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Durga Puja: दिल्ली में सिंदूर खेलकर महिलाओं ने दी मां दुर्गा को विदाई, पंडालों में हुई पूजा-अर्चना; देखें तस्वीरें

Durga Puja 2023 नौ दिनों तक चलने वाली नवरात्र पूजा और पांच दिनों के दुर्गा पूजा उत्सव के समापन के मौके पर राजधानी दिल्ली के विभिन्न पंडालों में सुबह से ही रौनक रही। इस मौके पर सिंदूर खेला की रस्म कर महिलाओं ने देवी दुर्गा को विदाई दी। इसके बाद भक्तों ने नम आंखों से मां दुर्गा को विदाई दी।

By Shipra SumanEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Tue, 24 Oct 2023 03:44 PM (IST)
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Durga Puja 2023: सिंदूर खेलकर महिलाओं ने दी मां दुर्गा को विदाई
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। नौ दिनों तक चलने वाली नवरात्र पूजा और पांच दिनों के दुर्गा पूजा उत्सव के समापन के मौके पर क्षेत्र के विभिन्न पंडालों में सुबह से ही रौनक रही। इस मौके पर सिंदूर खेला की रस्म कर महिलाओं ने देवी दुर्गा को विदाई दी।

पंडालों में सुबह-सुबह ही महिलाओं ने मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की और एक दूसरे को सिंदूर लगाया। इस दौरान पूजा पंडाल में उपस्थित महिलाओं ने एक-दूसरे के साथ जमकर सिंदूर खेल खेला। इसके बाद भक्तों ने नम आंखों से मां को विदाई दी गई।

मुख्य रूप से बंगाली व असमिया समुदाय की ओर से बनाए गए पंडालों में यह सिंदूर खेला देखने को मिला, जिसमें स्थानीय लोगों ने भी श्रद्धा व उल्लास भाव के साथ शिरकत की।

रोहिणी सेक्टर 13 के अग्रणी दुर्गा पूजा समिति के पंडाल व प्रशांत विहार के दुर्गा पंडाल में महिलाओं ने देवी दुर्गा की पूजा अर्चना कर उन्हें विदाई दी।

वहीं रोहिणी सेक्टर सात के बिहारी एकता मंच समिति और किराड़ी के दुर्गा पंडाल में भी भक्तों ने देवी दुर्गा को विदाई दी। इस दौरान भक्तों के लिए भंडारे भी आयोजित किए गए।

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वैसे तो नवरात्र के पहले दिन से ही घरों में मां दुर्गा की पूजा शुरू होती है। लेकिन, पूजा पंडालों में पांच दिन की विधिवत पूजा के बाद बंगाली परंपरा के अनुसार सिंदूर खेला के लिए महिलाओं में अलग ही उत्साह देखा जाता है।

षष्ठी से पूजा पंडालों में मां दुर्गा की पूजा शुरू हो जाती है जो विजयादशमी की सुबह तक चलती है। श्रद्धालु व रोहिणी निवासी सुदेशना ने बताया कि सिंदूर खेला के बाद मां को विदाई के साथ दुर्गा पूजा समाप्त हो जाती है।

इस मौके पर दुर्गा मां को अगले वर्ष फिर से आने के लिए आमंत्रण भी दिया जाता है। इस आयोजन में ज्यादातर महिलाएं लाल और सफेद रंग मिली-जुली साड़ी पहनती हैं। एक दूसरे को सिंदूर लगाकर शुभकामनाएं देने के बाद पंडालों में होली जैसा माहौल होता है।

विसर्जन में झूमे श्रद्धालु 

विजयादशमी पर अलग-अलग पंडालों व घरों में विराजमान की गई देवी दुर्गा की विदाई के बाद प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। विसर्जन के लिए निकली श्रद्धालुओं की टोली झूमते-गाते हुए विसर्जन स्थल की ओर बढ़ते हैं।

क्षेत्र के बादली स्थित मुनक नहर में मुख्य रूप से मूर्तियों का विसर्जन किया गया। इस मौके पर भक्तों ने अबीर-गुलाल उड़ाकर माता रानी के गीतों में नृत्य किया।

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