प्रशासन की चेतावनी बेअसर, उस्मानपुर पुस्ता तक पहुंचा यमुना का पानी, ये इलाके हैं प्रभावित
यमुना का पानी पुराना उस्मानपुर गांव तक पहुंच चुका है। लोग घर खाली करने को तैयार नहीं हैं। किसान बस्ती, सोनिया विहार पुस्ता, बदरपुर गांव सहित आसपास के इलाके प्रभावित हैं।
नई दिल्ली [जेएनएन]। उफनाती यमुना नदी का पानी अब उस्मानपुर पुस्ता रोड तक पहुंच चुका है। तीसरा पुस्ता स्थित यमुना खादर में पूर्वी दिल्ली नगर निगम की अधिकृत पार्किंग में कई कारें डूब गईं, जबकि खजूरी फ्लाईओवर के पास यमुना खादर में अवैध रूप से पार्क कई वाहन भी इसी हाल में नजर आए।
लोगों ने ध्यान नहीं दिया
प्रशासन ने सोमवार सुबह मुनादी के जरिए चेतावनी दी थी कि रात के वक्त यमुना का जल स्तर बढ़ेगा। इसलिए खादर इलाके से दूर रहें और सामान भी सुरक्षित कर लें, लेकिन लोगों ने ध्यान नहीं दिया। सुबह लोग अपनी गाड़ियां लेने पहुंचे तो पानी देखकर होश उड़ गए। गाड़ियां पूरी तरह से पानी में डूबी थीं। शाम के वक्त क्रेन की सहायता से ट्रक तो निकाल लिया गया, लेकिन कारें नहीं निकाली जा सकीं। प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि पार्किंग संचालक के पास गाड़ियों की चाबी नहीं थी, इसलिए हटाई नहीं जा सकीं।
घर खाली करने को तैयार नहीं हैं लोग
पुराना उस्मानपुर गांव में पानी पहुंच चुका है, लेकिन लोग घर खाली करने को तैयार नहीं हैं। किसान बस्ती, सोनिया विहार पुस्ता, बदरपुर गांव सहित आसपास के इलाके प्रभावित हैं। गढ़ी मेंडू गांव में कुछ खास असर नहीं है। अगर नदी का जलस्तर बढ़ता है तो गांव को खाली करवाया जाएगा। वहीं, यमुना खादर की झुग्गियां डूब चुकी हैं। यहां रहने वालों के लिए प्रशासन ने अस्थायी टेंट लगाए हैं। हालांकि, पीड़ितों का आरोप है कि सरकार की ओर से लोगों को खाना तक नहीं मिल रहा है।
पीड़ितों की स्वास्थ्य जांच की, टेंट में जगह की कमी को नकारा
पूर्वी और शाहदरा जिले में लगे अस्थायी टेंट में रहने वाले पीड़ितों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है। मयूर विहार एसडीएम अजय अरोड़ा ने दावा किया कि पीड़ितों को हर प्रकार की सुविधा दी जा रही है। कुछ लोगों ने मीडिया को बयान दिया था कि प्रशासन की ओर से पर्याप्त संख्या में टेंट नहीं लगाए गए हैं। मंगलवार को उनसे अधिकारी मिले तो पता चला कि वे खुद सरकारी टेंट में नहीं रहना चाहते हैं। सरकारी टेंट में अब भी जगह खाली है।
खतरों के बीच पकड़ रहे मछलियां
प्रशासन द्वारा चेतावनी देने के बावजूद लोग गहरे पानी के पास पहुंच रहे हैं। खतरों के बीच जाल फेंककर मछलियां पकड़ी जा रही हैं, जो कभी भी खतरनाक साबित हो सकता है। वहीं, यमुना की स्थिति देखने के लिए भी काफी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं, जो प्रशासन के लिए परेशानी के कारण बने हैं।