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पांच रिश्तेदारों ने फिल्मी तर्ज पर बनाई स्पेशल-26, ज्वेलरों को बनाते थे शिकार, पढ़िए ठगों की पूरी कहानी

सीबीआइ अधिकारी बनकर ज्वेलर व उनके कर्मचारियों से ठगी करने वाले कुख्यात ईरानी गिरोह के पांच बदमाशों को करोलबाग थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित स्पेशल 26 फिल्म की तर्ज पर ज्वेलरी के धंधे से जुड़े व्यापारियों को अपना शिकार बना वारदात को अंजाम देते थे।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Mon, 09 Aug 2021 12:46 PM (IST)
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स्पेशल 26 फिल्म की तर्ज पर ज्वेलरी के धंधे से जुड़े व्यापारियों को शिकार बना वारदात को अंजाम देते थे।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। सीबीआइ अधिकारी बनकर ज्वेलर व उनके कर्मचारियों से ठगी करने वाले कुख्यात ईरानी गिरोह के पांच बदमाशों को करोलबाग थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित स्पेशल 26 फिल्म की तर्ज पर ज्वेलरी के धंधे से जुड़े व्यापारियों को अपना शिकार बना वारदात को अंजाम देते थे। सीसीटीवी फुटेज से सुराग मिलने के बाद पुलिस ने उनके डोजियर, मौका ए वारदात के डंप डाटा उठाकर बदमाशों के मोबाइल के काल डिटेल रिकार्ड व रेलवे विभाग से बदमाशों के टिकट संबंधी डिटेल हासिल करने के बाद लंबी जांच पड़ताल के बाद पांचों को दबोचा गया।

डीसीपी मध्य जिला जसमीत सिंह के मुताबिक बदमाशों के नाम मोहम्मद अली उर्फ मोहम्मद, साबिर हुसैन, मोहम्मद, काबिल उर्फ इमरान उर्फ इमरान हुसैन, अनवर अली, शौकत अली जाफरी व मुख्तियार हुसैन उर्फ शेख मुख्तार उमर है। मोहम्मद अली गिरोह का सरगना है। इनके कब्जे से तीन सोने की चेन, 8 मोबाइल, दो टार्च व सीबीआइ के नकली पांच पहचान पत्र बरामद किए गए हैं। पांचों मध्य प्रदेश, भोपाल के इरानी मोहल्ला के रहने वाले हैं। इनकी गिरफ्तारी से करोलबाग थाना के ठगी के चार मामले समेत जौनपुर, यूपी के हत्या के प्रयास के एक, पश्चिम बंगाल के ठगी के दो मामले सुलझाने का दावा किया है।

दिल्ली के अलग-अलग थाना क्षेत्र के तीन मामले में कोर्ट ने पांचों को भगोड़ा घोषित कर दिया था। इनके खिलाफ कई राज्यों में 80 से अधिक मामले दर्ज हैं। 27 जुलाई को बैंक स्ट्रीट करोलबाग में सीबीआइ अधिकारी बनकर पांच बदमाशों ने एक ज्वेलर के कर्मचारी से 300 ग्राम सोने के आभूषण की ठगी की थी। पीड़ित ने थाने में शिकायत कर दी थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए करोलबाग थाने के एसीपी विदुशी कौशिक व एसएचओ मनीष जोशी के नेतृत्व में करोलबाग मार्केट से हनुमान चेंबर के बीच करीब एक किलोमीटर तक के सभी सीसीटीवी कैमरे को खंगाला। जिससे सबसे पहले मोहम्मद अली की पहचान हुई। उसके भोपाल, मध्य प्रदेश का होने का पता चला। जांच के दौरान जानकारी मिली कि 26 जून को पांचों आरोपित ट्रेन पकड़ भोपाल से दिल्ली आए थे। उनकी वापसी की टिकट तीस जून की थी।

पुलिस की जांच भोपाल मध्यप्रदेश पर केंद्रित हुई। पुलिस टीम ने बीते एक अगस्त को भोपाल से इलाहबाद जा रही ट्रेन में सवार पांचों आरोपी को आधी रात झांसी जंक्शन, उत्तर प्रदेश से दबोच लिया। गिरोह का छठा सदस्य मजलूम अली इनसे चोरी और ठगी का सामान खरीदता है। सभी पांचों बदमाश जिम में कसरत कर खुद को फिट रखते थे। पांचों आपस में रिश्तेदार हैं। आरोपित देश के अलग-अलग राज्यों में जाकर वहां के गोल्ड मार्केट के बारे में पता लगा पहले पूरे इलाके के बारे में जानकारी प्राप्त करता था फिर ज्वेलर व उनके कर्मचारियों की रेकी कर वारदात को अंजाम देता था। ज्वेलर व उनके कर्मचारियों को तलाशी के बहाने रोक कर उन्हें डरा धमका ज्वेलरी लेकर फरार हो जाते थे।

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