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आज दिल्ली की ओर कूच करेंगे किसान, राजधानी की सभी सीमाएं सील; पढ़ें ट्रैफिक एडवाइजरी; जानिए राजधानी में क्या है बैन

Farmers March to Delhi किसान आज सुबह (13 फरवरी) को दिल्ली के लिए कूच करेंगे। चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्री के साथ वार्ता विफल होने पर किसान सुबह 10 बजे दिल्ली के लिए निकल जाएंगे। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर कानून बनाने समेत विभिन्न मांगों के लिए पंजाब-हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने राष्ट्रव्यापी विरोध-प्रदर्शन की पूरी तैयारी कर ली है।

By Jagran News Edited By: Geetarjun Updated: Tue, 13 Feb 2024 05:30 AM (IST)
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दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर पुलिस ने लोहे के कंटीले तारों से बैरिकेंडिंग लगाई है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। किसान आज सुबह (13 फरवरी) को दिल्ली के लिए कूच करेंगे। चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्री के साथ वार्ता विफल होने पर किसान सुबह 10 बजे दिल्ली के लिए निकल जाएंगे। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर कानून बनाने समेत विभिन्न मांगों के लिए पंजाब-हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने राष्ट्रव्यापी विरोध-प्रदर्शन की पूरी तैयारी कर ली है। इधर दिल्ली पुलिस ने भी उन्हें राजधानी में घुसने से रोकने के लिए तैयारी कर ली है।

सिंघु बॉर्डर का इलाका

दिल्ली में धारा 144 भी लागू कर दी गई है। किसानों को इस बार किसी सूरत में ट्रैक्टर, बस व अन्य वाहनों से दिल्ली में घुसने नहीं दिया जाएगा जिससे वे पिछली बार की तरह उपद्रव व देश विरोधी हरकतें कर सकें। सीमाओं पर भारी संख्या में अर्द्ध सैनिक बलों की तैनाती पहले ही की जा चुकी है।

विशेष आयुक्त कानून-व्यवस्था रवींद्र सिंह यादव का कहना है कि दिल्ली में घुसने के सैकड़ों रास्ते हैं, अगर कोई मेट्रो, ट्रेन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट व अन्य तरीके से घुसने में कामयाब हो भी जाएगा तब उसकी पहचान होते ही तुरंत हिरासत में ले लिया जाएगा।

दिल्ली के बॉर्डर इलाकों को सील किया गया

दिल्ली पुलिस का कहना है कि पिछली बार की तरह इस बार भी किसानों को उकसाने में कई राजनीतिक पार्टियां जुट गई हैं। इंटरनेट मीडिया पर भड़काऊ व सरकार विरोधी नारे वाले पोस्ट डाले जा रहे हैं। इससे दिल्ली पुलिस के आइएफएसओ यूनिट को सक्रिय कर नजर रखने को कहा गया है। दिल्ली को हाई अलर्ट कर दिया गया है।

गाजीपुर, सिंधु, टीकरी और औचंदी बार्डर समेत सभी छोटे-बड़े रास्ते पर भारी पुलिस बल और अर्द्ध सैनिक बल सारे लाव लश्कर के साथ मुस्तैद कर दिए गए हैं। जिस तरह की सूचना मिलेगी पुलिस उस अनुसार त्वरित कार्रवाई शुरू कर देगी।

मजनू का टीला

नई दिल्ली जिले में कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था

नई दिल्ली जिले में खास तौर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। संसद भवन से लेकर सभी नेताओं के आवास व मेट्रो स्टेशनों के आसपास पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है। जिले में जगह-जगह बैरिकेडिंग कर दी गई है और वहां भारी संख्या में अर्द्ध सैनिक बलों की तैनाती कर दी गई है। लाल किले के भी चारों तरफ यानी मेन गेट, टी प्वाइंट, शांति वन व छत्ता रेल की तरफ जर्सी बैरीकेड, लोहे के बैरिकेड, पत्थर लदे डंपर, कंटेनर आदि रखवा दिए गए हैं।

जरूरत पड़ने पर तुरंत बैरिकेड लगाकर सड़कें बंद कर दी जाएगी। दिल्ली की सभी सीमाओं पर एहतियातन हर तरह के बंदोबस्त कर सुरक्षा कर्मियों की तैनाती कर दी गई है। जरूरत पड़ने पर नई दिल्ली जिले में पड़ने वाले सभी मेट्रो के गेट बंद करा दिए जाएंगे। प्रगति मैदान टनल भी बंद करा दिए जाएंगे। मंगलवार को इसको लेेकर स्पष्ट निर्णय लिया जाएगा। प्रदर्शनकारियों को रखने के लिए छत्रसाल स्टेडियम समेत कई जगहों पर अस्थायी जेल बना दिए गए हैं।

