Faridabad: लिफ्ट में फंसी थी 13 साल की मासूम और हर ओर ढूंढ रहे थे मां-बाप; दो घंटे बाद बेहाल मिली स्नेहा
रविवार देर शाम एसआरएस रेजीडेंसी सेक्टर-88 में टावर सी-7 में एक 13 वर्षीय बच्ची दो घंटे तक लिफ्ट में फंसी रही। बच्ची के लिफ्ट में फंसे होने की सूचना फैलने से पूरी सोसायटी में अफरा तफरी का माहौल हो गया। बता दें कि बच्ची ट्यूशन पढ़कर अपने घर लौट रही थी। विकास श्रीवास्तव अपने परिवार के साथ टावर सी-7 में रहते हैं।
By Jagran NewsEdited By: Pooja TripathiUpdated: Tue, 22 Aug 2023 12:55 PM (IST)
फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। ग्रेटर फरीदाबाद की सोसायटी में लिफ्ट में लोगों के फंसने की घटनाएं आम हो गई हैं। रविवार देर शाम एसआरएस रेजीडेंसी सेक्टर-88 में टावर सी-7 में एक 13 वर्षीय बच्ची दो घंटे तक लिफ्ट में फंसी रही।
बच्ची लिफ्ट के अंदर से मदद के लिए आवाज लगाती रही, लेकिन ने भी नहीं सुनी। दो घंटे तक खोजने के बाद बच्ची के लिफ्ट में फंसे होने का पता चला। लिफ्ट के दरवाजे बहुत बुरी तरह जाम थे। इसके चलते दरवाजे खोलने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
बच्ची के लिफ्ट में फंसे होने की सूचना फैलने से पूरी सोसायटी में अफरा तफरी का माहौल हो गया। बता दें कि बच्ची ट्यूशन पढ़कर अपने घर लौट रही थी। विकास श्रीवास्तव अपने परिवार के साथ टावर सी-7 में रहते हैं।
ट्यूशन पढ़ने गई और नहीं लौटी घर
उनकी बेटी स्नेहा डीएवी स्कूल सेक्टर-14 में छठी कक्षा में पढ़ती है। वह टावर सी-9 में ट्यूशन पढ़ती है। वह ट्यूशन से छह बजे तक लौट आती है। रविवार को वह चार बजे ट्यूशन पढ़ने गई थी, लेकिन सात बजे तक वह वापस नहीं लौटी।स्नेहा की मां ने ट्यूशन वाली अध्यापक को फोन मिलाकर पूछा, तो उन्होंने बताया कि स्नेहा अपने निर्धारित समय से घर चली गई। इसके बाद विकास ने सोसायटी में रहने वाले भाई विवेक और बहन से भी पूछा। किसी को स्नेहा के बारे में नहीं पता था।
पूरी सोसायटी ढूंढी फिर लिफ्ट में की तलाश
विकास और उनकी पत्नी अचला ने पूरी सोसायटी में स्नेहा की तलाश शुरू कर दी। उन्होंने सोसायटी के सभी पार्क, बेसमेंट और सिक्योरिटी गार्ड से पूछा। इस दौरान सोसायटी में बच्ची के गायब होने की घटना आग की तरह फैल गई थी। लोग एकत्र हो गए।आरडब्ल्यूए प्रधान विजय जसूजा को भी मौके पर बुलाया गया। स्नेहा का कहीं भी कुछ पता नहीं चल रहा था। इसके बाद विकास ने सी-7 और सी-9 के टावर के लिफ्ट को देखा। विकास ने टावर सी-7 की प्रत्येक मंजिल पर जाकर लिफ्ट का दरवाजा बजाया।
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