Delhi: ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार भारतीय वायुसेना के पूर्व अधिकारी को मिली जमानत
पटियाला हाउस कोर्ट ने कथित तौर पर हनीट्रैप में फंसने के बाद आइएसआई (ISI) के लिए जासूसी करने के आरोपित भारतीय वायु सेना के एक पूर्व अधिकारी को जमानत दे दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अपर्णा स्वामी ने आरोपित रंजीत केके को यह देखते हुए राहत दी कि वह पहले ही सात साल से अधिक समय जेल में बिता चुका है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पटियाला हाउस कोर्ट ने कथित तौर पर हनीट्रैप में फंसने के बाद आइएसआई (ISI) के लिए जासूसी करने के आरोपित भारतीय वायु सेना के एक पूर्व अधिकारी को जमानत दे दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अपर्णा स्वामी ने आरोपित रंजीत केके को यह देखते हुए राहत दी कि वह पहले ही सात साल से अधिक समय जेल में बिता चुका है, जो कि कथित अपराध के लिए निर्धारित सजा की आधी अवधि है। न्यायाधीश ने कहा कि जेल में आरोपित का आचरण संतोषजनक था। अभियुक्त का कोई पिछला आपराधिक इतिहास या संलिप्तता भी नहीं है।
आरोपित की ओर से पेश अधिवक्ता आकाश वाजपेई और जावेद अली ने कहा कि मामले की फाइल की बारीकी से जांच से पता चलता है कि मुकदमे में देरी के लिए उनके मुवक्किल को किसी भी तरह की देरी के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। अधिवक्ता ने कहा कि रिकॉर्ड के अनुसार, सभी महत्वपूर्ण गवाहों से पूछताछ की जा चुकी है।
फिलहाल 12 गवाहों से पूछताछ बाकी है, ये सभी गवाह पुलिस अधिकारी हैं जो किसी भी मामले में उनके मुवक्किल से प्रभावित नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि उनका मुवक्किल पहले ही सात साल और लगभग 10 माह की सजा काट चुका है।
केरल के मलप्पुरम जिले के मूल निवासी रंजीत वर्ष 2010 में भारतीय वायु सेना में शामिल हुए थे। उन पर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था। जिसके लिए अधिकतम सजा 14 साल जेल है।