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'वन विभाग ने DDA को पेड़ काटने की नहीं दी अनुमति', दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिया जवाब

दिल्ली सरकार का कहना है कि यह बात डीडीए द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कही गई है। इसमें कहा गया है कि तीन फरवरी को एलजी वहां गए थे उन्हीं के निर्देश पर पेड़ काटे गए। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि रिज क्षेत्र में पेड़ काटने की अनुमति उसके अलावा कोई सरकार या एलजी नहीं दे सकते।

By sanjeev Gupta Edited By: Sonu Suman Updated: Fri, 12 Jul 2024 09:55 PM (IST)
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दिल्ली सरकार ने कहा कि डीडीए को किसी भी पेड़ को काटने की कोई अनुमति नहीं दी।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। आप सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वन विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को किसी भी पेड़ को काटने की कोई अनुमति नहीं दी गई है।

एक बयान में सरकार की ओर से कहा गया कि शीर्ष अदालत ने असोला भट्टी वन्यजीव अभयारण्य के रिज क्षेत्र में लगभग 1,100 पेड़ों की कटाई से संबंधित अवमानना कार्यवाही की सुनवाई करते हुए इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों की चुप्पी पर आश्चर्य व्यक्त किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने उठाए थे सवाल

रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई में एलजी वीके सक्सेना की भूमिका पर अधिकारियों द्वारा लगातार लीपापोती करने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए शीर्ष अदालत ने डीडीए को यह सूचित करने का निर्देश दिया है कि क्या पेड़ों को काटने का आदेश एलजी की मौखिक अनुमति के आधार पर पारित किया गया या एजेंसी ने स्वतंत्र रूप से फैसला लिया।

दिल्ली के रिज क्षेत्र में अवैध रूप से 1100 पेड़ काटे गए

दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना के निर्देश पर ही दिल्ली के रिज क्षेत्र में अवैध रूप से 1100 पेड़ काटे गए थे। दिल्ली सरकार का कहना है कि यह बात डीडीए द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कही गई है। इसमें कहा गया है कि तीन फरवरी को एलजी वहां गए थे, उन्हीं के निर्देश पर पेड़ काटे गए। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि रिज क्षेत्र में पेड़ काटने की अनुमति उसके अलावा कोई सरकार या एलजी नहीं दे सकते।

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