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Kisan Andolan: कुंडली बॉर्डर पर प्रदर्शन में शामिल किसान ने खाया जहर, हालत बिगड़ने पर रोहतक पीजीआइ किया रेफर

तीनों कृषि कानूनों के समर्थन में रविवार को हिंदू मजदूर किसान समिति के बैनर तले इंदिरापुरम के शक्ति खंड चार स्थित रामलीला मैदान में विशाल सभा हुई। इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों के हजारों किसानों ने हिस्सा लिया।

By JP YadavEdited By: Updated: Mon, 21 Dec 2020 02:28 PM (IST)
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इस बीच महाराष्ट्र से भी बड़ी संख्या में किसानों ने दिल्ली कूच किया है।
नई दिल्ली,  जागरण न्यूज नेटवर्क। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-सोनीपत) पर चल रहा धरना-प्रदर्शन सोमवार को 26वें दिन में प्रवेश कर गया है। केंद्र सरकार के तमाम सकारात्मक आश्वासनों के बावजूद सिंघु, टीकरी और दिल्ली-यूपी गेट पर हजारों किसान जमा हैं और तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं। सोमवार को कुंडली बॉर्डर पर चल रहे धरने में शामिल एक किसान ने जहर खा लिया। हालत बिगड़ने पर उन्हें नागरिक अस्पताल सोनीपत लाया गया, जहां से उन्हें रोहतक पीजीआइ रेफर कर दिया गया। किसान की पहचान 65 वर्षीय निरंजन सिंह निवासी तरनतारन (पंजाब) के रूप में हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

इससे पहले कुंडली में चल रहे किसानों के धरनास्थल पर देर रात एक युवक को आंदोलन के विरोध में पर्चा फेंकते पकड़ा गया। किसानों ने उसे पकड़कर कुंडली थाना पुलिस के हवाले कर दिया है। किसानों का कहना है कि इस तरह से आंदोलन का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। पुलिस के अनुसार मूल रूप से रांची, झारखंड निवासी विकास प्रसाद मंडल रविवार देर रात को मुख्य मंच के पास से अंदर की तरफ पर्चा फेंकने की कोशिश कर रहा था। उसे पकड़कर जब उसकी तलाशी ली गई तो उसके पास से आइ सपोर्ट फार्मर बिल, सेव कंट्री, राजनीति समझो आदि स्लोगन लिखे पर्चे मिले। उसने बताया कि उसे 6-7 दिन पहले लालच देकर इस तरह के पर्चे यहां फेंकने को कहा गया था। उसने मेरठ के किसी उपदेश राणा का नाम लिया है। पुलिस इसकी जांच कर रही है।

उधर, तीनों कृषि कानूनों के समर्थन में रविवार को हिंदू मजदूर किसान समिति के बैनर तले इंदिरापुरम के शक्ति खंड चार स्थित रामलीला मैदान में विशाल सभा हुई। इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों के हजारों किसानों ने हिस्सा लिया। 

सिंघु बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में सुरक्षा व्यवस्था में लगे चार पुलिस कर्मी कोरोना संक्रमित हो गये हैं। इसमें एक एएसआइ की हालत गंभीर बताई जा रही है। उनका इलाज निजी अस्पताल में किया जा रहा है। इसके पूर्व यहां तैनात बाहरी -उत्तरी जिला के डीसीपी गौरव शर्मा व अतिरिक्त डीसीपी घनश्याम बंसल भी कोरोना पाजिटिव पाए गये थे। उत्तर- पश्चिमी जिला के स्पेशल स्टाफ प्रभारी इंस्पेक्टर अमित कुमार, एएसआइ महीलाल के अलावा दो सिपाही कोरोना पाजिटिव पाए गये हैं। इसमें एएसआइ महीलाल प्रशांत विहार स्थित सैंटम अस्पताल में भर्ती हैं। 2 बार प्लाज्मा भी चढ़ाया जा चुका है। इसके बावजूद उनकी हालत में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ है, जबकि बाकी पुलिसकर्मी होम क्वारंटाइन हैं।

इस बीच महाराष्ट्र से भी बड़ी संख्या में किसानों ने दिल्ली कूच किया है, जिनके जल्द ही यहां पर पहुंचने की बात सामने आ रही है। वहीं, कृषि कानूनों को लेकर बने गतिरोध के बीच धरना प्रदर्शन खत्म करने की दिशा में प्रगति होती दिख रही है। कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने आंदोलन कर रहे किसान संगठनों को पत्र लिखकर बातचीत का न्योता देते हुए वार्ता की तारीख चुनने को कहा है।

वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एक-दो दिन में आंदोलनकारी किसान संगठनों से मुलाकात करेंगे। वार्ता के लिए दरवाजे खुले रखने के साथ ही सरकार सुप्रीम कोर्ट के रुख के अनुरूप समिति गठित करने की भी तैयारी कर रही है। समिति के लिए सदस्यों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसमें देरी सिर्फ इसलिए हो रही है क्योंकि पिछली सुनवाई में किसान संगठनों की ओर से कोई आया ही नहीं था। संगठनों ने समिति के सदस्यों के लिए नाम नहीं दिए हैं।

तीनों कृषि कानूनों के समर्थन में जमा हुए हजारों किसान

वहीं, तीनों कृषि कानूनों के समर्थन में रविवार को हिंदू मजदूर किसान समिति के बैनर तले इंदिरापुरम के शक्ति खंड चार स्थित रामलीला मैदान में विशाल सभा हुई। इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों के हजारों किसानों ने हिस्सा लिया। सभी ने तीनों कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए उन्हें किसानों के हितों के बारे में बताया। वहीं, किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलकर तीनों कानूनों का समर्थन करते हुए उन्हें ज्ञापन दिया।

रामलीला मैदान में एकत्र हुए किसानों के प्रेरणास्नोत चंद्रमोहन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 130 करोड़ की जनता को साक्षी मानकर कहा है कि तीनों कृषि कानून किसानों के हित में हैं। यदि कहीं कोई समस्या है तो संशोधन भी किया जाएगा। तीनों कानूनों का विरोध कर रहे लोगों को समझाना चाहिए कि 70 साल बाद देश को ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जो देश के लिए काम कर रहा है। तभी हम लोग तीनों कृषि कानूनों का समर्थन करने पहुंचे हैं।

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