दिल्ली हाई कोर्ट की दो टूक- ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों को देनी होगी विक्रेताओं की पूरी जानकारी
अदालत ने यह टिप्पणी ई-कॉमर्स प्लेटफार्म मीशो.कॉम पर कपड़ों का सामान बेचने वाले खुदरा विक्रेता अभि ट्रेडर्स द्वारा दायर एक मुकदमे पर सुनवाई करते हुए की। याचिकाकर्ता ने यह मुकदमा ई-कॉमर्स प्लेटफार्म और आठ गैरकानूनी और अनधिकृत ऑपरेटरों के विरुद्ध दायर किया गया था। पीठ ने कहा कि विक्रेता उपभोक्ताओं को खरीद-पूर्व चरण में सूचित निर्णय लेने में सक्षम बनाता है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर यह सुनिश्चित करने का दायित्व है कि विक्रेताओं का पूरा विवरण उनकी साइट पर उपलब्ध हो ताकि उत्पाद खरीदने वाले उपभोक्ताओं को उन विक्रेताओं के बारे में पता हो। न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने कहा कि विक्रेता उपभोक्ताओं को खरीद-पूर्व चरण में सूचित निर्णय लेने में सक्षम बनाता है।
छोटे डिजाइनरों और उद्यमों के लिए नए अवसर प्रदान करने में ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए अदालत ने कहा कि यह जरूरी है कि उत्पादों की नकल और बौद्धिक संपदा अधिकारों के उल्लंघन की सुविधा के लिए ऐसे प्लेटफार्मों का शोषण न किया जाए।
मुकदमे पर सुनवाई के दौरान की टिप्पणी
अदालत ने उक्त टिप्पणी ई-कॉमर्स प्लेटफार्म मीशो.कॉम पर कपड़ों का सामान बेचने वाले खुदरा विक्रेता अभि ट्रेडर्स द्वारा दायर एक मुकदमे पर सुनवाई करते हुए की। याचिकाकर्ता ने यह मुकदमा ई-कॉमर्स प्लेटफार्म और आठ गैरकानूनी और अनधिकृत ऑपरेटरों के विरुद्ध दायर किया गया था।उक्त ऑपरेटर याची की तस्वीरों और छवियों का दुरुपयोग करके बिक्री के लिए परिधान पेश कर रहे थे। अदालत ने उक्त तथ्यों को देखते हुए आठ ऑपरेटरों को वादी के कपड़ों के किसी भी डिजाइन की कापी करने, प्रकाशित करने या नकल करने पर रोक लगा दी।
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