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केजरीवाल को जमानत दिए जाने पर ED ने हाईकोर्ट में दिया जवाब, कहा- गलत सामग्री के आधार पर दी गई थी राहत

ईडी ने यह भी कहा कि ट्रायल कोर्ट ईडी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों पर विचार करने में विफल रहा। ईडी ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने यह कहकर दस्तावेज को नहीं देखा कि बहुत सारे दस्तावेज दाखिल किए गए हैं और केजरीवाल को जमानत दे दी। एएसजी राजू ने तर्क दिया कि इससे ज्यादा कोई और गलत आदेश नहीं हो सकता।

By Ritika Mishra Edited By: Sonu Suman Updated: Fri, 21 Jun 2024 08:27 PM (IST)
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केजरीवाल को जमानत दिए जाने पर ED ने हाईकोर्ट में दिया जवाब।

रीतिका मिश्रा, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट से नियमित जमानत मिलने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए ईडी ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने उसे अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया।

ईडी ने आरोप लगाया कि जब केजरीवाल के अधिवक्ता विक्रम चौधरी की बारी आई तो उन्होंने कहा कि वे संक्षिप्त में बात करेंगे। उन्होंने कोर्ट को विस्तार से संबोधित नहीं किया। लेकिन मैंने कहा कि मैं विस्तृत जवाब दूंगा। जब मैंने बहस की तो कोर्ट ने कहा कि संक्षिप्त में बात रखें।

कोर्ट दस्तावेजों पर विचार करने में रहा विफल: ईडी

एएसजी ने यह भी कहा कि ट्रायल कोर्ट ईडी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों पर विचार करने में विफल रहा। ईडी ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने ये कहकर दस्तावेज को नहीं देखा कि बहुत सारे दस्तावेज दाखिल किए गए हैं और केजरीवाल को जमानत दे दी। एएसजी राजू ने तर्क दिया कि इससे ज्यादा कोई और गलत आदेश नहीं हो सकता। उन्होंने आगे दावा किया कि गलत सामग्री के आधार पर जमानत दी गई।

अनुमोदकों द्वारा दिए गए बयान पर विचार नहीं: ईडी

उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने पहले केजरीवाल द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए अनुमोदकों द्वारा दिए गए बयानों को ध्यान में रखा था। अदालत ने एसवी राजू से पूछा कि आप कह रहे हैं कि जिन बिंदुओं पर हाईकोर्ट ने विस्तार से विचार किया था, उन पर ट्रायल कोर्ट ने विचार नहीं किया। जिस पर राजू ने कहा हां, विचार नहीं किया है।

उन्होंने ये भी तर्क दिया गया कि पीएमएलए की धारा 45 के अनुसार, मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में जमानत पर विचार करते समय निचली अदालत को प्रथम दृष्टया यह निष्कर्ष देना होता है कि संबंधित आरोपी दोषी नहीं है। इस मामले में निचली अदालत के पास कोई विवेकाधिकार नहीं है, जहां धारा 45 पीएमएलए शामिल है।

एंड टू एंड मनी ट्रेल दिया गया: ईडी

उन्होंने कहा कि यह पाया जाना चाहिए कि वह दोषी नहीं है और इस मामले में ऐसा कोई निष्कर्ष नहीं है। उन्होंने कहा कि जमानत रद्द करने के लिए इससे बेहतर कोई मामला नहीं हो सकता। ईडी ने कहा कि हमने 45 करोड़ का पता लगा लिया है। हमने अपने जवाब में दिखाया है कि गोवा चुनाव में पैसे का इस्तेमाल किया गया। एंड टू एंड मनी ट्रेल दिया गया है।

