Kisan Andolan: इस एक बड़ी वजह से भी आंदोलन से दूरी बना रहे यूपी, पंजाब और हरियाणा के किसान
Kisan Andolan फिलहाल गेहूं की कटाई में जुटे किसानों को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि गर्मी बढ़ने के साथ लू चलने की वजह से वह शायद ही चारों बॉर्डर (टीकरी शाहजहांपुर सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर) पर वापस आएं।
By Jp YadavEdited By: Updated: Mon, 12 Apr 2021 09:10 AM (IST)
नई दिल्ली/गाजियाबाद [अभिषेक सिंह]। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में यूपी बॉर्डर पर तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में चल रहा धरना-प्रदर्शन बेहद फीका पड़ गया है। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत और प्रवक्ता राकेश टिकैत समते तमाम दिग्गज किसान नेताओं की उपस्थिति भी अब किसान आंदोलन में जान नहीं डाल पा रही है। इसे कई बार देखा गया है। पिछले बार हुई किसानों की महापंचायत में भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत किसान की घटती भीड़ देखकर मायूस भी हुए थे।
वहीं इस बीच किसान की भीड़ कम होने की एक और बड़ी और अहम वजह सामने आई है। बताया जा रहा है कि ज्यादातर किसान आंदोलनकारी अपनी गेहूं की फसल की कटाई में व्यस्त हैं, ऐसे में उन्होंने आंदोलन से दूरी बना ली है। यह भी कहा जा रहा है कि गर्मी बढ़ने के साथ लू चलने के कारण दिक्कत आनी तय है। सर्दियों में कई किसानों की जान चली गई थी, ऐसे अब चारों बॉर्डर (टीकरी, शाहजहांपुर, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर) पर अब किसान वापस आने के मूड़ में भी नहीं हैं।
गौरतलब है कि 28 नवंबर से यूपी गेट सहित अन्य स्थानों पर धरने पर बैठे कृषि कानून विरोधियों ने शनिवार को ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर रफ्तार भर रहे वाहनों की राह में भी रोड़ा बनने की कोशिश की है। वो भी उस वक्त जब खेतों में गेहूं की सुनहरी बालियां किसानों की झोली खुशियों से भरने के लिए तैयार खड़ी हैं।
देश के चर्चित विशेषज्ञ डॉक्टर ने बताया- आखिर कैसे 3-4 हफ्ते में खत्म हो सकती है कोरोना की लहर
उनकी इस हरकत ने खेत में डटे उन किसानों को मजबूती दी जो 26 जनवरी के बाद कृषि विरोधी आंदोलन में शामिल लोगों को किसान नहीं मान रहे हैं। यही वजह है कि खेतों में कृषि कानून विरोधी आंदोलन से कन्नी काटने वालों की संख्या बढ़ रही है और आंदोलन स्थल पर सन्नाटा पसरता जा रहा है।
राकेश टिकैत ने फिर दिया भड़काऊ बयान, कहा- हरियाणा के सीएम के लिए बनाए गए हेलीपैड को खोद देंगे किसान
वो धरने पर बैठे, हमने खेतों में बहाया पसीना रईसपुर में गेहूं के खेत में ही मौजूद मधुर चौधरी बताते हैं कि एक तरफ जहां गाजियाबाद के यूपी गेट पर नवंबर से धरना दिया जा रहा है दूसरी तरफ इस दौरान किसानों ने रात-दिन एक कर खेतों में पसीना बहाया और अब उसका फल प्राप्त करने का समय आया है।दिल्ली से जेवर एयरपोर्ट के बीच चलेगी मेट्रो ट्रेन ! ग्रेटर नोएडा से सिर्फ 25 मिनट में पहुंचेंगे यात्री; पढ़िये- पूरा प्लान
