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IGI Airport: फर्जी दस्तावेज पर विदेश भेजने की कोशिश में पकड़े गए पांच आरोपी, चार एयर इंडिया के कर्मचारी भी शामिल

आईजीआई एयरपोर्ट पर मानव तस्करी से जुड़े एक मामले में सीआईएसएफ ने पांच लोगों को पकड़ा है। पकड़े गए लोगों में चार आरोपित एयर इंडिया कर्मी हैं। वहीं एक आरोपित यात्री है। सीआईएसएफ ने पकड़े गए सभी आरोपितों को पुलिस के हवाले कर दिया है। मामले की जांच जारी है। जांच में पता चला कि पैसे के लालच में इन्होंने गड़बड़ी की।

By Gautam Kumar Mishra Edited By: Sonu SumanUpdated: Thu, 28 Dec 2023 11:14 PM (IST)
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दिल्ली में फर्जी दस्तावेज पर विदेश भेजने की कोशिश में पकड़े गए एयर इंडिया के चार कर्मचारी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आईजीआई एयरपोर्ट पर मानव तस्करी से जुड़े एक मामले में सीआईएसएफ ने पांच लोगों को पकड़ा है। पकड़े गए लोगों में चार आरोपित एयर इंडिया कर्मी हैं। वहीं एक आरोपित यात्री है। सीआईएसएफ ने पकड़े गए सभी आरोपितों को पुलिस के हवाले कर दिया है। मामले की जांच जारी है।

सीआईएसएफ अधिकारी के अनुसार 27 दिसंबर को बल के कर्मियों को प्रस्थान द्वार के पास चेकइन एरिया में बैठे एक यात्री की गतिविधियों पर संदेह हुआ। छानबीन के दौरान इस यात्री का नाम दिलजोत सिंह पता चला। इसे एअर इंडिया के विमान से बर्मिंघम की यात्रा करनी थी। संदेह के आधार पर दिलजोत को बैगेज की जांच के लिए कहा गया। इसके बैगेज की तलाशी के दौरान कुछ भी संदेहजनक नहीं मिला। पता चला कि इसकी फ्लाइट छूट गई है। फ्लाइट छूटने पर बल के कर्मियों का संदेह और गहराया। कारण पूछने पर दिलजाेत संतोषजनक उत्तर नहीं दे सका।

गलत कागजात के द्वारा इमिग्रेशन क्लियर 

बाद में सीआईएसएफ ने दिलजाेत की गतिविधियों के बारे में जानकारी के लिए सीसीटीवी फुटेज पर गौर किया। पता चला कि दिलजोत चेकइन काउंटर गया ही नहीं था। पता चला कि इसके बदले एयर इंडिया में तैनात एक क्रू सदस्य चेकइन की प्रक्रिया पूरी करने गया था। इसका नाम रोहन वर्मा पता चला। उसने गलत कागजात के द्वारा इमिग्रेशन क्लियर करने की कोशिश की।

इमिग्रेशन क्लियर करने के लिए 80 हजार मिले

रोहन से जब सीआइएसएफ कर्मियों ने पूछताछ की तो उसने बताया कि उसे ऐसा करने के लिए उसके सहकर्मी मो. जहांगीर ने कहा था। इसके एवज में उसे 80 हजार रुपये मिलने थे। दिलजोत के साथ दो और यात्री थे, जिनकी इमिग्रेशन क्लियर कराने की इसे जिम्मेदारी सौंपी गई थी। बाद में इस पूरे प्रकरण में राकेश नामक शख्स का नाम आया। उसने प्रति यात्री 40 हजार रुपये देने की बात कही थी। सभी से गहन पूछताछ के बाद इसमें यश और अक्षय नारंग का नाम भी सामने आया।

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