वहीं, मुख्यमंत्री केजरीवाल की ओर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि न्याय की विफलता क्या है? वह एक मुख्यमंत्री हैं। वह कुछ दिनों के लिए जमानत पर बाहर थे, अब वह वापस जेल चले गए। उन्होंने कहा कि यह मामला ट्रायल कोर्ट के समक्ष पांच घंटे तक चला। ईडी ने लगभग 3 घंटे 45 मिनट का समय लिया। फिर भी ईडी ट्रायल कोर्ट के न्यायाधीश को दोषी ठहरा रही है।

अभिषेक मनु सिंघवी ने दिया तर्क

उन्होंने दलील दी कि न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा के पहले दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के निष्कर्षों के संबंध में, सिंघवी ने बताया कि केजरीवाल द्वारा एक याचिका में भी यही निष्कर्ष निकाले गए थे। सिंघवी ने कहा कि ईडी की दलील है कि सुप्रीम कोर्ट ने न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा के फैसले को पलटा नहीं है, इसलिए जमानत कभी नहीं दी जा सकती।

सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को दी है छूट: सिंघवी

सिंघवी ने कहा कि न्यायमूर्ति स्वर्णकांता और सुप्रीम कोर्ट जमानत नहीं, बल्कि गिरफ्तारी की वैधता से निपट रहे थे। ईडी ने इस पहलू पर 20 मिनट से अधिक समय तक बहस की, लेकिन इस बिंदु का उल्लेख करना भूल गई। सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को जमानत आवेदन पर विचार करने की स्पष्ट छूट दी है। सिंघवी ने कहा कि हर बार यह कहा जाता है कि ट्रायल कोर्ट ने उस तर्क को नोट नहीं किया या उस पर विचार नहीं किया। ट्रायल कोर्ट को निबंध लिखने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने जमानत आदेश पर रोक लगाने में ईडी द्वारा दिखाई गई तत्परता पर भी सवाल उठाया। सबसे खराब स्थिति में अगर आज स्थगन आवेदन को अस्वीकार कर दिया जाता है और कल उसे स्वीकार कर लिया जाता है। तो समस्या क्या होगी? सिंघवी ने कहा कि आदेश पर स्थगन नहीं होना चाहिए क्योंकि ये फिर से उनके मुवक्किल को जेल भेज देगा।

सह-आरोपितों ने किस प्रकार जमानत हासिल की: सिंघवी

उन्होंने कहा कि सिंघवी ने यह भी बताया कि कैसे सह-आरोपितों ने केजरीवाल के खिलाफ बयान देने के बाद जमानत हासिल की। बुच्ची बाबू हिरासत में मेरे खिलाफ बयान देते हैं और उन्हें तुरंत जमानत मिल जाती है। मगुंटा रेड्डी पूरी तरह से मेरे पक्ष में बयान देते हैं तो उनके बेटे राघव मगुंटा को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तारी से हताश पिता केजरीवाल को फंसा देता है। अगले ही दिन, ईडी की अनापत्ति पर राघव मंगुटा को जमानत मिल जाती है। उन्होंने ईडी की इस दलील का भी खंडन किया कि ट्रायल कोर्ट ने प्रथम दृष्टया मामले के अस्तित्व पर पीएमएलए की धारा 45 का अनुपालन नहीं किया।

अप्रासंगिक सामग्रियों पर विचार किया गया: ईडी

केजरीवाल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने कहा कि ईडी का कहना है कि धारा 45 की दो शर्तें पूरी नहीं होती हैं। एएसजी का कहना है कि उन्हें उचित अवसर नहीं दिया गया और अप्रासंगिक सामग्रियों पर विचार किया गया। उन्होंने आगे कहा कि ट्रायल कोर्ट के न्यायाधीश ने एएसजी की हर दलील को रिकार्ड किया था, हालांकि अपने तरीके से। उन्होंने तर्क दिया कि ईडी के के पास प्रत्यक्ष सबूत क्या है, केवल बयान हैं। अदालत के निष्कर्षों को विकृति कैसे कहा जा सकता है। ये निष्कर्ष सामग्रियों पर विचार करने के बाद हैं।

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