ज्यादातर किसानों का कहना है कि गेहूं की कटाई होगी तो घर में रुपये आएंगे। इससे जरूरी काम कर सकेंगे, अगर वह भी आंदोलन में जाते तो आज खेत में गेहूं न होता और साल भर आर्थिक तंगी के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता। न केवल किसान बल्कि उन मजदूरों को भी परेशानी झेलनी पड़ती जो गेहूं की कटाई के लिए आते हैं और इससे अपने परिवार के लिए रोजी रोटी का इंतजाम करते हैं।राकेश टिकैत बोले, केंद्र सरकार आमंत्रित करे तो किसान वार्ता को तैयार, साथ ही रख दी बड़ी शर्त
किसान मधुर चौधरी का यह भी कहना है कि मैं रईसपुर में रहता हूं, आज तक कृषि कानून विरोधी आंदोलन में शामिल होने के लिए नहीं गया हूं। आम लोगों की राह में रुकावट बनने से किसानों का ही नुकसान है। दीपक (मजदूर) के मुताबिक. किसान परिवार में चार सदस्य हैं। गेहूं की कटाई करने के लिए आया हूं। इससे ही रोजी रोटी का इंतजाम होगा न कि कृषि कानून विरोधियों द्वारा किए जा रहे आंदोलन में शामिल होने से, इसलिए किसी के कहने पर भी कभी वहां नहीं गया।
ये भी पढ़ेंः DTC बसों में कोरोना के कारण यात्रियों की संख्या कम की गई, अब सिर्फ इतनी सीटों पर बैठ सकते हैं लोगचोखेलाल (मजदूर) का कहना है कि मेरे परिवार में चार सदस्य हैं, भाई की मौत हो चुकी है। उनके परिवार की भी देखभाल करता हूं। गेहूं काटने से आमदनी होगी और घर खर्च चलेगा। इसे भी पढ़ेंः दिल्ली में कोरोना के मरीजों को सरकार ने दी बड़ी राहत, 14 निजी अस्पताल कोविड हॉस्पिटल घोषित; देखें लिस्ट
Tablighi Jamaat: रमजान में नमाजियों के लिए खुला रहेगा निजामुद्दीन मरकज, हाई कोर्ट में केंद्र ने दी जानकारीरोली सिंह (जिला खाद्य विपणन अधिकारी, गाजियाबाद) का कहना है कि गेहूं की खरीद शुरू हो चुकी है। अब तक 55 किसानों ने 2,560 क्विंटल गेहूं बेचा है। इस बार गेहूं की पैदावार भी अच्छी हुई है। 1.30 लाख क्विंटल क्विंटल का उत्पादन जिले में होने का अनुमान है।
इसे भी पढ़ेंः चैत्र नवरात्र में श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी, कालकाजी मंदिर में ई-पास से भी हो सकेंगे मां के दर्शन Delhi Metro में यात्रियों का सफर आसान करने की तैयारी, आज से एक महीने तक चलेगा सर्वे; जानें- कैसे ले सकते हैं हिस्सा
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।ये भी पढ़ेंः DTC बसों में कोरोना के कारण यात्रियों की संख्या कम की गई, अब सिर्फ इतनी सीटों पर बैठ सकते हैं लोगचोखेलाल (मजदूर) का कहना है कि मेरे परिवार में चार सदस्य हैं, भाई की मौत हो चुकी है। उनके परिवार की भी देखभाल करता हूं। गेहूं काटने से आमदनी होगी और घर खर्च चलेगा। इसे भी पढ़ेंः दिल्ली में कोरोना के मरीजों को सरकार ने दी बड़ी राहत, 14 निजी अस्पताल कोविड हॉस्पिटल घोषित; देखें लिस्ट
Tablighi Jamaat: रमजान में नमाजियों के लिए खुला रहेगा निजामुद्दीन मरकज, हाई कोर्ट में केंद्र ने दी जानकारीरोली सिंह (जिला खाद्य विपणन अधिकारी, गाजियाबाद) का कहना है कि गेहूं की खरीद शुरू हो चुकी है। अब तक 55 किसानों ने 2,560 क्विंटल गेहूं बेचा है। इस बार गेहूं की पैदावार भी अच्छी हुई है। 1.30 लाख क्विंटल क्विंटल का उत्पादन जिले में होने का अनुमान है।
इसे भी पढ़ेंः चैत्र नवरात्र में श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी, कालकाजी मंदिर में ई-पास से भी हो सकेंगे मां के दर्शन Delhi Metro में यात्रियों का सफर आसान करने की तैयारी, आज से एक महीने तक चलेगा सर्वे; जानें- कैसे ले सकते हैं हिस्सा