उत्तर प्रदेश से सटे बॉर्डर इलाके किए सुरक्षित

गाजीपुर, चिल्ला, अप्सरा व भोपुरा बार्डर पर करीब एक हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। सभी बार्डर पर लोहे व पत्थर मिलाकर छह से सात स्तरीय बैरिकेड लगाए गए हैं। एक लेन वाहन चालकों के लिए खोली हुई है।

2021 में किसानों ने गाजीपर बार्डर पर धरना देकर महीनों तक प्रदर्शन किया था। इस बार पहले से पुलिस ने तैयारी कर ली है। रविवार रात साढ़े दस बजे पुलिस ने एनएन-नौ की दोनों सर्विस लेन, वाहन चालकों के लिए बंद कर दी। सर्विस लेन पर दोनों साइड पुलिस ने सीमेंट की एक मोटी दीवार बनाई है। उसके दोनों साइड पत्थर के बैरिकेड व कटिले तार बिछाए गए हैं। 

हरियाणा से सटे बॉर्डर इलाकों पर पुलिस का सख्त पहरा

सिंघु बार्डर की दोनों ओर की सर्विस लेन भी बंद कर दी है। वहां केवल फ्लाईओवर से ही आवाजाही की अनुमति है। दोनों लेन को मिट्टी से भरे कंटेनर, सीमेंट के ब्लाक और बैरिकेड्स लगाकर पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। औचंदी, लामपुर व सबौली बार्डर पर भी पुलिस और अर्ध सैनिक बलों की संख्या बढ़ा दी गई है। टीकरी बॉर्डर पर भी पुलिस नजर रख रही है। यहां भी किसानों को रोकने के लिए भरपूर इंतजाम कर लिए हैं।

किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए दिल्ली यातायात पुलिस ने सोमवार को ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में वाहन चालकों को राजधानी की तीन सीमाओं पर वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध के बारे में सचेत किया गया।

दिल्ली में लगाए गए ये प्रतिबंध

किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए राजधानी की सभी सीमाएं सुरक्षित कर दी गई हैं। किसानों ने 13 फरवरी को दिल्ली में कूच करने की घोषणा की है। 2021 जैसी घटना न हो उसको देखते हुए दिल्ली में धारा 144 लगा दी गई है। दिल्ली पुलिस ने कई गतिविधियों पर रोक लगा दी है, जिससे किसी भी तरह से हिंसा न फैले। क्लिक कर यहां पढ़ें पूरी खबर

दिल्ली में कई रूट बंद, डाइवर्जन भी किया गया

दिल्ली में यातायत व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है। जिससे लोगों को आने-जाने में परेशानी न हो। साथ ही बॉर्डर इलाकों पर कई रास्तों को बंद किया गया है, और डाइवर्ट किया है। यहां क्लिक कर पढ़ें दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की पूरी एडवाइजरी

इस बार केंद्र सरकार से किसानों की ये हैं मांगें

  • सभी किसान नेता न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं।
  • किसानों के द्वारा दिल्ली मोर्चा के दौरान केंद्र सरकार की ओर से जिन मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया गया था उन्हें तुरंत पूरा करने की मांग की गई है।
  • साल 2021-22 के किसान आंदोलन में जिन किसानों पर मुकदमें दर्ज किए गए थे, उन्हें रद्द करने की मांग शामिल है।
  • इस बार के आंदोलन में केंद्र सरकार से किसानों की मांग है कि पिछले आंदोलन में जिन किसानों की मौत हुई थी उनके परिवार को मुआवजा तथा एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की गई है।
  • किसान नेता चाहते हैं कि लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को केंद्र सरकार न्याय दे और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दें।
  • किसान नेता लखीमपुर खीरी हिंसा के आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर उन्हें सलाखों के पीछे भेजने की मांग कर रहे हैं।
  • दिल्ली कूच करने वाले किसानों नेताओं की इस बार सरकार से मांग है कि वह सभी किसानों का सरकारी और गैर सरकारी कर्ज माफ करें।
  • 60 साल से ऊपर के किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन देने की मांग भी शामिल है।
  • कृषि वस्तुओं, दूध उत्पादों, फलों, सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाने की मांग की गई है।
  • किसान नेता किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग भी कर रहे हैं।
  • केंद्र सरकार से किसान कीटनाशक, बीज और उर्वरक अधिनियम में संशोधन करके कपास सहित सभी फसलों के बीजों की गुणवत्ता में सुधार करने की मांग कर रहे हैं।