ED ने एक बड़े सिंडिकेट का किया भंडाफोड़, अधिकारियों से संबंध होने का दावा कर राहत दिलाने के नाम पर करते थे ठगी
जांच एजेंसी ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में राहत दिलाने के नाम पर लोगों से पैसे ऐंठने वाले एक बड़े सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। दिल्ली पुलिस में 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। सिंडिकेट के सदस्य ईडी के शीर्ष अधिकारियों के साथ संबंध होने का दावा कर रहे थे। दिल्ली पुलिस जांच में जुट गई है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच से राहत दिलाने के नाम पर लोगों से पैसे ऐंठने के मामले में एक बड़े सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। जांच एजेंसी ने इस मामले में 11 लोगों के खिलाफ दिल्ली पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है। इसमें तीन मुख्य आरोपित हैं।
लोगों को अपने झांसे में लेने के लिए सिंडिकेट के सदस्य यह दावा करते थे कि उनके ईडी के शीर्ष अधिकारियों के साथ संबंध हैं और वे धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आरोपितों को राहत दिला सकते हैं। नई दिल्ली जिला पुलिस मामले की जांच कर रही है। लेकिन, इस मामले में पुलिस कोई आधिकारिक बयान नहीं दे रही है।
सहायता करने के बदले में 30 लाख रुपये की मांग
उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, मामले में मनोज कुमार उर्फ बॉबी, राजीव अरोड़ा और करमवीर के रूप में तीनों को मुख्य आरोपितों की पहचान की गई है। इन आरोपितों ने वर्तमान में पीएमएलए जांच का सामना कर रहे जसप्रीत सिंह बग्गा नाम के व्यक्ति से सहायता करने के बदले में 30 लाख रुपये की मांग की थी।सिडिकेंट में लगभग 11 व्यक्ति शामिल
सूत्रों के अनुसार, आरोपित जिंदल स्टील्स, एटीएस डेवलपर्स, यूनिटेक और रिलायंस समूह जैसी प्रमुख कंपनियों से लाइजनिंग का काम हासिल करने का प्रयास कर रहे थे। इसी जांच की जा रही है कि इन फर्मों से कोई काम हासिल किया गया था या नहीं। इस सिडिकेंट में लगभग 11 व्यक्ति शामिल हैं। उन्होंने आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग के लिए भी रिश्वत लेने का भी आरोप है।
बग्गा को ईडी अधिकारियों ने निगरानी में रखा
ईडी ने पीएमएलए जांच में बिरफा आइटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस मामले में तीन व्यक्तियों मंदीप मागो, जसप्रीत सिंह बग्गा और संदीप सेठी से पूछताछ की गई। संदीप मागो इस कंपनी का निदेशक बताया जाता है। इन तीनों व्यक्तियों में से बग्गा को ईडी के वरिष्ठ अधिकारियों ने निगरानी में रखा था।इसी क्रम पता चला कि बाबी ने बग्गा से संपर्क किया था, जिसने पैसे के बदले में पीएमएलए मामले से उनका नाम हटाने की पेशकश की थी। इस दौरान बाबी ने ईडी निदेशक सहित शीर्ष ईडी अधिकारियों के साथ घनिष्ठ संबंध होने का दावा किया।
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