Delhi AIIMS ट्रामा सेंटर में शुरू हुआ पांच मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर, अब सर्जरी होगी दोगुनी
दिल्ली एम्स में आज से पांच नए मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर शुरू किए गए हैं। इसके हो जाने के बाद ट्रामा सेंटर में सर्जरी की संख्या दोगुनी हो सकेगी। इस कारण से ट्रामा सेंटर में अब बेड बढ़कर 259 हो गए। बता दें यहां पर हर महीने 1200 से 1500 मरीजों की सर्जरी होती है। खबर के माध्यम से पढ़ें मॉड्यूलर ओटी की विशेषताएं।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। एम्स ट्रामा में बृहस्पतिवार को पांच नए मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर (ओटी) शुरू किए गए। एम्स के निदेशक डा. एम श्रीनिवास ने इस नए ओटी ब्लाक का शुभारंभ किया।
इससे एम्स ट्रामा सेंटर में ओटी की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। इससे ट्रामा सेंटर में दोगुनी सर्जरी हो सकेगी। इससे हादसा पीड़ितों को इलाज में आसानी होगी।ट्रामा सेंटर के प्रमुख डा. कमरान फारूकी ने बताया कि कुछ वर्ष पहले ट्रामा सेंटर में 100 बेड बढ़े थे। इस वजह से ट्रामा सेंटर में बेड बढ़कर कुल 259 बेड हो गए। लेकिन ऑपरेशन थिएटर की कमी बनी हुई थी। पहले से ट्रामा सेंटर में छह ऑपरेशन थिएटर थे।
पहली मंजिल पर पांच नए मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर शुरू
ट्रामा सेंटर में हर महीने 1200 से 1500 मरीजों की सर्जरी होती है। ओटी खाली नहीं मिलने के कारण कई मरीजों को दूसरे अस्पताल में रेफर करना पड़ता है। इसके मद्देनजर ट्रामा सेंटर के पहली मंजिल पर पांच नए मॉड्यूलर ऑपरेशनथिएटर शुरू किए गए हैं।ये सभी ओटी एकीकृत और इंटरनेट से जुड़े हैं। इसलिए सर्जरी को प्रशिक्षण के लिए लाइव डेमो रूम, व्याख्यान हाल या दुनिया में कहीं भी प्रसारित किया जा सकता है। सर्जरी के दौरान जरूरत पड़ने पर डॉक्टर दूसरे ओटी में मौजूद डॉक्टर से बात कर सकते हैं। इसके लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
अगले एक साल में हाइब्रिड ओटी बनाने की कोशिश
हाइब्रिड ओटी (Hybrid OT) बनाने के लिए भी प्रक्रिया चल रही है। एक वर्ष में हाइब्रिड ओटी बनाने की कोशिश है। आइब्रिड ओटी में हादसा पीड़ितों की सर्जरी के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर एंजियोग्राफी, सीटी स्कैन इत्यादि हो सकती है।ट्रामा सेंटर की प्रोफेसर डा. सुषमा सागर ने कहा कि ये ओटी फ्लोर फ्री है। सामान्य ओटी में उपकरण फर्श पर रखे रहते हैं। इस ओटी में ज्यादातर उपकरण ऊपर की तरफ से लटके हुए हैं। इसमें हेफा फिल्टर सहित कई ऐसे उपकरण लगे हैं जिससे संक्रमण होने की संभावना कम होती है।
ओटी के अंदर तापमान व आद्रता को नियंत्रित करने के लिए कंट्रोल पैनल लगा है। इसके अलावा म्यूजिक सिस्टम भी है। ताकि ओटी का माहौल तनाव मुक्त रहे। साथ ही इन दिनों रीढ़ की चोट सहित कई तरह की सर्जरी मरीज को पूरा बेहोश किए बिना संगीत सुनते हुए होने लगी है।
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- नए मॉड्यूलटर ओटी 58 से 72 वर्ग मीटर में बने हैं। इस वजह से सभी ओटी में ऐसे मरीजों की सर्जरी हो सकेगी जिसमें कई विभागों के डॉक्टरों की जरूरत पड़ती है। इनमें आर्गेन रिट्रीवल भी आसानी से हो सकेगा।
- एक ओटी 72 वर्ग मीटर में बना है, जो रेडियोसेफ है। इसमें ओ-आर्म मशीन है। इसमें इंट्राऑपरेटिव सिटी स्कैन मशीन भी लगाई जा सकती है।
- ओटी में संक्रमण के खतरे कम करने के लिए लैमिनर फ्लो एसी सिस्टम लगा है।
- ओटी की दीवारें व फर्श इस तरह बनाया गया है कि सतह पर धूल व सूक्ष्मजीव ठहर नहीं सकते।