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दिल्ली सरकार ने बनाया नया नियम, अब वित्तीय धोखाधड़ी करने वालों की संपत्ति की जाएगी जब्त

दिल्ली सरकार ने वित्तीय धोखाधड़ी रोकने के लिए अब सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री आतिशी ने ऐसे मामलों पर नकेल कसने के लिए नए प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इससे अब दिल्ली में चिटफंड और हाई रिटर्न निवेश के नाम पर ठगने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी। नए नियम में ठगी के मामले में कड़ी कार्रवाई कर पीड़ितों के पैसे वापस दिलाने का भी प्रविधान है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 07 Nov 2024 12:02 PM (IST)
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दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी की फाइल फोटो। सौ.- सोशल मीडिया।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। अब चिटफंड और हाई रिटर्न निवेश के नाम पर धोखाधड़ी करने वालों पर दिल्ली सरकार नकेल कस सकेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री आतिशी के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने धोखाधड़ी वाली वित्तीय योजनाओं पर रोक लगाने के लिए नए नियम बनाए हैं। मामले में प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है।

प्रस्ताव में शामिल नियम लोगों को उन फर्जी योजनाओं से बचाने के लिए हैं, जो झूठे वादे और हाई निवेश के नाम पर लोगों के पैसे हड़प लेते हैं। अब सरकार के पास ऐसे मामलों पर कड़ी कार्रवाई करने के अधिकार होंगे, जिसमें जांच और संपत्तियों की जब्ती भी शामिल है।

पीड़ितों के पैसे वापस दिलाने का भी है नियम

सरकार को जांच और संपत्तियों की जब्ती के लिए विशेष एजेंसियों की नियुक्त करने का अधिकार भी मिलेगा। इससे दिल्ली सरकार धोखाधड़ी का जल्दी पता लगा सकेगी और पीड़ितों के पैसे वापस दिला सकेगी। पहले सरकार के पास ऐसे मामलों में संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार नहीं था, जिससे कार्रवाई करना मुश्किल होता था।

मासूम लोगों को ठगने वालों पर होगी कार्रवाई

मुख्यमंत्री आतिशी ने बताया कि लंबे समय से लोग ऐसे झूठे वादों में फंसते रहे हैं, जो उन्हें बड़ा मुनाफा देने का दावा करते हैं, लेकिन अंत में लाेगों का ही नुकसान होता है। आरोपित मासूम लोगों को ठगते हैं और उन पर ठीक से कार्रवाई भी नहीं हो पाती थी। बनाए गए नए नियमों के जरिये दिल्ली सरकार ऐसे धोखेबाजों पर कड़ी नजर रखेगी।

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का ये कदम वित्तीय लेनदेन को साफ-सुथरा रखने और नागरिकों के विश्वास को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। नए नियम धोखाधड़ी वाली योजनाओं को खत्म करने और सुरक्षित वित्तीय माहौल बनाने में मदद करेंगे, खासकर उन छोटे समूहों के लिए जो ईमानदारी से काम कर रहे हैं।

बड़ी जमा पूंजी की निगरानी रखेगी सरकार

बता दें कि नए नियमों में दिल्ली सरकार ने स्वयं सहायता समूहों (एसएचजीएस) के लिए एक सीमा तय की है, ताकि उनके काम में कोई रुकावट नहीं आए। अब किसी भी सदस्य द्वारा हर महीने 50 हजार रुपये तक का योगदान और साल में पांच लाख रुपये तक का योगदान नियमों से बाहर रहेगा।

इस तरह छोटे और वास्तविक समूहों की गतिविधियां चलती रहेंगी और बड़े जमा पर सरकार की निगरानी रखेगी। इस सीमा से उनके काम पर कोई असर नहीं पड़ेगा, और साथ ही ये भी ध्यान रखा जाएगा कि इनका गलत इस्तेमाल नहीं हो।

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