Delhi Pollution: प्रदूषण से जंग के लिए दिल्ली सरकार का प्लान तैयार, इन 14 कामों पर लगाई रोक
दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बढ़ते प्रदूषण को रोकने के प्रयासों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में ग्रैप-3 के प्रावधान लागू हैं। इसके तहत जो भी गतिविधियां प्रतिबंधित हैं उन्हें कड़ाई से लागू किया जाएगा। उन्होंने बढ़ते प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों को भी जिम्मेदार ठहराया।
By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Fri, 03 Nov 2023 02:07 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। यहां पर एक्यूआई 400 के पार हो गया है। इसकी रोकथाम के लिए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेस की। इससे पहले, उन्होंने विभिन्न विभागों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि प्रदूषण रोकने के लिए ग्रैप-3 के प्रावधानों को लागू किया गया है। इसके साथ ही, राजधानी में 14 कामों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली सचिवालय से केंद्रीय सचिवालय और आरके पुरम से केंद्रीय सचिवालय के लिए शटल बसें शुरू की जा रही हैं। जिन स्थानों पर निर्माण कार्यों को छूट मिली है, वहां पर धूल को रोकने के लिए सभी नियमों का सख्ती से पालन किया जाएगा। दिल्ली के अंदर गैर धूल वाले कार्यों को काम करने की अनुमति रहेगी।
पड़ोसी राज्य से दिल्ली में आ रहा प्रदूषण
उन्होंने कहा कि बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए स्कूलों को फिलहाल बंद रखने का निर्णय लिया गया है। इसको लेकर सोमवार को अगला निर्णय लिया जाएगा। प्रदूषण पर रोकथाम के लिए पड़ोसी राज्यों को भी सक्रिय होना पड़ेगा। दिल्ली में 69 प्रतिशत प्रदूषण दूसरे राज्यों से ही दिल्ली में आ रहा है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अंदर अब सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। एनसीआर में डीजल की बसें आज भी चल रही हैं। ईंट भट्ठे चल रहे हैं, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री कब सक्रिय होंगे?ये भी पढ़ेंः Delhi Pollution: राजधानी में खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण, गोपाल राय ने बुलाई समीक्षा बैठक
प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमः
- दिल्ली में 5 नवंबर तक स्कूल बंद, इस दौरान निर्माण कार्य भी बंद रहेंगे
- बीएस3 पेट्रोल और बीएस 4 डीजल के वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया है
- सड़कों की सफाई के लिए 52 मशीनें 8 घंटे की जगह 12 घंटे काम करेंगे
- सड़कों पर पानी के छिड़काव के लिए 300 से अधिक टैंकर लगाए गए
- डीटीसी की बसों को 4000 चक्कर बढ़ाने और मेट्रो के चक्कर बढ़ाए गए