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DUSU Election Results 2023: उपाध्यक्ष पद पर भाई ने भाई को दी शिकस्त, NSUI के सिर बंधा जीत का सहरा

Delhi University दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में उपाध्यक्ष पद कांटे की टक्कर देखने को मिली। उपाध्यक्ष पद के लिए पांच उम्मीदवार मैदान में थे। लेकिन मुकाबला एनएसयूआइ के अभि दहिया और एबीवीपी के सुशांत धनकड़ में था। मुकाबला इसलिए भी दिलचस्प था क्योंकि अभि और सुशांत मौसेरे भाई हैं। 27 चरणों की मतगणना के दौरान दोनों आगे और पीछे होते रहे।

By Edited By: Abhi MalviyaUpdated: Sat, 23 Sep 2023 11:36 PM (IST)
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एनएसयूआई से उपाध्यक्ष पद पर विजयी अभि दहिया को कंधे पर बिठाकर लेकर जाते छात्र। फोटो- चंद्र प्रकाश मिश्र
नई दिल्ली, उदय जगताप। Delhi University: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में उपाध्यक्ष पद कांटे की टक्कर देखने को मिली। उपाध्यक्ष पद के लिए पांच उम्मीदवार मैदान में थे। लेकिन, मुकाबला एनएसयूआइ के अभि दहिया और एबीवीपी के सुशांत धनकड़ में था।

मुकाबला इसलिए भी दिलचस्प था क्योंकि अभि और सुशांत मौसेरे भाई हैं। 27 चरणों की मतगणना के दौरान दोनों आगे और पीछे होते रहे। लेकिन, आखिर में अभि ने सुशांत पर जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया। हालांकि दोनों के चुनाव पर रिश्ते का असर पड़ा कि नहीं, इस सवाल से कतराते दिखे।

पहले चरण की मतगणना में ही हो गया था जीत का आभास

पहले चरण की मतगणना में ही अभि ने अपनी जीत का आभास कर दिया था। पहले चरण में उन्हें 844 वोट मिले थे। जबकि सुशांत को 784 वोट प्राप्त हुए। दूसरे चरण में सुशांत ने वापसी की और अभी से 79 वोट अधिक हासिल किए।

तीसरे चरण में अभि 999 मतों के साथ एक बार फिर आगे हो गए। सुशांत को 819 वोट मिले। इसके बाद सुशांत ने रफ्तार पकड़ी और चौथे, पांचवे, छठे और सातवे चरण तक बढ़त बनाए रखी। अभि ने आठवे चरण में वापसी की और सुशांत के 711 के मुकाबले 795 वोट हासिल किए।

इसलिए बढ़ा मतों का अंतर

नौवे चरण में सुशांत फिर आगे हो गए। दसवें चरण में सुशांत ने बढ़त बनाए रखी। 13वें चरण में एकाएक अभि ने 1397 वोट हासिल करते हुए 600 वोटों की बढ़त बना ली और चुनाव का परिणाम लगभग अपने पक्ष में कर लिया। बीच में कुछ चरणों में वे पीछे जरूर हुए, लेकिन सुशांत निर्णायक बढ़त नहीं बना पाए। दरअसल जब भी अभि ने बढ़त बनाई, उस चरण में उनके मत सुशांत से काफी अधिक थे। ऐसे में मतों का अंतर काफी बढ़ गया।

आखिरकार अभि ने 27वें चरण की मतगणना के बाद 22331 वोट हासिल कर लिए। सुशांत को 20502 वोट मिल सके। अभी की जीत की बड़ी वजह विधि संकाय में पढ़ाई करना रहा। वहां से उन्हें छात्रों का काफी सहयोग मिला। इसके अलावा उनके लिए पर्दे के पीछे 2017 में एनएसयूआइ से डूसू अध्यक्ष रहे रॉकी तूसीद ने प्रचार किया। 

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एनएसयूआइ के पदाधिकारी ने कहा, अभि को एनएसयूआइ से टिकट दिलाने में भी रॉकी की अहम भूमिका थी। इसके अलावा हरियाणा कांग्रेस का बड़ा नाम और राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने उनके लिए मोर्चा संभाला था। दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले हरियाणा और जाट जाति के छात्रों से उन्होंने संपर्क साधे, जिसका सीधा फायदा अभि को मिला।

नामांकन के दिन भी अभि और सुशांत के लिए आए समर्थक एक-दूसरे के खेमे में नाचते दिखे थे। प्रचार के दौरान भी दोनों के एक ही समर्थक मतदान की अपील कर रहे थे। इस वजह से भी अभि और सुशांत में कांटे की टक्कर देखने को मिली।

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