DUSU Election: डूसू चुनाव में ABVP का वर्चस्व, 10 साल में सात बार अध्यक्ष पद पर किया कब्जा
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के चुनाव 22 सितंबर को होने हैं। इसके लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। सभी छात्र संगठन कालेजों में प्रचार में ताकत झोंक रहे हैं। हर संगठन अपनी जीत का दावा कर रहा है लेकिन आंकड़ों के लिहाज से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सभी संगठनों से आगे नजर आ रही है। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआइ) पूरी ताकत से लड़ रही है।
नई दिल्ली, उदय जगताप। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के चुनाव 22 सितंबर को होने हैं। इसके लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। सभी छात्र संगठन कालेजों में प्रचार में ताकत झोंक रहे हैं। हर संगठन अपनी जीत का दावा कर रहा है, लेकिन आंकड़ों के लिहाज से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सभी संगठनों से आगे नजर आ रही है। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआइ) पूरी ताकत से लड़ रही है।
वाम संगठन भी कालेजों में तेजी से प्रचार कर रहे हैं। देखना बाकी है कि जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा। पिछले 10 वर्षों की बात की जाए तो सात बार अभाविप को अध्यक्ष पद पर जीत हासिल हुई है। डूसू की कार्यकारिणी पर भी परिषद का कब्जा रहा है। इस बार भी मुकाबला एनएसयूआइ और अभाविप के बीच ही देखने को मिल रहा है।
डूसू चुनाव में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव चुने जाते हैं। 2010 में अभाविप ने तीन पद अपने नाम किए थे। एनएसयूआइ के खाते में संयुक्त सचिव का पद आया था। 2011 में एनएसयूआइ अध्यक्ष पद जीतने में कामयाब रही थी। शेष तीन पद अभाविप ने जीते थे। 2012 में सभी पदों पर एनएसयूआइ ने जीत हासिल की थी।
2013 में एनएसयूआइ को सचिव पद हासिल हुआ था। अध्यक्ष समेत तीन पदों पर अभाविप ने कब्जा जमाया था। 2014 में सभी पद अभाविप ने जीते थे। 2015 में भी अभाविप ने क्लीन स्वीप किया था। 2016 में वापसी करते हुए एनएसयूआइ ने संयुक्त सचिव का पद जीतने में कामयाबी हासिल की थी। 2017 में मुकाबला कांटे का रहा था।
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अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद एनएसयूआइ ने और सचिव व संयुक्त सचिव के पद अभाविप ने जीते थे। 2018 में अभाविप ने वापसी करते हुए अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव के पदों पर कब्जा जमाया था, जबकि एनएसयूआइ अपना सचिव बनाने में कामयाब रही थी। 2019 में भी चुनाव परिणाम 2018 की तरह आए थे।
पिछले 10 वर्षों में जीते अध्यक्ष पद के उम्मीदवार
साल | नाम | संगठन |
2010 | जितेंद्र चौधरी | ABVP |
2011 | अजय चिकारा | NSUI |
2012 | अरुण हुड्डा | NSUI |
2013 | अमन अवाना | ABVP |
2014 | मोहित नागर | ABVP |
2015 | सतेंद्र अवाना | ABVP |
2016 | अमित तंवर | ABVP |
2017 | राकी तुसीद | NSUI |
2018 | अंकिव बैसोया | ABVP |
2019 | अक्षित दहिया | ABVP |
कोविड के चलते 4 साल नहीं हुआ चुनाव
इसके बाद कोविड महामारी के चलते चुनाव नहीं हो सके। अब चार साल बाद छात्र संघ चुनाव होने जा रहे हैं। अभाविप के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक आशुतोष सिंह ने कहा, अभाविप चुनाव में पूरी तैयारी से उतरी है। सभी सीटों पर हम जीत हासिल करेंगे। अगले सात दिन प्रचार अभियान को और तेज किया जाएगा।
एनएसयूआइ के राष्ट्रीय सचिव और दिल्ली के प्रभारी नीतीश गौड़ ने कहा, संगठन की पूरी तैयारी है। हर कालेज के छात्र से संवाद स्थापित किया गया है। हर सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं और सभी सीटें जीतेंगे। स्टूडेंट्स फेडरेशन आफ इंडिया और आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन सभी सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन चुनाव में कितना असर डालेंगे, यह देखना बाकी है।
AAP ने छात्रसंघ चुनाव से बनाई दूरी
आम आदमी पार्टी के छात्र संगठन छात्र युवा संघर्ष समिति ने चुनाव से दूरी बना ली है। बताया जा रहा है कि पंजाब विश्वविद्यालय में एनएसयूआइ की जीत के बाद आप के छात्र संगठन ने डूसू चुनाव से दूरी बनाई है। प्रदेश सचिव कमल तिवारी ने कहा, पार्टी की ओर से उन्हें चुनाव न लड़ने के लिए बोला गया था। इसलिए वे भाग नहीं ले रहे हैं।
बता दें कि डूसू चुनाव में 52 कालेज के छात्र मतदान करते हैं। एक लाख से अधिक मतदाता चुनाव में हिस्सा लेते हैं। ईवीएम पर मतदान किया जाता है।
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