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Delhi News: हिंदू संगठनों ने की मांग, विष्णु स्तंभ हो कुतुबमीनार का नाम; पूजा करने की भी मिले इजाजत

Hanuman Chalisa in Qutub Minar यूनाइटेड हिन्दू फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जयभगवान गोयल ने मंगलवार को कुतुबमीनार परिसर में हनुमान चालीसा पढ़ने की घोषणा की थी। वहीं कुतुबमीनार की ओर जा रहे हिंदू संगठन के नेताओं को हिरासत में लिया गया है।

By Jp YadavEdited By: Updated: Tue, 10 May 2022 01:56 PM (IST)
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Delhi News: हिन्दू संगठन ने की कुतुबमीनार परिसर में आज हनुमान चालीसा पढ़ने की घोषणा
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। कुुतुबमीनार परिसर में स्थित कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद के ढांचे में लगीं मूर्तियों को हटाने की मांग जोर पकड़ रही है। इस बीच मंगलवार को कुतुबमीनार परिसर में हनुमाल चालीसा का पाठ करने जा रहे हिंदू संगठन के कई नेताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और बसों के जरिये स्थानीय थाने में ले जाया जा रहा है। जागरण संवाददाता के मुताबिक, महरौली स्थित भूल-भुलैया से कुतुब मीनार तक हनुमान चालीसा पढ़ रहे यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के कार्यकर्ताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है। 

बता दें कि हिंदू संगठनों को खासकर कुतुबमीनार में उल्टी लगीं भगवान गणेश की दो मूर्तियों को लेकर अधिक नाराजगी है। उनका कहना है कि वहां मस्जिद में लगीं मूर्तियां को देखकर लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं, इन्हें हटाया जाना चाहिए। इन संगठनों ने मांग की है कि मस्जिद के ढांचे पर लगीं सभी मूर्तियां निकालकर इन्हें प्रतिष्ठित किया जाए और उन्हें पूजा करने की अनुमति दी जाए।

इसके साथ ही कुतुबमीनार का नाम विष्णु स्तंभ किए जाने की भी मांग उन्होंने उठा दी है। इन मांगों को लेकर यूनाइटेड हिन्दू फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जयभगवान गोयल ने अन्य हिन्दू संगठनों को साथ लेकर मंगलवार को कुतुबमीनार परिसर में हनुमान चालीसा पढ़ने की घोषणा की थी, लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं करने दिया।

जय भगवान गोयल ने कहा है कि वह अपने समर्थकों के साथ वहां जाएंगे कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद के नाम से जाने जा रहे ढांचे को मंदिर घोषित करने की मांग करेंगे। वहां हनुमान चालीसा पढेंगे, उन्होंने कहा कि वे किसी भी अन्य धर्म के बारे में कोई बात नहीं कर रहे हैं, वे केवल अपनी बात कर रहे हैं कि जब ढांचे पर हमारे भगवान की मूर्तियां लगी हैं तो उन्हें वहां पूजा करने की अनुमति दी जाए, या फिर सभी मूर्तियां ढांचे से निकाली जाएं और वहां एक स्थान पर स्थापित की जाएं, जहां उन्हें पूजा करने की अनुमति दी जाए।

उन्होंने कहा कि जब यह स्पष्ट है कि इस ढांचे को 27 हिन्दू व जैन मंदिरों को तोड़कर बनाया गया है, उसमें मूर्तियां दिख रही हैं तो यह ढांचा तो स्वयं ही मंदिर है।

उन्होंने कहा है कि कई विज्ञानों ने कहा है कि जिस निर्माण को कुतुबमीनार कहा जा रहा है यह कुतुबमीनार नहीं विष्णु स्तंभ है, मगर कुछ अलग विचारधारा के लोगों ने इतिहास को गलत लिखा है।उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि इसे विष्णु स्तंभ घोषित किया जाए।

उन्होंने कहा कि हम लोग वहां शांतिपूर्वक जाएंगे और हनुमान चालीसा का वहां पाठ करेंगे। बता दें कि कुुतुबमीनार परिसर में स्थित कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद में पीछे की तरफ गणेश जी की दो मूर्तियां लगी हैं।

एक मूर्ति मस्जिद की नाली के ठीक ऊपर उल्टी स्थिति में लगी है।एएसआइ ने इसके ऊपर लोहे का जाल लगाकर इसे ढंक दिया है। इससे कुछ दूरी पर गणेश जी की एक और मूर्ति उल्टी स्थिति में लगी है। विवादित ढांचे में मूर्तियों के माध्यम से है कृष्ण अवतार का वर्णन भी किया गया है ढांचे पर एक स्थान पर भगवान कृष्ण के अवतार का वर्णन मूर्तियों के माध्यम से किया गया है।

ये मूतियां भी ढांचे में पीछे की तरफ लगी हैं। जिसमें पहली मूर्ति में भगवान कृष्ण के जेल में अवतार का दृश्य है, दूसरी मूर्ति में वासुदेव का यमुना को पार करने का दृश्य है इसी तरह यशोदा की बगल में भगवान कृष्ण को सुला देने का दृश्य है। इन सब मूर्तियों के माध्यम से दर्शाया गया है।

कुछ माह पहले राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण (एनएमए) के चेयरमैन तरुण विजय द्वारा इस बारे में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) को पत्र लिखने के बाद से मामला एक बार फिर गरमाया हुआ है।उन्होंने भी कुतुब परिसर में स्थित विवादित ढांचे में उल्टी लगीं भगवान गणेश की दो मूर्तियों आदि को हटाने की मांग की है। 

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