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DUSU Election: DU की राजनीति से निकल सियासी फलक पर चमके कई सितारे, अरुण जेटली समेत दिग्गज नेताओं का नाम शामिल

Delhi छात्र जीवन में राजनीति के दांवपेच सीखने वाले छात्र नेता केंद्रीय राजनीति के फलक पर खूब चमके। इनमें दिल्ली विश्वविद्यालय व जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय का बड़ा प्रतिनिधित्व अधिक है। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव को लेकर कैंपस में हलचल तेज है। छात्र राजनीति की नई पौध अपनी पहचान बनाने में जुटी है। इसके पहले की जो पौध थी उसमें कई ने राष्ट्रीय राजनीति में बड़े मुकाम हासिल किए।

By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavUpdated: Sun, 17 Sep 2023 09:42 AM (IST)
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DU की राजनीति से निकल सियासी फलक पर चमके कई सितारे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। छात्र जीवन में राजनीति के दांवपेच सीखने वाले छात्र नेता केंद्रीय राजनीति के फलक पर खूब चमके। इनमें दिल्ली विश्वविद्यालय व जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय का बड़ा प्रतिनिधित्व अधिक है।

इन दिनों दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव को लेकर कैंपस में हलचल तेज है। छात्र राजनीति की नई पौध अपनी पहचान बनाने में जुटी है। इसके पहले की जो पौध थी, उसमें कई ने राष्ट्रीय राजनीति में बड़े मुकाम हासिल किए।

इसमें भाजपा नेता व पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल, कांग्रेस नेता अजय माकन और विहिप के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार का नाम शामिल हैं, वहीं पैंगबर मामले में विवादों में रहीं नूपुर शर्मा भी डूसू अध्यक्ष रह चुकी हैं।

डीयू में शुरू से भाजपा की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और कांग्रेस की भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआइ) छात्र शाखा के इर्द-गिर्द ही छात्र राजनीति रही है तो राष्ट्रीय फलक पर इसी के नेता भी पहुंचे हैं।

1974 में डूसू अध्यक्ष बने थे अरुण जेटली

डूसू के उल्लेखनीय पदाधिकारियों में अरुण जेटली शामिल हैं जो एबीवीपी के सदस्य थे और 1974 में डूसू के अध्यक्ष बने। एनडीए सरकार में कानून मंत्री बने, पांच साल तक भाजपा महासचिव रहे और उसके बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता बने। मोदी सरकार में वित्त मंत्री रहे। वर्ष 2019 में उनका देहांत हो गया।

विजय गोयल 1977-78 में डूसू अध्यक्ष बने। बाद में दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री तक का सफर तय किया।

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1985 में डूसू अध्यक्ष बने थे अजय माकन

अजय माकन भी केंद्रीय मंत्री बने और कांग्रेस के महासचिव रहे। उन्हें 1985 में डूसू अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। अलका लांबा एनएसयूआइ की पूर्व अध्यक्ष हैं और 1995 में डूसू अध्यक्ष थीं। वर्तमान में दिल्ली कांग्रेस की नेता हैं।

भाजपा नेता और दिल्ली विधानसभा के पूर्व सदस्य अनिल झा 1997-98 तक डूसू के अध्यक्ष रहे। वहीं, भाजपा दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष व एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय छात्रों के बीच बेहद लोकप्रिय थे। उन्हें वर्ष 1982 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के सबसे कम उम्र के उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया था। उपाध्याय 1984-85 में डूसू उपाध्यक्ष रहे। भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता 1982-83 में डूसू के उपाध्यक्ष पद पर रहे।

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