उद्यमियों की ही होगी प्लास्टिक कचरा निस्तारण की जिम्मेदारी, जारी हो सकते हैं आदेश
प्लास्टिक कचरा भी नासूर बनता जा रहा है। माइक्रो प्लास्टिक के कण हमारे शरीर में पहुंचकर फेफड़ों और आंतों को हानि पहुंचा रहे हैं और कैंसर का कारक भी बन रहे हैं।
By Amit MishraEdited By: Updated: Wed, 04 Jul 2018 06:00 AM (IST)
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। प्लास्टिक कचरे के निपटान की जिम्मेदारी भी अब प्लास्टिक उद्यमियों की ही होगी। इसके लिए उन्हें बाकायदा संग्रह केंद्र तय करने होंगे और किसी विशेषज्ञ एजेंसी संग अनुबंध करना होगा। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने प्लास्टिक उद्यमियों की ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
कैंसर का कारकइलेक्ट्रॉनिक कचरे की ही तरह प्लास्टिक कचरा भी देश और दुनिया के ही लिए नासूर बनता जा रहा है। माइक्रो प्लास्टिक के कण हमारे शरीर में पहुंचकर फेफड़ों और आंतों को हानि पहुंचा रहे हैं और कैंसर का कारक भी बन रहे हैं।
दिल्ली की व्यवस्था में है खामी सीपीसीबी की एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में सालाना 15 लाख 90 हजार टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है जबकि दिल्ली में यह आंकड़ा 750 टन सालाना है। विडंबना यह है कि देशभर में सिर्फ 1.5 फीसद प्लास्टिक कचरे का निस्तारण हो पा रहा है, दिल्ली में तो इतनी व्यवस्था भी नहीं है। इसी समस्या के समाधान की दिशा में यह तय किया गया है कि प्लास्टिक उद्यमी ही प्लास्टिक कचरे का निस्तारण करेंगे।
प्लास्टिक कचरे का निस्तारण
उपयोग में लाने के बाद लोग प्लास्टिक के कचरे को इधर-उधर न फेंके, इसके लिए हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में जगह-जगह संग्रह केंद्र बनाए जाएंगे। लोग यहां प्लास्टिक कचरा जमा कराएंगे। इसके लिए प्रोत्साहित करने के लिए शुरुआत में कोई पुरस्कार योजना भी बनाई जाएंगी। जो भी कचरा यहां एकत्र होगा, उसका या तो उद्यमी स्वयं या किसी थर्ड पार्टी एजेंसी के जरिए निस्तारण करेंगे।ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू
इस योजना को अमल में लाने के लिए सीपीसीबी ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को अपने सभी प्लास्टिक उद्यमियों की सूची तैयार करने का निर्देश जारी कर दिया है। इसके अलावा स्वयं के स्तर पर प्लास्टिक उद्यमियों के ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।अनिवार्य होगा पंजीकरण
इसके तहत सभी प्लास्टिक उद्यमियों और ब्रांड मालिकों को अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य है। उन्हें यह जानकारी देनी होगी कि वे क्या बनाते हैं, कचरे का निपटान कैसे करते हैं और आगे चलकर अपने उत्पादों के कचरे का निपटान कैसे करेंगे। जो उद्यमी पंजीकरण नहीं कराएंगे, भविष्य में उनकी इकाई बंद भी की जा सकती है। ज्ञात हो कि इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद बनाने वाले उद्यमियों के लिए पहले ही इस तरह की व्यवस्था बनाई जा चुकी है।
सख्त आदेश जारी किए जा सकते हैंसीपीसीबी के अतिरिक्त निदेशक डॉ. एसके निगम का कहना है कि प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के अंतर्गत सभी प्लास्टिक उद्यमियों का पंजीकरण किया जा रहा है। फिलहाल इसके लिए कोई अंतिम तारीख तय नहीं की गई है, लेकिन जल्द ही इसे लेकर कुछ सख्त आदेश जारी किए जा सकते हैं।
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