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'केजरीवाल को जमानत मिली तो हाईकोर्ट का मनोबल गिरेगा', CBI ने बेल का विरोध करते हुए दी ये दलीलें

Delhi Excise Policy Scam Case में भ्रष्टाचार के आरोप में सीबीआई द्वारा आरोपी बनाए गए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बेल पर सुप्रीम कोर्ट में बहस चल रही है। इस दौरान केजरीवाल के वकील सिंघवी ने कई जबरदस्त दलीलें देकर उन्हें जमानत देने का आग्रह किया। वहीं सीबीआई के वकील ने सबसे बड़ी आपत्ति इस बात पर जताई है कि केजरीवाल ट्रायल कोर्ट क्यों नहीं गए?

By Agency Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Thu, 05 Sep 2024 04:39 PM (IST)
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Arvind Kejriwal: केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई। फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।  दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal bail Hearing इस वक्त सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। अरविंद केजरीवाल को Delhi Liquor Scam केस में ईडी द्वारा पीएमएलए की धाराओं में और सीबीआई द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी बनाया गया है।

केजरीवाल को ईडी मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है। आज (5 सितंबर) उनकी सीबीआई मामले में डाली गई जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही है। इस दौरान केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कई जबरदस्त दलीलें देकर केजरीवाल की जमानत की मांग की है।

वहीं सीबीआई के वकील एडिशनल सॉलिसीटर जनरल एसवी राजू ने जमानत को लेकर सबसे बड़ी आपत्ति यही जताई है कि आखिर ट्रायल कोर्ट को सरपास कर केजरीवाल सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों पहुंचे। मामले में अभी भी जिरह जारी है। पढ़ें कोर्ट में क्या चल रही है बहस...

एएसजी एसवी राजू की दलीलें

  • एएसजी एसवी राजू ने दलीलों की शुरुआत करते हुए सबसे पहली आपत्ती जताई कि आखिर केजरीवाल ट्रायल कोर्ट क्यों नहीं गए। वह सीधे सुप्रीम कोर्ट में क्यों चले आए।
  • एएसजी राजू जो सीबीआई की तरफ से पेश हुए हैं उन्होंने मनीष सिसोदिया, के कविता व अन्य लोगों का हवाला देते हुए यही कहा कि सभी लोग ट्रायल कोर्ट, हाईकोर्ट से होकर ही सुप्रीम कोर्ट पहुंचे फिर केजरीवाल सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों चले आए।
  • एएसजी ने बहस के दौरान ये भी कहा, लगता है कि केजरीवाल कोई एक्सट्रा ऑर्डिनरी शख्स हैं जिन्हें अलग तरह के अप्रोच की जरूरत है। उन्हें ईडी मामले में भी तो ट्रायल कोर्ट भेजा ही गया था।
  • एएसजी ने आगे दलील दी कि इस मामले में, हाईकोर्ट ने कहा कि वह समवर्ती क्षेत्राधिकार के मुद्दे पर विचार करेगी। उन्होंने कोई असाधारण परिस्थिति नहीं दिखाई। यह मुद्दा उन्हें पता था, फिर भी उन्होंने कोई असाधारण परिस्थिति नहीं दिखाई।
  • इस पर जस्टिस कांत ने कहा, सही मायने में तो हाईकोर्ट को इस मामले में उसी दिन आदेश पारित कर देना चाहिए था जब नोटिस जारी किया।
  • जस्टिस भुय्यां ने कहा कि अगर हाईकोर्ट का कोई निश्चित रुख नहीं था तब भी मामले को सुनना चाहिए था, देखिए क्या हो गया।
  • कुछ लोग जो रिसोर्स से परिपूर्ण होते हैं डायरेक्ट अपील करते हैं, हमें ये बात समझनी चाहिए कि उच्च संस्थानों पर इतना बोझ क्यों बढ़ रहा है।
  • तब एएसजी ने कहा कि हाईकोर्ट बिना सुनवाई के फैसला नहीं ले सकती थी। वो सीधे नहीं कह सकते थे कि ट्रायल कोर्ट के पास जाइए।
  • एएसजी ने आगे कहा कि उन्हें नोटिस दिया गया था और 29 को ऑर्डर रिजर्व रखा गया, हाईकोर्ट ने इतना भी ज्यादा टाइम नहीं लिया। तब जस्टिस कांत ने कहा, अंततः, उच्च न्यायालय ने इस बिंदु पर एक तर्कसंगत राय बनाई।
  • इसके बाद जस्टिस भुय्यां ने कहा कि हाईकोर्ट ने तीन पैराग्राफ का ऑर्डर लिखने के लिए 7 दिन लगा दिए। इस पर एएसजी ने सफाई दी कि हाईकोर्ट केसों से पटे पड़े हैं और ऐसे केस उनका काम ही बढ़ाते हैं।
  • एएसजी की तमाम दलीलें सुनने के बाद जब कोर्ट ने फैसला किया कि वह केस में फैसला सुनाएंगे तो एएसजी ने कहा कि उन्हें थोड़ा सा समय और चाहिए।
  • इसके बाद एएसजी ने कहा कि एक बड़ा प्वाइंट ये है कि केजरीवाल ने चार्जशीट फाइल होने से पहले ही जमानत याचिका दायर कर दी थी। वह ऐसा कैसे कर सकते हैं। बिना उसे संलग्न किए कैसे केस फाइल किया जा सकता है।
  • मुझे बताया गया है कि कोर्ट ने भी चार्जशीट का संज्ञान लिया है। इसलिए प्रथम दृष्टया मामला बनता है। HC को गुण-दोष पर विचार करने का अवसर नहीं दिया गया। अगर जमानत दी जाती है, तो यह हाईकोर्ट का मनोबल गिराने वाला होगा। तब जस्टिस भुय्यां ने कहा कि, ऐसा मत कहिए, यह मनोबल गिराने वाला कैसे है?

