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Farmers Protest: किसान आंदोलन का इन चीजों पर पड़ रहा सीधा प्रभाव, सोमवार से दिखेगा और असर

लोगाें की परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। इससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई है। ऐसे में एक तरफ हरियाणा -पंजाब आदि राज्यों में आवागमन के लिए लोगों को दांताें तले चने चबाने पड़ रहे हैं। फल सब्जियां सहित कई आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी बाधित हो गई।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Mon, 30 Nov 2020 09:07 AM (IST)
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यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ठप, उत्तरी राज्यों से राजधानी का संपर्क टूटा

नई दिल्ली, संजय सलिल। कृषि कानूनों के विरोध में पिछले तीन दिनों से हरियाणा से सटे सिंघु व टीकरी बॉर्डर पर किसानों के डटे होने से जन जीवन मुश्किल हालात में है। लोगाें की परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। इससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई है। ऐसे में एक तरफ हरियाणा -पंजाब आदि राज्यों में आवागमन के लिए लोगों को दांताें तले चने चबाने पड़ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ फल सब्जियां सहित कई आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी बाधित हो गई। जिससे बाजारों में इनकी कीमतें बढ़ने लगी हैं। किसान अगर इसी तरह से बॉर्डरों पर बैठे रहे तो सोमवार से स्थिति और भी बिगड़ सकती है। जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त होने की आशंका प्रबल हो गई है।

चौथे दिन भी बॉर्डर रहे सील 

पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों के किसानों के दिल्ली की ओर कूच किए जाने के कारण गुरुवार की दोपहर से दोनों बॉर्डरों को पुलिस प्रशासन ने बंद कर रखा है। बॉर्डरों पर शुक्रवार की सुबह किसानों के जत्थे ने पहुंचकर जब दिल्ली में जबरन प्रवेश करने की कोशिश की तो सुरक्षा बलों व उनके बीच हिंसक झड़पें हुई और सुरक्षा बलों को उन्हें नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने से लेकर वाटर कैनन तक का इस्तेमाल करना पड़ा था। तब से किसान दोनों ही बॉर्डरों पर धरने पर बैठे हैं। ऐसी स्थिति में उत्तर भारत के राज्यों में आवागमन  बाधित हो गया है। इन राज्यों से सार्वजनिक व निजी परिवहन के जरिये लोग राजधानी में न तो आ पा रहे हैं और न ही यहां से जा पा रहे हैं। सिर पर सामान उठाये लोग कई किलोमीटर तक बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं संग पैदल चलकर गंतव्य तक पहुंचने को मजबूर हो रहे हैं। उन्हें अपनी जान को जोखिम में डाल कर हो रहे प्रदर्शन के बीच से गुजरना पड़ रहा है। 

मंडियों में फल व सब्जियों की आवक में गिरावट 

ट्रक- टेपों जैसे मालवाहक वाहनों की आावाजाही भी बंद है। बॉर्डरों पर आपातकालीन सेवाओं से जुड़ी एबुंलेेंस आदि की आवाजाही भी नहीं हो पा रही है। 

रविवार को लगातर चौथे दिन भी ऐसे हालत बनने से लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। आलम यह है कि दिल्ली के विभिन्न सरकारी व निजी दफ्तरों में काम करने वाले हरियाणा के लाेग पहुंच नहीं पा रहे हैं, जिससे इन दफ्तरों में भी कामकाज में बाधा उत्प्पन हो गई है। 

बॉर्डरों के सील होेने के कारण राजधानी की विभिन्न मंडियाें में फल सब्जी व अनाजों की आवक में निरंतर गिरावट दर्ज की जा रही है। ऐेसे में मांग के अनुरूप आवक नहीं होेने से रविवार को इनकी कीमतों में तेजी देखी गई। मंडियों में आलू, टमाटर की थोक कीमत में प्रति किलो दस रुपये तक का उछाल आ गया है। कमोबेस ऐसी ही स्थिति फलों के मामले में भी देखी जा रही है। 

लोग को पड़े खाने के लाले

दोनों ही बॉर्डर क्षेत्र में दोनों तरफ सैकड़ों दुकानें चार दिनों से बंद होेने से कारोबार पूरी तरह से बंद पड़ा है। ऐसे में सैकड़ों लोगों के सामने रोजी रोटी का भी संकट गहराने लगा है। सबसे ज्यादा दिक्कतें रेहड़ी पटरी लगाकर रोज कमाने खाने वाले लोगों के सामने आ रही हैं। उन्हें खाने तक के लाले पड़ने लगे हैं। 

आज लग सकता है जाम

रविवार को कार्यालयों में अवकाश होने के कारण वाहनों की आवाजाही कम रहने से जीटी करनाल रोड व उससे सटे बाहरी रिंग रोड पर आवागमन सामान्य रहा, लेकिन सोमवार को ऐसी स्थिति नहीं रहेगी और वाहन चालकों को जाम में फंसने की नौबत रह सकती है। इसकी वजह यह है कि गुरुवार से ही इन मार्गों पर लगातार जाम की नौबत बन रही है।

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