अंधेरा होते ही वातावरण में जहर घोलने लगती हैं औचंदी बॉर्डर-कंझावला रोड स्थित फैक्ट्रियां
हरियाणा के फिरोजपुर गांव में लगी फैक्ट्रियों का धुआं रात होते ही समय दिल्ली की हवा को प्रदूषित करने लगता है। इस बारे में आसपास के लोगों ने कई बार शिकायत की लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं होती।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं भी राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का एक कारण है। औचंदी बॉर्डर से कंझावला जाने वाले रास्ते के आसपास कई फैक्ट्रियां स्थित हैं, जो अंधेरा होते ही हवा में जहर घोलना शुरू कर देती हैं। इस कारण इस रोड से गुजरने वाले लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है। इसके अलावा फैक्ट्रियों में कुछ इस प्रकार का उत्पाद बनाया जाता है जिसकी बदबू रात के समय ही आती है। दिन के उजाले में फैक्ट्रियों से किसी भी प्रकार की बदबू नहीं आती। ये फैक्ट्रियां हरियाणा की सीमा में आती हैं। हरियाणा के फिरोजपुर गांव स्थित फैक्ट्रियों का धुआं रात के समय दिल्ली की हवा को प्रदूषित करता है। इस बारे में आसपास के लोगों ने कई बार शिकायत की, लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं होती।
आसपास के लोगों व राहगीरों को होती है परेशानी
रात के समय लोग दफ्तर से काम करके लौटते हैं। उनको इस रास्ते से गुजरने में काफी परेशानी होती है। आंखों में धुआं मिर्च की तरफ चुभता है। इसके अलावा बदबू इतनी गंदी आती है कि लोगों को सांस बद करके यहां से गुजरना पड़ता है।
मुंगेशपुर ड्रेन में डाला जाता है फैक्ट्रियों का रयासन
मुंगेशपुर ड्रेन के पास कई ऐसी फैक्ट्रियां स्थित हैं जो ड्रेन में ही फैक्ट्रियों के केमिकल को छोड़ती हैं। यह केमिकल ड्रेन में मिल जाता है और सिंचाई के जरिये आसपास के गावों के खेतों में फैल जाता है। यह इंसान व पशु दोनों की सेहत के लिए खतरनाक है।
पानी और ब्रश से हो रही धूल की सफाई
दिल्ली में प्रदूषण के कहर से बचने के लिए रेड लाइट ऑन मीटर बंद अभियान के साथ साथ सड़क पर उड़ने वाली धूल को लेकर भी अलग अलग तरीकों से काम किए जा रहे हैं। मुकुंदपुर के बाहरी रिंग रोड पर मेट्रो का काम जारी है। इस दौरान कर्मचारी इस बात का ध्यान रख रहे हैं कि धूल न जम सके। इसके लिए वह वहां लगाए गए बैरीकेड पर पानी का छिड़काव और उसके बाद ब्रश से सफाई करने में जुटे हैं।
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