सिंघवी ने दी ये दलीलें

  • सिंघवी ने अपनी दलीलें शुरू करते हुए कहा कि यह शायद पहला केस है जिसमें मेरे पास दो जमानत के ऑर्डर हैं और एक रेगुलर बेल भी है लेकिन अभी तक रिहा नहीं हो सके।
  • सिंघवी ने आगे कहा, सीबीआई ने इंश्योरेंस अरेस्ट किया जो दो साल तक नहीं किया था। तब जज ने पूछा क्या आरोप लगे हैं? इस पर सिंघवी ने कहा, पीसी एक्ट...मेरा एफआईआर में नाम नहीं ता। मुझे अप्रैल 2023  में पूछताछ के लिए एक गवाह के रूप में बुलाया  गया था। 
  • तब जस्टिस सूर्य कांत ने कहा, 14 अप्रैल को आपको 160 का नोटिस मिला था, आप सीबीआई के सामने पेश हुए। तब सिंघवी ने कहा, यह केस सिर्फ सीबीआई का केस है। केजरीवाल मार्च 2024 में ईडी द्वारा गिरफ्तार हुए थे, सीबीआई द्वारा नहीं।
  • सिंघवी ने आगे कहा, तब तक सीबीआई ने कोई गिरफ्तारी नहीं की थी। ईडी की गिरफ्तारी के बाद दो जमानत के ऑर्डर आ चुके हैं। इसके बाद सिंघवी ने ये भी कहा कि आज तो सिर्फ ट्रिपल टेस्ट है। केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट से पीएमएल के मामले में रेगुलर बेल भी मिल चुकी है, जिसे हाईकोर्ट ने स्टे कर दिया था। इस तरह कुल तीन ऑर्डर केजरीवाल के पक्ष में आ चुके हैं।
  • इसके बाद जस्टिस कांत ने सिंघवी से पूछा कि आपकी डेट्स में सीरियल नंबर 29 क्या है? तब सिंघवी ने कहा, यह वर्तमान अरेस्ट है। सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के केजरीवाल के संबंध में दिए गए अन्य आदेश का भी हवाला दिया। जिसमें सुप्रीम कोर्ट की अन्य बेंच ने कहा था कि, 'जीवन का अधिकार पवित्र है और केजरीवाल 90 दिनों से अधिक समय से जेल में हैं।'
  • इसके बाद सिंघवी ने लोकसभा चुनाव के दौरान मिले अंतरिम बेल, फिर ट्रायल कोर्ट से मिले रेगुलर बेल और उसपर हाईकोर्ट के स्टे का भी जिक्र किया। सिंघवी ने ये भी बताया कि अचानक से सीबीआई ने स्पेशल कोर्ट में पूछताछ के लिए अर्जी डाल दी। जिसमें कुछ नए बयान दिखाए गए जो जनवरी में लिए गए थे और उस आधार पर मेरी गिरफ्तारी की गई।
  • इस पर जस्टिस कांत ने कहा कि जब आप गिरफ्तार नहीं होते हैं तो गिरफ्तारी के लिए परमिशन की जरूरत होती है। तब सिंघवी ने कहा, ये बात छोड़ देते हैं लेकिन मुद्दा ये है कि इन्होंने दो साल तक गिरफ्तारी ही नहीं की।
  • सिंघवी ने ये भी कहा कि मगुंटा रेड्डी के जनवरी में दिए बयान के अलावा कोई नया सबूत सीबीआई के पास नहीं है।
  • सिंघवी ने कहा कि सीबीआई ने वैकेशन जज के सामने हिरासत की मांग की और वो भी सिर्फ इस आधार पर कि केजरीवाल सहयोग नहीं कर रहे हैं और अजीब जवाब दे रहे हैं।
  • सिंघवी ने बताया कि 1 जुलाई से मैं हाईकोर्ट में हूं। वहां दो रिट पिटिशन थीं, उन पर कार्रवाई हुई लेकिन बेल नहीं मिली। क्या प्वाइंट था मुझे वापस ट्रायल कोर्ट भेजने का?
  • सिंघवी ने आगे दलीलों में अपने फ्लाइट रिस्क को लेकर भी पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि एक शख्स जो सांविधानिक पद पर बैठा है वो कैसे विदेश भाग सकता है। सबूतों से भी छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। लाखों दस्तावेज हैं और इस पर मनीष सिसोदिया के जजमेंट में भी बात हो चुकी है।
  • सिंघवी ने आगे कहा, इन सबसे ऊपर ये है कि यह केस सेक्शन 45 का है और इसमें केजरीवाल को तीन बार जमानत मिल चुकी है।
  • सिंघवी ने कहा कि अब मुझे कहा जा रहा है कि मैं ट्रायल कोर्ट जाऊं। आप मुझे वापस ट्रायल कोर्ट नहीं भेज सकते। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि संभवतः आप कहना चाहते हैं कि यह कवायद बेकार जाएगी। तब सिंघवी बोले कि सीबीआई द्वारा ये कहना कि ट्रायल कोर्ट जाएं, ठीक नहीं होगा बशर्ते आप देरी न चाहते हों।
  • सिंघवी ने सर्वोच्च न्यायालय की ही सिसोदिया मामले में की गई सांप-सीढ़ी वाली टिप्पणी याद दिलाई।

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