DUSU Election 2023: वामपंथी संगठन नहीं दिखा सके दम, कुछ प्रत्याशियों को नोटा से भी कम मिले वोट
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में वामपंथी छात्र संगठन अपना दम नहीं दिखा सके। उन्हेंं अपेक्षाकृत वोट भी नहीं मिले। मतगणना के दौरान कई चरणों में प्रत्याशियों को नोटा से भी कम मत हासिल हुए। छात्रों का कहना है कि डीयू के चुनिंदा कालेजों में वामपंथी संगठन सक्रिय हैं। उनका अधिक दबदबा नार्थ कैंपस में ही है। लेकिन वे यहां भी कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए।
By Edited By: Nitin YadavUpdated: Sun, 24 Sep 2023 08:36 AM (IST)
नई दिल्ली, उदय जगताप। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में वामपंथी छात्र संगठन अपना दम नहीं दिखा सके। उन्हेंं अपेक्षाकृत वोट भी नहीं मिले। मतगणना के दौरान कई चरणों में प्रत्याशियों को नोटा से भी कम मत हासिल हुए।
अपने गढ़ में भी कमाल नहीं दिखा सके वाम संगठन
छात्रों का कहना है कि डीयू के चुनिंदा कालेजों में वामपंथी संगठन सक्रिय हैं। उनका अधिक दबदबा नार्थ कैंपस में ही है, लेकिन वे यहां भी कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए।
ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ) की ओर से सभी पदों पर चुनाव लड़ा गया था। आइसा के उम्मीदवार किसी भी चरण में असरदार नहीं दिखे। आइसा ने अध्यक्ष पद के लिए आयशा अहमद खान, उपाध्यक्ष के लिए अनुष्का चौधरी, सचिव के लिए आदित्य प्रताप सिंह और संयुक्त सचिव के लिए अंजलि कुमारी को मैदान में उतारा था।
आयशा को 3335 वोट हासिल हुए। हालांकि, आयशा तीसरे नंबर पर रहीं। लेकिन उनका असर दिखाई नहीं दिया। उपाध्यक्ष की प्रत्याशी अनुष्का को 3492 वोट मिले, जबकि उपाध्यक्ष पद पर 3914 वोट नोटा को ही डाले गए थे। सचिव पर लड़ रहे आदित्य प्रताप सिंह को 3884 वोट मिले। यहां नोटा को 5108 वोट दिए गए। संयुक्त सचिव पर अंजलि मैदान में थीं। उन्हें 4195 वोट मिले। यहां भी नोटा को उनसे अधिक 4786 वोट हासिल हुए।
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SFI की भी यह थी स्थिति
इसी तरह एसएफआइ के अध्यक्ष उम्मीदवार आरिफ सिद्दीकी को 1838 वोट मिले। यहां नोटा को 2751 वोट दिए गए। उपाध्यक्ष पद पर अंकित चुनाव लड़ रहे थे। उन्हें 2906 वोट मिले, जबकि इस पद पर नोटा को 3914 वोट मिले। सचिव उम्मीदवार अदिति त्यागी को 5150 वोट मिले।
वाम संगठनों में वे सर्वाधिक वोट हासिल करने वाली उम्मीदवार रहीं, लेकिन तीसरे स्थान से आगे नहीं बढ़ सकीं। संयुक्त सचिव पर निष्ठा सिंह मैदान में थीं। उन्हें 3311 वोट मिले। वे चौथे स्थान पर रहीं। यहां नोटा को उनसे अधिक वोट मिले। नोटा का विकल्प सर्वाधिक सचिव पद पर चुना गया, जबकि यहां दोनों छात्राएं प्रत्याशी मैदान में थीं। इसके बाद संयुक्त सचिव पर 4786, उपाध्यक्ष पर 3914 और अध्यक्ष पर 2751 छात्रों ने नोटा का बटन दबाया।
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