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खुशखबरी! Delhi AIIMS में मरीजों को अब नहीं करना पड़ेगा लंबा इंतजार, जल्द शुरू होंगे पांच नए ऑपरेशन थियेटर

Delhi AIIMS में इलाज कराने वाले हजारों लोगों के लिए गुड न्यूज। एम्स ट्रामा सेंटर में अगले माह पांच नए ऑपरेशन थियेटर शुरू हो जाएंगे। जिसके बन जाने के बाद से पुराने क्या नए मरीजों को भी लाभ होगा। मरीजों को इलाज के लिए अब अधिक प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी। डॉक्टर ने कहा कि ट्रामा सेंटर में ज्यादातर ऐसे मरीज आते हैं जिन्हें सर्जरी की जरूरत होती है।

By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Fri, 06 Sep 2024 07:45 PM (IST)
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Delhi AIIMS new OT: एम्स ट्रामा सेंटर में अगले माह शुरू होंगे पांच नए आपरेशन थियेटर। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। एम्स ट्रामा सेंटर में छह मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर (OT) बनाए गए हैं। अगले माह इनमें सर्जरी की सुविधा शुरू हो जाएगी। इससे एम्स ट्रामा सेंटर में ओटी दोगुने हो जाएंगे। लिहाजा, हादसा पीड़ितों की सर्जरी भी दोगुनी हो सकेगी। इससे सर्जरी के लिए मरीजों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। नए मरीज भी अधिक भर्ती लिए जा सकेंगे। इससे हादसा पीड़ितों को बड़ी राहत मिलेगी।

दिल्ली का सबसे बड़ा व सुविधा संपन्न ट्रामा सेंटर

265 बेड की सुविधा वाला यह ट्रामा सेंटर दिल्ली (Delhi News) का सबसे बड़ा व सुविधा संपन्न ट्रामा सेंटर है। इस वजह से यहां हादसा पीड़ित इलाज के लिए अधिक पहुंचते हैं। वर्तमान समय में इस ट्रामा सेंटर के मुख्य ओटी ब्लाक में पांच ओटी है। इसके अलावा एक अन्य ओटी भी है। इस तरह अभी कुल छह सामान्य ओटी मौजूद हैं।

ट्रामा सेंटर में प्रतिदिन 175-200 हादसा पीड़ित इलाज के लिए पहुंचते हैं और 20-25 मरीजों की सर्जरी होती है। इससे हर महीने करीब 650 मरीजों की सर्जरी होती है। वर्ष 2022-23 में ट्रामा सेंटर की ओपीडी में 60,430 मरीज देखे गए थे व 8,001 मरीजों की सर्जरी हुई थी। ओटी व्यस्त होने से कई बार कम गंभीर हादसा पीड़ितों को दूसरे अस्पताल में स्थानांतरित करना पड़ता है।

इसके बन जाने के बाद मिलेगी ये सुविधा

एम्स ट्रामा सेंटर के प्रमुख डा. कमरान फारूकी ने बताया कि नए ओटी एक दूसरे से इंटिग्रेटेड हैं। इसमें हेफा फिल्टर सहित कई ऐसे उपकरण लगे हैं जिससे संक्रमण दर बहुत कम होता है। इसके अलावा सर्जन कंट्रोल पैनल लगे होते हैं।

इससे जरूरत के मुताबिक ऑपरेशन थियेटर (Delhi AIIMS Trauma Center) के कमरे के तापमान व आद्रता को घटाया या बढ़ाया जा सकता है। लाइट को भी कंट्रोल पैनल से ही फोकस किया जा सकता है। सर्जरी के दौरान जरूरत पड़ने पर दूसरे ओटी में डॉक्टर से बात की जा सकती है।

नए मरीजों को भर्ती लेने में आती है दिक्कत 

उन्होंने बताया कि ट्रामा सेंटर में ज्यादातर ऐसे मरीज पहुंचते हैं जिन्हें सर्जरी की जरूरत होती है। इसके लिए अधिक ओटी होना जरूरी है। क्योंकि अस्पताल में भर्ती मरीज की जितनी जल्दी सर्जरी होती है बेड उतना ही जल्दी खाली होता है।

सर्जरी में देर होने से अस्पताल का बेड भी अधिक दिन तक भरा रहता है। इससे नए मरीजों को भर्ती लेने में दिक्कत आती है। नए ओटी शुरू होने पर सर्जरी की क्षमता दोगुनी हो जाएगी।

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