राष्ट्रीय राजधानी में इस वर्ष गत छह माह के दौरान बच्चों के खिलाफ दुष्कर्म और यौन अपराधों से जुड़े मामलों गिरफ्तारी और एफआइआर में गत वर्ष की तुलना में बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2007 में महिला व बाल विकास मंत्रालय ने बाल शोध अध्ययन रिपोर्ट जारी की थी जिसमें बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए एक सख्त कानून लागू करने की सिफारिश की गई।
By Dhananjai MishraEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Sun, 20 Aug 2023 09:43 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय राजधानी में इस वर्ष गत छह माह के दौरान बच्चों के खिलाफ दुष्कर्म और यौन अपराधों से जुड़े मामलों गिरफ्तारी और एफआइआर में गत वर्ष की तुलना में बढ़ोतरी हुई है।
वर्ष 2007 में महिला व बाल विकास मंत्रालय ने बाल शोध अध्ययन रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए एक सख्त कानून लागू करने की सिफारिश की गई। इसके बाद वर्ष 2012 में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) बनाया गया था।
इसे ब
च्चों के खिलाफ दुष्कर्म और यौन अपराधों से जुड़े मामलों को शीघ्रता से निपटाने के मसकद से बनाया गया था। इसके तहत दर्ज किए गए मामलों में आरोपित की तुंरत गिरफ्तारी के लिए नियम है। मामलों को तेजी से निपटाने के लिए फास्ट-ट्रैक स्पेशल कोर्ट भी है।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि घटनाएं बढ़ी हैं, लेकिन दर्ज मामलों के बढ़ते आंकड़े लोगों में कानूनी जागरूकता के संकेत हैं। पॉक्सो से जुड़े मामलों की गहनता से जांच की जाती है।
गत छह माह में दर्ज हुए पाक्सो के मामले
वर्ष |
मामले |
गिरफ्तारी |
2023 |
870 |
1102 |
2022 |
776 |
822 |
- -वर्ष 2023 में वर्ष 2022 की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक मामले दर्ज हुए।
- -वर्ष 2023 में वर्ष 2022 की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक गिरफ्तारी हुई।
गत दो वर्ष में दर्ज हुए पॉक्सो के मामले
वर्ष |
मामले |
गिरफ्तारी |
2022 |
1454 |
1659 |
2021 |
1529 |
1434 |
दूष्कर्म के मामले
वर्ष |
मामले |
2023 |
1029 |
2022 |
2084 |
2021 |
2076 |
-वर्ष 2023 में दुष्कर्म के दर्ज मामलों में से 963 मामले सुलझाए गए।
छेड़छाड़ के मामले
वर्ष |
मामले |
2023 |
3920 |
2022 |
2509 |
2021 |
2551 |
-वर्ष 2023 में दर्ज छेड़छाड़ के मामलों में से 2309 मामले सुलझाए गए।
नोट : वर्ष 2023 के आंकड़े एक जनवरी से 30 जून तक हैं।रिपोर्ट इनपुट- धनंजय मिश्रा
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