसे ज्यादा है प्रदूषण
दिल्ली एनसीआर में जैसे ही सर्दियों की शुरुआत होती है वैसे ही लोगों को प्रदूषण बढ़ने की चिंता सताने लगती है। पिछले वर्ष आंकड़ों की बात करें तो आनंद विहार और उसके आसपास के इलाकों का एक्यूआई एक हजार से अधिक पहुंच गया था।
आनंद विहार और उसके आसपास के इलाकों की स्थिति पिछली साल ही ऐसी नहीं थी, बल्कि हर वर्ष कमोबेश यही रहती है। इसका पीछे के कारणों पर जाएं तो आनंद विहार से सटा हुआ गाजियाबाद का साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र साइट चार अहम भूमिका निभाता है। यहां पर फैक्ट्रियों से निकलना वाला धुआं प्रदूषण की स्थिति और अधिक गंभीर कर देता है।