Delhi: बेटा नहीं हुआ तो नवजात जुड़वां बच्चियों को भूखा रखकर मार डाला, गिरफ्तार हुआ दरिंदा पिता
Delhi Crime News आरोपी पिता बेटा चाहता था लेकिन जब जुड़वा बच्चियां हुई तो सनक गया। उसने तड़पाकर बच्चियों को मार डाला। उसने चुपाचाप से बच्चियों श्मशान में दफना दिया था लेकिन इसकी जानकारी पुलिस को दी गई। हत्या की सूचना पर पुलिस शवों को निकलवाया फिर शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजे गए। इसके बाद पुलिस को हत्या के सबूत मिले।
जागरण संवाददता, बाहरी दिल्ली। सुल्तानपुरी थाना क्षेत्र स्थित पूठकलां गांव में दो नवजात जुड़वां बच्चियों की हत्या कर श्मशान भूमि में दफनाने के मामले में फरार आरोपित पिता नीरज सोलंकी को क्राइम ब्रांच की टीम ने हरियाणा के जिला रोहतक स्थित सांपला से गिरफ्तार कर लिया। वारदात के बाद से ही आरोपित फरार था।
पुलिस से बचने के लिए बार-बार ठिकाने बदल रहा था। आरोपित के खिलाफ बीते 21 जून को सुल्तानपुरी थाना में मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में पुलिस में सुल्तानपुरी पुलिस ने पहले ही आरोपित के पिता को गिरफ्तार कर चुकी है।
श्मशान में दफनाए शव
क्राइम ब्रांच नई दिल्ली परिक्षेत्र के पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने बताया कि बीते तीन जून को सुल्तानपुरी थाना को एक पीसीआर कॉल से जानकारी मिली कि उनके जीजा नीरज सोलंकी ने अपनी तीन दिन की नवजात जुड़वां बच्चियों को मार कर श्मशान भूमि में दफना दिया है। सूचना पर पुलिस तुरंत श्मशान भूमि पहुंची।
दोनों बच्चों के शव निकाले
यहां पुलिस के जवानों को तैनात कर शवों को निकालने के लिए संबंधित एसडीएम से अनुमति ली गई। पांच जून को अनुमति मिलने के बाद, श्मशान भूमि से दोनों बच्चियों के शव निकाले गए। छह जून को शवों का मंगोलपुरी स्थित संजय गांधी अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद बच्चियों के मामा को सौंप दिया गया। जिसके बाद बच्चियों की मां की शिकायत पर सुल्तानपुरी पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया।
क्राइम ब्रांच को मिली जिम्मेदारी
आरोपित पिता को पकड़ने के लिए नई दिल्ली परिक्षेत्र क्राइम ब्रांच टीम ने स्थानीय स्तर पर जानकारी जुटाने के साथ-साथ तकनीकी जानकारी भी जुटाई। इंस्पेक्टर योगेश और विनोद यादव ने अपनी टीम के साथ फरार आरोपितों के ठिकानों के बारे में जानकारी जुटाई।
जिसके बाद टीम में शामिल एसआइ दीपेंद्र, देवी दयाल, इमरान व हेड कांस्टेबल परमानंद ने फरार आरोपित नीरज सोलंकी के बारे में आगे की तकनीकी जानकारी जुटाई। फिर हेड कांस्टेबल राजबीर ने कई तकनीकी आंकड़ों का विश्लेषण किया। पता चला कि आरोपित बार-बार अपना मोबाइल फोन, सिम और ठिकाने बदल रहा है।
टीम ने आरोपितों की तलाश में दिल्ली और हरियाणा में कई जगहों पर छापेमारी की। इस दौरान आरोपित नीरज सोलंकी को रोहतक स्थित सांपला से पकड़ लिया गया। आरोपित नीरज सोलंकी दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक है, वह कुछ नहीं कर रहा था। अपनी किराये की संपत्तियों पर गुजारा करता था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपित चाहता था कि बेटा हो, बच्चियों के जन्म के बाद काफी तनाव में रहने लगा था।
पांच घंटे कार में घुमाता रहा
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपित ने जांच के दौरान बताया कि जब वह रोहतक स्थित इस्माइला अपने सुसराल से दोनों नवजात को अपनी कार में लेकर भागा तो कार का एसी चालू था। सूत्रों ने बताया कि वह सीधा अपने घर नहीं आया। इस्माइला से पूठकलां स्थित अपने घर पहुंचने में उसने पांच घंटे लगा दिए।
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इस दौरान तीन दिन की दोनों नवजात एसी में ही रही। इस दौरान उन्हें दूध भी नहीं पिलाया। फिर आरोपित ने बच्चियों को कार से निकालकर अपने कमरे में सुला दिया। शुरुआती जांच में पचा चला कि लंबे समय तक एसी में भूखे-प्यासे बच्चियों को रखने से बच्ची की मौत हो गई। आगे की जांच अभी पुलिस कर रही है।