दिल्ली के नामी अस्पताल में पूर्व IAS की मौत, स्वजन ने लगाया उपचार में लापरवाही का आरोप
दिल्ली के नामी निजी अस्पताल में पूर्व आइएएस की मौत पर स्वजन ने हंगामा किया। उन्होंने अस्पताल व संबंधित सर्जन पर उपचार के लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। उपचार में लापरवाही को लेकर पुलिस को भी शिकायत दी गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से भी शिकायत की है।
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। दक्षिणी दिल्ली के सरिता विहार स्थित एक नामी निजी अस्पताल में पूर्व आइएएस वीरेंद्र सिंह की मौत के मामले में बुधवार को अस्पताल के बाहर स्वजन ने जमकर हंगामा किया।
स्वजन ने अस्पताल पर उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कार्डियोलाजी विभाग के सीनियर डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इसको लेकर मृतक की बेटी ने पुलिस को भी शिकायत दी है।
पूर्व आइएएस की बेटी निशि सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले ही उनके पिता को हार्ट वाल्व में लीकेज डायग्नोस हुआ था। इस पर निशि पिता को लेकर कंसल्टेशन के लिए सरिता विहार स्थित निजी अस्पताल के एक कार्डियक सर्जन के पास पहुंची।
कहा था छोटा सा ऑपरेशन होगा
यहां तीन से चार बार कंसल्टेशन के बाद संबंधित सर्जन ने कहा कि उनके पिता का छोटा सा ऑपरेशन होगा। इसके बाद वह पूरी तरह ठीक हो जाएंगे। इस पर स्वजन ने सर्जरी के लिए सहमति दे दी। निशि ने बताया कि आठ मई को उनके पिता का आपरेशन किया गया।
आरोप है कि संबंधित सर्जन ने यह तक नहीं बताया कि आपरेशन सफल हुआ या नहीं। जबकि आपरेशन के बाद पूर्व आइएएस होश में नहीं थे। उन्होंने खाना-पीना बंद कर दिया था।
सामान्य जांच भी नहीं करने का लगाया आरोप
निशि ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन ने 13 मई को उनसे कहा कि वह अपने पिता को घर ले जा सकती हैं। निशि का आरोप है कि इतनी बड़ी सर्जरी के बाद उनके पिता की सामान्य जांच ईसीजी तक नहीं की गई, ताकि पता चल कि हार्ट सही काम कर रहा है या नहीं।
जब स्वजन ने इन बातों को लेकर बात की तो अस्पताल ने मरीज को स्टेप डाउन आइसीयू में रख दिया। निशि का आरोप है कि यहां पर मरीज को तब रखा जाता है जब मरीज ठीक होकर घर जाने लायक हो जाए।
निशि का कहना है कि पिता को सामान्य वार्ड में भर्ती करने के दो दिन बाद ही डॉक्टर ने कहा कि उनकी हालत बहुत गंभीर है। निशि का कहना है कि 23 मई को उनके पिता की अस्पताल में ही मौत हो गई। निशि का कहना है कि उन्होंने पिता के उपचार के लिए आठ से 23 मई तक 20 लाख रुपये अस्पताल के खाते में जमा कराए।
स्वजन का आरोप- पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
निशि का कहना है कि यदि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो वह कोर्ट का रुख करेंगे। वहीं, पुलिस ने शिकायत के संबंध में मेडिकल काउंसिल को पत्र लिखा है। उसका जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।