दिल्ली में कोरोना के नए सब-वेरिएंट JN.1 का पहला मामला आया सामने, जीनोम सीक्वेंसिंग में हुई पुष्टि
राजधानी दिल्ली में ओमीक्रॉन के सब-वेरिएंट जेएन.1 का पहला मामला सामने आया है। जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए 3 नमूनों में से एक जेएन.1 और दो ओमीक्रॉन वेरिएंट का मामला पाया गया। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इसकी जानकारी दी है। बता दें इससे पहले एनसीआर में नए वेरिएंट के केस सामने आ चुके हैं। नोएडा गाजियाबाद और गुरुग्राम में इसके केस सामने आए थे।
एएनआई, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में ओमीक्रॉन के सब-वेरिएंट जेएन.1 का पहला मामला सामने आया है। जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए 3 नमूनों में से एक जेएन.1 और दो ओमीक्रॉन वेरिएंट का मामला पाया गया है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इसकी जानकारी दी है।
Delhi reports the first case of JN.1, a Sub-Variant of Omicron. Out of the 3 samples sent for Genome Sequencing, one is JN.1 & two are Omicron: Delhi’s Health Minister Saurabh Bhardwaj to ANI
पीड़ित शख्स दिल्ली का रहनेवाला नहीं
अधिकारियों ने बताया कि नए सब वेरिएंट से पीड़ित शख्स दिल्ली का रहनेवाला नहीं है। उसे हाल ही में एक निजी अस्पताल ने रेफर किया था। अधिकारी के मुताबिक उसे पहले से कई बीमारियां थी, ऐसे में कोविड-19 का पता लगाना थोड़ा मुश्किल था। ऐसे में उसके सैंपल के जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया और उसमें उसे कोविड संक्रमित पाया गया।
दिल्ली में कोरोना के 35 एक्टिव मरीज
दिल्ली में इस वक्त कोविड के 35 एक्टिव मरीज हैं। बुधवार को यहां नौ ताजे मामले सामने आए हैं। वहीं एक 28 वर्षीय शख्स की मौत हो गई है। उसे पहले से कई बीमारियां थी और यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि वह कोविड पॉजिटिव था या नहीं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि भारत में एक दिन में रिकॉर्ड 529 नए मामले सामने आए हैं।
एनसीआर में सामने आ चुके हैं मामले
बता दें, एनसीआर में पहले ही नए सब-वेरिएंट जेएन.1 के कई केस सामने आ चुके हैं। गाजियाबाद में तीन, नोएडा और गुरुग्राम में एक-एक मामला सामने आ चुका है। इससे पहले कर्नाटक में इससे तीन लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि दिल्ली सरकार ने कहा था कि इससे डरने की आवश्यकता नहीं है। दिल्ली स्थित एम्स ने कहा था कि नए वेरिएंट से सतर्क रहने की जरूरत है।
नए वेरिएंट को लेकर सरकार की तैयारी
कोरोना के नए सब वेरिएंट के कारण संक्रमण बढ़ने की आंशका के मद्देनजर एम्स में एक वार्ड आरक्षित कर दिया गया है। इसमें कोरोना के मरीजों का इलाज होगा। इस बाबत एम्स प्रशासन ने मंगलवार को आदेश जारी किया था। फिलहाल इस वार्ड का इस्तेमाल इमरजेंसी में पहुंचने वाले गंभीर मरीजों के इलाज के लिए होता है। एम्स प्रशासन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि संस्थान की इमरजेंसी में कोरोना के संदेहास्पद (संदिग्ध) मरीज बढ़ गए हैं।