Durga Puja 2023: मां दुर्गा के आगे ढाक बजाकर बेटे को बना दिया डॉक्टर, कहा- आखिरी सांस तक करूंगा ये काम
Durga Puja 2023 नई दिल्ली व पुरानी दिल्ली के दुर्गा पूजा पंडालों में लगभग 100 से ज्यादा ढाकियों का एक माह तक बसेरा रहता है। रोशनी से जगमग दुर्गा पूजा पंडाल में ढाकी की धुन जब बजती है तो हर कोई झूम उठता है। बंगाल की प्राचीन प्रथाओं के साथ आरती व अंजलि के दौरान ढाकिया पारंपरिक धुन बजाते हैं।
By Nihal SinghEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Tue, 24 Oct 2023 10:42 AM (IST)
चंद्र प्रकाश मिश्र , नई दिल्ली। नवरात्रि में मां दुर्गा का स्वागत से विसर्जन तक ढाकिया बिना अधूरा रहता है। रोशनी से जगमग दुर्गा पूजा पंडाल में ढाकी की धुन जब बजती है तो हर कोई झूम उठता है। बंगाल की प्राचीन प्रथाओं के साथ आरती व अंजलि के दौरान ढाकिया पारंपरिक धुन बजाते हैं।
वहीं धुनूची नृत्य व सिंदूर खेला व विसर्जन के दौरान बंगाली वेषभूषा में महिलाओं का ढाकी के धुन पर नृत्य काफी चर्चा में रहता है। नवरात्रि में बांग्लादेश के कोलकाता, ढाका व विभिन्न जिलों से देश के कोने-कोने तक हो रही दुर्गा पूजा पंडालों में ढाकियाओं को आमंत्रित किया जाता है।
एक माह तक रहता है ढाकियों का बसेरा
नई दिल्ली व पुरानी दिल्ली के दुर्गा पूजा पंडालों में लगभग 100 से ज्यादा ढाकियों का एक माह तक बसेरा रहता है।
मिंटो रोड दुर्गा पूजा पंडाल में पहुंचे बांग्लादेश के मोहनपुर सुटिया गांव से ढाकिया मनोरंजन धराई ने बताया कि वह कई वर्षो से अपने साथियों संग लगातार दिल्ली आ रहे हैं।
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