ED का बड़ा एक्शन, चीनी नागरिक की 4 करोड़ की संपत्ति जब्त; एप के जरिए चल रहा था 'खेल'
ED Action ईडी की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चीनी नागरिक की करीब चार करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त किया है। ईडी की टीम इससे पहले भी उसके खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है। वहीं ईडी की जांच में पता चला कि इस गिरोह के सदस्य एप के जरिए लोगों को कर्ज देकर ब्याज वसूलते थे। जांच में कई बड़े राज भी खुले हैं।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी ED) ने भारत में अवैध रूप से रह रहे एक चीनी नागरिक और उसके साथी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के दौरान चार करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। चीनी नागरिक का साथी जुआ, वेश्यावृत्ति और चीन के लोगों के लिए गुप्त क्लब जैसी कई आपराधिक गतिविधियों में लिप्त था।
उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ ने नोएडा में पकड़ा
चीनी नागरिक जू फी को नोएडा में उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ ने पकड़ा था। ईडी ने एक बयान में कहा कि जब्त की गई संपत्तियां 3.12 करोड़ रुपये के बैंक और सावधि जमा के रूप में हैं और पंजाब के मोहाली के एसएएस नगर में 60 लाख रुपये का एक फ्लैट है, जिसका स्वामित्व मुख्य आरोपित जू फी के करीबी साथी रवि नटवरलाल ठक्कर और अन्य के पास है।
ईडी ने पहले भी की थी कार्रवाई
ईडी के अनुसार, जून में, इस मामले में ईडी ने 13.51 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। ईडी ने कहा कि चीनी नागरिक भारत में अवैध रूप से रह रहा था और वह ठक्कर और अन्य लोगों के साथ एनसीआर में लकिन क्लब और तियानशांग रेनजियन नामक दो होटलों और क्लबों को चला रहा था, जो खासकर अवैध रूप से भारत में आने वाले चीनी नागरिकों के लिए थे।जांच में खुले ये बड़े राज
बताया गया कि इन होटलों और क्लबों में जू फी और उसके कार्टेल कम उम्र की लड़कियों द्वारा जुआ और वेश्यावृत्ति जैसी विभिन्न अवैध गतिविधियां और सेवाएं चला रहा था। एजेंसी ने आरोप लगाया कि आरोपितों ने डमी निदेशकों के साथ कई फर्जी कंपनियां खोलीं, जो रुपया प्लस, लकी वालेट, फ्लैश पैसा, पैसा करो, हाय पैसा, राधा मनी और इस तरह की कंपनियों के तहत कई इंस्टेंट लोन एप (इंटरनेट-आधारित एप्लिकेशन) संचालित करते थे।
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एप से कर्ज देकर वसूल रहा था ब्याज
ईडी की जांच में पाया गया कि गिरोह लोगों को एप से कर्ज देकर भारी ब्याज वसूल रहा था और किस्त के भुगतान में देरी होने पर गिरोह के लोग उधार लेने वालों का उत्पीड़न करते और ब्लैकमेल करते थे। इस तरह, उन्होंने देश भर में लोगों को धोखा दिया और करोड़ों रुपये की बड़ी रकम एकत्र की, जिसे उन्होंने चीनी कार्टेल द्वारा नियंत्रित मुखौटा कंपनियों के माध्यम से कंपनियों में डाल दिया। फिलहाल ईडी की टीम अभी इस मामले में जांच कर रही है। माना जा रहा है कि अभी और बड़े राज भी खुल सकते हैं।
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