गणतंत्र दिवस पर बनेगा इतिहास, पहली बार जल, थल और वायुसेना की महिलाओं की टुकड़ी कर्तव्य पथ पर करेगी परेड
गणतंत्र दिवस परेड के लिए पहली बार सेना नौसेना और वायुसेना की महिलाओं की त्रि-सेवा टुकड़ी भारतीय सशस्त्र बलों के निर्बाध एकीकरण का प्रदर्शन करते हुए कर्तव्य पथ पर मार्च करेगी। इस दल का नेतृत्व कर रहीं 26 वर्षीय कैप्टन संध्या ने अभ्यास सत्र के बाद बताया कि मैं इसका नेतृत्व करने का अवसर पाकर भाग्यशाली महसूस कर रही हूं।
पीटीआई, नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस परेड के लिए पहली बार सेना, नौसेना और वायुसेना की महिलाओं की त्रि-सेवा टुकड़ी भारतीय सशस्त्र बलों के निर्बाध एकीकरण का प्रदर्शन करते हुए कर्तव्य पथ पर मार्च करेगी। इस दल का नेतृत्व कर रहीं 26 वर्षीय कैप्टन संध्या ने अभ्यास सत्र के बाद बताया कि मैं इसका नेतृत्व करने का अवसर पाकर भाग्यशाली महसूस कर रही हूं। यह मेरे साथ ही टीम की प्रत्येक सदस्य के लिए गर्व का क्षण है।
लगभग 148 सदस्यों की टीम इस ऐतिहासिक क्षण की तैयारी के लिए दिसंबर के शुरुआत से ही दिल्ली में है। इससे पहले इन्होंने दो महीने तक अपने-अपने स्थानों पर अभ्यास किया। तीनों सेवाओं के अभ्यास और प्रक्रियाओं में अंतर के बावजूद दल ने एक समान लक्ष्य के साथ एक एकजुट इकाई के रूप में एक साथ प्रशिक्षण लिया।एनसीसी कैडेट के रूप में 2017 में गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाली कैप्टन संध्या ने कहा कि हमारा लक्ष्य हर कदम पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है। उन्होंने कहा कि नौसेना और वायुसेना से आने वाली महिला सैनिकों को शुरुआत में यह काम थोड़ा चुनौतीपूर्ण लगा, क्योंकि तीनों सेवाओं में अभ्यास और प्रक्रियाएं अलग-अलग हैं।
उन्होंने कहा कि हम सभी ने अच्छा अभ्यास किया है और हम फुल ड्रेस रिहर्सल के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि देश की प्रगति में महिलाओं की अहम भूमिका है और उनमें असीमित क्षमताएं हैं। अब जब से सरकार ने रक्षा सेवाओं में भी महिला सैनिकों को शामिल करना शुरू किया है, मुझे इस ऐतिहासिक दिन का हिस्सा बनने का अवसर मिला है। यह पहली बार है कि तीनों रक्षा सेवाओं से महिला सैनिक एकत्र हुई हैं और वे इस साल के गणतंत्र दिवस परेड में कर्तव्य पथ पर मार्च करेंगी।
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