दिल्ली से सटे सोनीपत में महसूस किए गए भूकंप के झटके, 3.2 आंकी गई तीव्रता
हरियाणा के सोनीपत में शनिवार सुबह आए भूकंप ने लोगों को एक बारगी डरा दिया। भूकंप के झटके हाईराइज इमारतों में रहने वाले लोगों को ज्यादा महसूस हुए।
By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 20 Jul 2019 09:33 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। देश की राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा के सोनीपत जिले में शनिवार सुबह भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। मिली जानकारी के मुताबिक, शनिवार सुबह 7 बजकर 43 मिनट और 30 सेकंड पर लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए। इसकी तीव्रता 3.2 आंकी गई है। भूकंप का केंद्र सोनीपत से 5 किलोमीटर दूरी पर बताया गया है। फिलहाल किसी भी तरह के जानमाल का कोई नुकसान होने की सूचना नहीं है।
वहीं, सोनीपत में भूकंप के झटकों को ऊंची इमारतों में रहने वाले लोगों ने ज्यादा महसूस किया, हालांकि अभी तक भूकंप से जान-माल के कोई नुकसान की खबर नहीं है। भूकंप के झटके महसूस होते ही दहशत में अधिकतर लोग फौरन घरों से बाहर आ गए।यहां पर बता दें कि दिल्ली के साथ एनसीआर के इलाके भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील माने जातें है। इनमें दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद में ज्यादा खतरा है।
पिछले साल जुलाई में सोनीपत में लगे थे भूकंप के झटके
यहां पर बता दें कि पिछले साल जुलाई महीने में ही दिल्ली से सटे हरियाणा के सोनीपत जिले में भूकंप के कई बार झटके लगे थे। 1 जुलाई, 2018 को दोपहर के 3.35 मिनट पर 3.9 की तीव्रता से भूकंप आया था, जिसका केंद्र सोनीपत ही था। उस भूकंप के झटके का असर दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर प्रदेश कुछ हिस्सों में भी असर हुआ था। मौसम वैज्ञानिक डॉ. सतबीर मलिक के मुताबिक, भूकंप दो प्रकार का होता है। एक मानवीय क्रियाओं से तथा दूसरा प्राकृतिक भूकंप। यह प्लेट या चट्टान खिसकने से आता है। उन्होंने बताया कि पृथ्वी में कई चट्टानें होती है। रेडिएशन के कारण गर्मी बढ़ने से यह चट्टान गति पकड़ने लगती है और टकराकर टूट जाती है, जिससे काफी उष्मा पैदा होती है। यह उष्मा तरंगों की तरह फैलती है, जिसे भूकंप कहते हैं। जिस स्थान पर भूकंप का फोकस होता है उसके ऊपर पृथ्वी पर उसका उपकेंद्र होता है। उसके आसपास ही सबसे अधिक नुकसान होता है। साथ ही उन्होंने कहा कि अभी तक विश्व में कहीं भी भूकंप की भविष्यवाणी जिसमें सही समय, स्थान या तीव्रता का ज्ञान हो संभव नहीं हो पाई है।
यहां पर बता दें कि पिछले साल जुलाई महीने में ही दिल्ली से सटे हरियाणा के सोनीपत जिले में भूकंप के कई बार झटके लगे थे। 1 जुलाई, 2018 को दोपहर के 3.35 मिनट पर 3.9 की तीव्रता से भूकंप आया था, जिसका केंद्र सोनीपत ही था। उस भूकंप के झटके का असर दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर प्रदेश कुछ हिस्सों में भी असर हुआ था। मौसम वैज्ञानिक डॉ. सतबीर मलिक के मुताबिक, भूकंप दो प्रकार का होता है। एक मानवीय क्रियाओं से तथा दूसरा प्राकृतिक भूकंप। यह प्लेट या चट्टान खिसकने से आता है। उन्होंने बताया कि पृथ्वी में कई चट्टानें होती है। रेडिएशन के कारण गर्मी बढ़ने से यह चट्टान गति पकड़ने लगती है और टकराकर टूट जाती है, जिससे काफी उष्मा पैदा होती है। यह उष्मा तरंगों की तरह फैलती है, जिसे भूकंप कहते हैं। जिस स्थान पर भूकंप का फोकस होता है उसके ऊपर पृथ्वी पर उसका उपकेंद्र होता है। उसके आसपास ही सबसे अधिक नुकसान होता है। साथ ही उन्होंने कहा कि अभी तक विश्व में कहीं भी भूकंप की भविष्यवाणी जिसमें सही समय, स्थान या तीव्रता का ज्ञान हो संभव नहीं हो पाई है।
चार नंबर जोन में आता है सोनीपत
भूकंप को लेकर भारतीय मानक ब्यूरो ने देश को पांच भागों में बांटा है। जोन नंबर पांच सबसे असुरक्षित जोन है। इसमें गुजरात का कच्छ क्षेत्र व जम्मू कश्मीर का कुछ क्षेत्र, नार्थ-इस्ट के प्रदेश, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह आते हैं। सोनीपत जिला जोन नंबर चार में आता है। यह भी संवेदनशील क्षेत्र है। इसमें दिल्ली व एनसीआर के साथ ही उत्तर प्रदेश व बिहार शामिल है।भूकंप के दौरान यह बरतें सावधानी
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- भूकंप आने की स्थिति में खिड़की व बाहर के दरवाजे के पास खड़ा नहीं होना चाहिए।
- कमरे के अंदर होने पर चौखट या भारी टेबल के नीचे बैठ जाना चाहिए।
- लिफ्ट व सीढि़यों का प्रयोग न करें।
- अगर बाहर हैं तो बिजली लाइन के नीचे खड़े न हों।
- खुले में ध्यान रखें कि आसपास बि¨ल्डग न हो।
- अगर सफर कर रहे हैं तो अपने वाहन को सुरक्षित स्थान पर रोक दें।