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करंट लगने से हुई 14 वर्षीय बच्चे की मौत, हाई कोर्ट ने लगाया 27.38 लाख का जुर्माना

हाई कोर्ट ने कहा कि ईडीएमसी व बीएसईएस अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में नाकाम रहे हैं। दोनों की लापरवाही के कारण यह घटना हुई और एक किशोर को अपनी जान गंवानी पड़ी।

By Amit SinghEdited By: Updated: Fri, 28 Sep 2018 02:13 PM (IST)
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करंट लगने से हुई 14 वर्षीय बच्चे की मौत, हाई कोर्ट ने लगाया 27.38 लाख का जुर्माना
नई दिल्ली (विनीत त्रिपाठी)। न्यू गोविंदपुरी स्थित संजय पार्क में 5 जुलाई 2015 को करंट लगने से हुई 14 वर्षीय अक्षय सिंघल की मौत के मामले में मुआवजे को लेकर दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन व न्यायमूर्ति वीके राव की पीठ ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) व बॉम्बे सबअर्बन इलेक्ट्रिक सप्लाई (बीएसईएस) अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में नाकाम रहे हैं।

दोनों की लापरवाही के कारण यह घटना हुई और एक किशोर को अपनी जान गंवानी पड़ी। मुख्य पीठ ने नियम के तहत बीएसईएस व ईडीएमसी पर याचिका दायर करने की तिथि से 9 फीसद ब्याज के साथ 27.38 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

राजीव सिंघल की याचिका के अनुसार, 5 जुलाई 2015 को उनका बेटा संजय पार्क में खेलने के लिए गया था। वह दोस्तों के साथ क्रिकेट खेल रहा था। इसी दौरान गेंद पार्क में लगे हाईमास्ट खंभे के पास चली गई। जब वह गेंद लेने गया तो वहां खुले तार की चपेट में आने से मौके पर ही उसकी मौत हो गई। बेटे की मौत के बाद उन्होंने मुआवजा मांगने के लिए याचिका दायर की थी।

सुनवाई के दौरान ईडीएमसी और बीएसईएस ने लापरवाही के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया। ईडीएमसी ने कहा कि करंट लगने के लिए बीएसईएस जिम्मेदार है, क्योंकि पार्क में बिजली के खंभे का रखरखाव करना उसका काम है। वहीं, दूसरी तरफ बीएसईएस ने दलील दी कि उसकी जिम्मेदारी सिर्फ पार्क में बिजली उपलब्ध कराना है। जहां तक उपकरणों के रखरखाव की बात है तो यह कंपनी का काम नहीं है। पार्क के अंदर रखरखाव की जिम्मेदारी ईडीएमसी की है।

पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इस बाबत पूर्व में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का हवाला देते हुए बीएसईएस व ईडीएमसी को लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए 27.38 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

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