फ्लाईओवर के नीचे बनेंगे ईवी चार्जिंग स्टेशन और लाइब्रेरी, अतिक्रमण से बचाने के लिए लिया बड़ा फैसला
दिल्ली के कई फ्लाईओवर के नीचे की खाली जगह पर लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है। कहीं अवैध पार्किंग चल रही है तो कहीं लोगों ने अवैध रूप से घर बनाकर कब्जा किया है। लंबे समय तक कब्जा होने के बाद अतिक्रमण हटवाने में विभाग को मशक्कत करनी पड़ती है।
By Jagran NewsEdited By: Pooja TripathiUpdated: Thu, 08 Jun 2023 11:57 AM (IST)
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली के फ्लाईओवरों के नीचे हुए अतिक्रमण को खत्म कर उस स्थान के सदुपयोग की योजना दिल्ली सरकार ने तैयार कर ली है। फ्लाईओवरों के नीचे लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) चार्जिंग स्टेशन, ऑफिस, लाइब्रेरी, गार्डन और इंडोर गेम्स परिसर बनाने जा रहा है।
इसके लिए विभाग ने 102 फ्लाईओवरों का सर्वे शुरू करवा दिया है। विभाग ने अपने सभी जोन के मुख्य अभियंताओं को सर्वे पूरा कर रिपोर्ट तलब की है। इस बारे में पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने कुछ दिन पहले विभाग को दिशा-निर्देश दिए थे।
फ्लाईओवर के नीचे लोगों ने घर तक बना लिए हैं
दरअसल, दिल्ली के कई फ्लाईओवर के नीचे की खाली जगह पर लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है। कहीं अवैध पार्किंग चल रही है तो कहीं लोगों ने अवैध रूप से घर बनाकर कब्जा किया है। लंबे समय तक कब्जा होने के बाद अतिक्रमण हटवाने में भी विभाग को मशक्कत करनी पड़ती है।ऐसे में विभाग अब पहले इन फ्लाईओवरों के नीचे से अतिक्रमण हटाएगा। इसके बाद फ्लाईओवरों के नीचे विकास कार्य शुरू किए जाएंगे। शुरुआत में छह फ्लाईओवरों के नीचे सर्वे के अनुसार निर्माण किया जाएगा। इसके बाद अन्य फ्लाईओवरों पर काम किया जाएगा।
ईवी चार्जिंग स्टेशनों के लिए जगह है समस्या
राजधानी में बढ़ते ट्रैफिक व पार्किंग की समस्या को देखते हुए ईवी चार्जिंग स्टेशनों के लिए जमीन खोजना भी बड़ी समस्या है। ऐसे में फ्लाईओवरों के नीचे की जमीन पर चार्जिंग स्टेशन बनाने से इस समस्या का समाधान हो सकता है।फ्लाईओवरों के नीचे चार्जिंग स्टेशन बनने से न सिर्फ पेट्रोल पंपों के आसपास लगने वाली वाहनों की कतार से छुटकारा मिलेगा बल्कि जाम की समस्या भी नहीं होगी।
वर्तमान में जिन पंपों पर सीएनजी उपलब्ध होती है वहां भी वाहनों की कतार लगने से जाम लगता है। ऐसे में अधिकारियों का मानना है। ईवी चार्जिंग के दौरान यह समस्या और विकराल हो सकती है। इसलिए पहले ही इसका समाधान ढूंढा जा रहा है।
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