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AAP को लगा 24 घंटे में दूसरा झटका, इस नेता ने बेटे संग थामा BJP का दामन

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। नेताओं के एक दल से दूसरे दल में जाने का सिलसिला जारी है। ताजा मामले में आम आदमी पार्टी (आप) को 24 घंटे के भीतर सोमवार को दूसरा झटका लगा है। आप के पूर्व निगम पार्षद राम नारायण भारद्वाज अपने बेटे प्रदीप भारद्वाज और समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए।

By Santosh Kumar Singh Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Mon, 11 Nov 2024 02:39 PM (IST)
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आप छोड़ भाजपा में शामिल हुए राम नारायण भारद्वाज। (फोटो सौ.- @BJP4Delhi)
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। नेताओं के एक दल से दूसरे दल में जाने का सिलसिला जारी है। ताजा मामले में आम आदमी पार्टी (आप) को 24 घंटे के भीतर सोमवार को दूसरा झटका लगा है।

आप के पूर्व निगम पार्षद राम नारायण भारद्वाज अपने बेटे प्रदीप भारद्वाज और समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए। भारद्वाज वर्ष 2017 से 2022 तक बांकनेर (नरेला) से पार्षद रहे हैं। इससे पहले कल रविवार को कद्दावर नेता हरशरण सिंह बल्ली ने आम आदमी पार्टी छोड़कर भाजपा में वापसी कर ली। 

वीरेंद्र सचदेवा ने किया पार्टी में स्वागत

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और सांसद योगेंद्र चांदोलिया ने उनका पार्टी में स्वागत किया। इस दौरान वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए काम कर रहे हैं, जिससे प्रभावित होकर दूसरी पार्टियों के नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं। भारद्वाज के भाजपा में शामिल होने से बाहरी दिल्ली में पार्टी को और मजबूती मिलेगी।"

आम आदमी पार्टी में घुटन महसूस हो रही थी- भारद्वाज

राम नारायण भारद्वाज ने कहा, "आम आदमी पार्टी में सिर्फ अरविंद केजरीवाल का शासन चलता है। वहां किसी को बोलने का अधिकार नहीं है। आप में उन्हें घुटन महसूस हो रही थी। आप में आंतरिक लोकतंत्र नहीं है। मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर वह अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया है।"

बल्ली की भाजपा में हुई घर वापसी

उल्लेखनीय है कि कल रविवार को विधानसभा चुनाव से पहले अपना कुनबा सहेजने और उसे मजबूत करने में जुटी भाजपा ने अपने ही कद्दावर नेता हरशरण सिंह बल्ली की घर वापसी करा ली है। वह दूसरी बार भाजपा में आए हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के साथ ही पूर्व महापौर सुभाष आर्य और भाजपा नेता सुभाष सचदेवा ने बल्ली के घर जाकर उनकी व उनके बेटे रिंकू को भाजपा की सदस्यता दिलाई।

हरशरण सिंह बल्ली को भाजपा की सदस्यता दिलाते वीरेंद्र सचदेवा। फोटो सौ.- भाजपा

1993 से 2008 तक लगातार विधायक रहे बल्ली

बल्ली 1993 से 2008 तक लगातार विधायक रहे और दिल्ली में 1993 में भाजपा सरकार में उद्योग मंत्री थे। वर्ष 2013 में टिकट नहीं मिलने पर बल्ली नाराज होकर कांग्रेस में चले गए थे और हरि नगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, मगर उन्हें जीत नहीं मिली।

इसके बाद जब दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लग गया और केजरीवाल की 49 दिन की सरकार गिर गई तो वह वापस भाजपा में आ गए, लेकिन 2015 के विधानसभा चुनाव में यह सीट अकाली दल के साथ गठबंधन में चली गई। यहां पर भाजपा के ही नेता को अकाली दल के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ाया गया था।

2020 में थामा था आप का दामन

शायद यही वजह रही कि 2020 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जनवरी में बल्ली ने आप की सदस्यता ले ली थी। तब से वह आप में थे। साथ ही उनके बेटे गुरमीत सिंह रिंकू यूथ विंग में थे। इस मौके पर हरशरण सिंह बल्ली ने कहा कि मैंने बहुत उम्मीद के साथ आप की सदस्यता ली थी मगर पांच साल बाद हताश होकर आप को छोड़ा है क्योंकि आप सरकार ने दिल्ली को भ्रष्टाचार के दलदल में धकेल दिया है।

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