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Delhi: विधानसभा अध्यक्ष के घाना के दौरे की फाइल वित्त विभाग में, अभी तक नहीं मिली मंजूरी

Delhi News दिल्ली सरकार और राजनिवास में चल रही तनातनी के बीच दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल के घाना के दौरा को अभी तक अनुमति नहीं मिली है। विधानसभा की ओर से इस बारे में वित्तीय अनुमति के लिए 19 जून को सरकार के पास फाइल भेजी गई थी जिस पर वित्त विभाग ने अभी तक अनुमति नहीं दी है।

By Jagran NewsEdited By: Prince SharmaUpdated: Thu, 31 Aug 2023 06:30 AM (IST)
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Delhi: विधानसभा अध्यक्ष के घाना के दौरे की फाइल वित्त विभाग में, अभी तक नहीं मिली मंजूरी
नई दिल्ली, वी के शुक्ला। दिल्ली सरकार और राजनिवास में चल रही तनातनी के बीच दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल के घाना के दौरा को अभी तक अनुमति नहीं मिली है। विधानसभा अध्यक्ष को घाना में होने वाले 66वें कामनवेल्थ पार्लियामेंटरी कान्फ्रेंस में जाना है।

विधानसभा की ओर से इस बारे में वित्तीय अनुमति के लिए 19 जून को सरकार के पास फाइल भेजी गई थी, जिस पर वित्त विभाग ने अभी तक अनुमति नहीं दी है।

घाना में यह आयोजन आगामी 23 सितंबर से एक अक्टूबर तक होने जा रहा है। वित्त विभाग के प्रधान सचिव एएस वर्मा से संपर्क करने का प्रयास किया गया, मगर संपर्क नहीं हो सका।

उधर, इस बारे में पूछने पर रामनिवास गोयल ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि दौरे की फाइल को अनुमति क्यों नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि इससे पहले कभी नहीं हुआ कि उनकी दौरे की, तो क्या विधानसभा की कोई भी फाइल नहीं रोकी गई है। उन्होंने कहा कि मंगलवार को उन्होंने इस बारे में मुख्यसचिव से बात की है।

116 फेलो को हटा दिए जाने को विधानसभा ने सदन की अवमानना माना

आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार का सत्ता में आने के बाद से अधिकारियों और राजनिवास के साथ टकराव लगातार जारी है। दिल्ली में संशोधित कानून लागू होने के बाद से उम्मीद की जा रही थी कि यह टकराव अब कम होगा, मगर ऐसा होता दिख नहीं रहा है। दिल्ली सरकार में यह सब चल ही रहा है, दिल्ली विधानसभा भी इससे अछूती नहीं रही है। कुछ समय पहले एलजी द्वारा विधानसभा की ओर से लगाए गए 116 फेलो को हटा दिए जाने को विधानसभा ने सदन की अवमानना माना है।

जांच के लिए विधानसभा कमेटी के पास भेज दिया है।

दिल्ली विधानसभा के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि फेलो को दिल्ली विधानसभा सदन की मंजूरी पर लगाया गया था, इसलिए इन्हें और किसी तरीके से नहीं हटाया जा सकता है।

बहरहाल विधानसभा सदन ने इस मामले को जांच के लिए विधानसभा कमेटी के पास भेज दिया है। उधर, दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने मामले में अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुए विधानसभा के चार अधिकारियों पर कार्रवाई की सिफारिश की है।

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