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Delhi Pollution: पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का दावा, दिल्ली सरकार के प्रयास से राजधानी में कम हुआ प्रदूषण

Delhi Pollution गोपाल राय ने दावा किया कि विंटर एक्शन प्लान के तहत निर्धारित किये गए 15 फोकस बिंदुओं के आधार पर विशेष कदम भी उठाए गए। जिसके परिणाम स्वरूप दिल्ली के अंदर प्रदूषण के स्तर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। (फाइल फोटो)

By V K ShuklaEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Thu, 09 Feb 2023 08:42 AM (IST)
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Delhi Pollution: पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का दावा, राजधानी में कम हुआ प्रदूषण
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली सरकाार ने दावा किया है कि उनके द्वररा उठाए गए कदमों से दिल्ली के प्रदूषण में कमी आई है।दिल्ली सचिवालय में बुधवार काे पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में विंटर एक्शन प्लान को लेकर विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई।बैठक के दौरान पर्यावरण मंत्री राय ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ विंटर एक्शन प्लान के 15 बिंदुओ पर चर्चा की।

विंटर एक्शन प्लान से संबंधित जानकारियां की साझा

पर्यावरण मंत्री राय ने बैठक के बाद प्रेस वार्ता कर विंटर एक्शन प्लान से संबंधित कुछ प्रमुख जानकारियां साझा करते हुए बताया कि दिल्ली के अंदर प्रदूषण एक बड़ी चुनौती के रूप में हर समय मौजूद रहा है।हमारी सरकार बनने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली के प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए लगातार काम किए हैं।

इसी दिशा में हर वर्ष की तरह इस बार भी विंटर एक्शन प्लान के रूप में सर्दियों के मौसम में होने वाली प्रदूषण की समस्या को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश की गई। विंटर एक्शन प्लान के तहत निर्धारित किये गए 15 फोकस बिंदुओं के आधार पर विशेष कदम भी उठाए गए। जिसके परिणाम स्वरूप दिल्ली के अंदर प्रदूषण के स्तर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। सरकार और विभिन्न विभागों की प्रमुखता के साथ काम करने का असर देखने को मिला है।

दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में हो रहा सुधार

राय ने बताया कि इस एक्शन प्लान का दिल्ली के प्रदूषण नियंत्रण में एक अहम भूमिका रही है। दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है। यह दिल्ली वालों के सतत प्रयासों का नतीजा है संसद के पटल पर रखे गए आर्थिक सर्वेक्षण में यह बात कही गई है।

उन्होंने बताया कि अब अच्छे, संतोषजनक और मध्यम श्रेणी के दिनों की संख्या 2016 के मुकाबले 109 से बढ़कर 2022 में 160 हो गई है। इसके साथ ही सबसे गंभीर श्रेणी की संख्या में भी 2016 से 2022 के बीच गिरावट दर्ज की गई है। 2016 में जहां 26 दिन थे अब वह 2022 में घटकर केवल 6 दिन रह गए हैं, इस प्रकार इसमें 77 प्रतिशत की कमी आई है।

उन्होंने कहा कि 10 सा से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध, ई-वाहन को बढ़ावा, प्रदूषण बढ़ने पर निर्माण कार्यों पर रोक, ग्रीन एरिया बढ़ाना, पटाखों पर प्रतिबंध, पराली जलने पर रोक,ग्रीन वार रूम की स्थापना, औद्योगिक इकाइयों का पीएनजी (स्वच्छ ईंधन) द्वारा संचालन और सरकार द्वारा किए जा रहे तमाम प्रयासों की वजह से हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।

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