Farmer Protests 2020: किसानों को भी पता, नहीं मानी जा सकती उनकी मांगें
Farmer Protests 2020 लुधियाना (पंजाब) के एक गांव के सरपंच दलविंदर सिंह का कहना है कि इतनी दूर से आए किसान अपनी मांगें पूरी हुए बिना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे और सरकार भी मांगें मानेगी इसमें संदेह ही है।
By JP YadavEdited By: Updated: Mon, 07 Dec 2020 10:24 AM (IST)
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Farmer Protests 2020: केंद्र सरकार के साथ चल रही वार्ता के बीच दस दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर बैठे आंदोलनकारी किसानों में अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। वे भी मान रहे हैं कि उनकी सभी मांगें नहीं मानी जा सकती हैं, इसके बावजूद उनका कहना है कि उन्हें आंदोलन खत्म करने की कोई जल्दबाजी नहीं है। उनके पास राशन भी पर्याप्त है और जरूरत का हर सामान भी सहजता से उपलब्ध हो रहा है।
न जाने कैसे निकलेगा हललुधियाना के एक गांव के सरपंच दलविंदर सिंह किसानों और केंद्र सरकार के बीच वार्ता में बने गतिरोध को लेकर निराश हैं। उनका कहना है कि वार्ता के परिणाम को लेकर संदेह की स्थिति बनी हुई है। वह कहते हैं कि किसान अपनी मांगें पूरी हुए बिना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे और सरकार भी मांगें मानेगी, इसमें संदेह ही है।
गहरा रही अनिश्चितता
लुधियाना के ही एक अन्य किसान सुखदेव सिंह चक ने भी कुछ ऐसी ही राय जाहिर की। उन्होंने कहा, सरकार को उम्मीद ही नहीं, बल्कि पूरा विश्वास था कि अपने पूर्व के विभिन्न निर्णयों की तरह वह इस बार अपना कृषि कानूनों संबंधी निर्णय भी मनवाने में कामयाब हो जाएगी। पूरे देश में इसे मान भी लिया गया है, लेकिन पंजाब के किसान सरकार पर दबाव बना रहे हैं। कुछ भी साफ नहीं है, सरकार के साथ बातचीत में क्या निकलेगा ये भविष्य ही बताएगा।
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