दिल्ली के एतिहासिक जलाशयों को पुनर्जीवित करने की शुरू हुई कवायद
पूर्व विधायक कर्नल देवेंद्र सहरावत ने कहा कि वे एक पूर्व सैनिक के नाते क्षेत्र के जलाशयों को पुनर्जिवित करने का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय के पास दोबारा से भेजा है। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि मुगलकालीन जलाशयों को पुनर्जिवित करन से जल स्त्रोत आबाद होंगे।
By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 07 Nov 2020 07:57 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी दिल्ली के एतिहासिक जलाशयों को पुनर्जीवित करने की कवायद एक बार फिर शुरू हो गई है। इसकी पहल करते हुए दिल्ली के पूर्व विधायक कर्नल देवेंद्र सहरावत ने क्षेत्र के जलाशयों को पुनर्जिवित करने का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय के पास दोबारा से भेजा है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो दिल्ली के जल स्त्रोत फिर से बेहतर हो जाएंगे।
तुगलककाल के दौरान दक्षिणी दिल्ली के मध्य अरावली के हिस्से का क्षेत्र जल स्त्रोत से संपन्न था। यहां तक कि 70 के दशक तक अधिकांश क्षेत्र बारिश के पानी से लबालब रहते थे। पेड़ पौधों से भरपूर इस क्षेत्र का आकाश पक्षियों के कलरव से गूंजता रहता था। कालांतर में यह क्षेत्र सेना के हवाले कर दिया गया, जिसे सेना ने भरना शुरू कर दिया। ऐसे में जल स्त्रोत के सुख गए और पेड़-पौधे बर्बाद हो गए। वर्तमान में आलम यह है कि अब पक्षियों ने भी यहां पर आना बंद कर दिया। इन जलाशयों के भरने के बाद इस क्षेत्र में अक्सर बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। अभी भी बसंत कुंज से लेकर इंदिरा गांधी एयरपोर्ट का क्षेत्र पानी से भर जाता है, इसलिए अक्टूबर 2015 में इस क्षेत्र के जलस्त्रोत को आबाद करने के लिए बिजवासन विधान सभा क्षेत्र के विधायक रह चुके कर्नल देवेंद्र सिंह सहरावत ने रक्षा मंत्रालय के समक्ष शंकर विहार के सैन्य क्षेत्र के प्राचीन जलाशयों को पुर्नजीवित करने का प्रस्ताव रखा था। चूंकि, अब वे विधायक नहीं रहे फिर भी व्यक्तिगत तौर पर तुगलककालीन जलाशयों काे पुनर्जिवित करने के लिए एक बार फिर से कवायद शुरू कर दी है।
दैनिक जागरण से बातचीत में पूर्व विधायक कर्नल देवेंद्र सहरावत ने कहा कि वे एक पूर्व सैनिक के नाते क्षेत्र के जलाशयों को पुनर्जिवित करने का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय के पास दोबारा से भेजा है। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि मुगलकालीन जलाशयों को पुनर्जिवित करन से न सिर्फ जल स्त्रोत आबाद होंगे, बल्कि बारिश के दौरान इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के इलाके में जल भराव की समस्या से भी निजात मिल जाएगी।
कर्नल देवेंद्र सहरावत का यह भी कहना है कि कि सैन्य क्षेत्र के जलस्त्रोतों को आबाद होने से इलाके का जमीन का जल स्तर उठने लगेगा। इलाके के 15 ऐसे जोहड़ों को खोज निकाला जो अरसे से मृत पड़े हैं। इन जाेहड़ों को दुरुस्त किया जा सकेगा। इस बाबत वे पहले भी सेनाध्यक्ष को भी पत्र लिख चुके हैं।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो
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